नाथद्वारा (राजसमंद). मेवाड़ की सबसे बड़ी होली श्रीनाथ जी की होली का विधिवत पूजन के बाद दहन हुआ. शाम 7 बजे श्रीनाथजी की संध्या आरती की झांकी के दर्शनोपरांत मंदिर से मशालची, पंड्या जी और ब्रजवासी ग्वाल-बाल रसिया गान करते हुए नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए होलिका दहन स्थल पहुंचे. जहां श्रीनाथजी की होलिका का विधिवत पूजन किया गया, जिसके बाद होली की परिक्रमा कर प्रज्वलित किया गया.
पढ़ें- जालोरः रानीवाड़ा में विधिवत पूजन के बाद किया गया होलिका दहन
श्रीनाथजी की होली नगर में ही नहीं वरन क्षेत्र में सबसे बड़ी होती है. करीब 1 हजार से ज्यादा काटों की गठरियों से होली बनाई जाती है, जो कि लगभग दो मंजिला भवन जितनी ऊंची बनती है. होलिका प्रज्वलन करने के बाद करीब चार मंजिल, लगभग 50 से 60 फीट ऊंची आग की लपटें उठती हैं. इसका निर्माण एक ऊंचे टीले पर किया जाता है, जिसे होली मंगरा कहा जाता है. उंचाई पर होने के कारण इसे पूरे नाथद्वारा नगर से देखा जा सकता है.