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चेतना दिवस पर जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन

राजसमंद के देवगढ़ में मंगलवार को चेतना दिवस पर पर जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान महिलाओं ने उज्ज्वल और गौरवशाली भविष्य को लेकर चर्चा की.

चेतना दिवस पर जागरूकता संगोष्ठी, Awareness seminar on chetna day in deogarh
चेतना दिवस पर जागरूकता संगोष्ठी
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Published : Jan 19, 2021, 4:06 PM IST

देवगढ़ (राजसमंद). क्षेत्र में मंगलवार को चेतना दिवस पर जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कैरियर महिला मंडल संरक्षक भावना पालीवाल और मंडल अध्यक्ष निशा चुण्डावत ने किया. इस दौरान कई युवतियों और महिलाओं ने भाग लिया.

भावना पालीवाल ने कहा की कैसा घबराना, पीछे छोड़ दें जमाना' युग परिवर्तन के साथ नारियों का संसार भी तेजी से परिवर्तित हो रहा है. महिलाएं अपने उज्ज्वल और गौरवशाली भविष्य की ओर कदम बढ़ा रही हैं. यह बदलाव इसलिए और भी सुखद लगता है, क्योंकि घर की दहलीज के भीतर सहमी, सकुचाई, ठिठकीसी रहने को विवश नारी आज परिवार के साथ खुद आत्मनिर्भर भी बन रही है.

पढ़ें- राजस्थान कांग्रेस संगठन के बाद अब बनाएगी रिसर्च विंग, संभाग और जिला स्तर पर भी बनेंगे प्रवक्ता

मंडल अध्यक्ष निशा चुण्डावत ने कहा कि जागरूकता के पंख लिए नारी समाज की उड़ान को अभी कई और पड़ाव तय करने है. स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था यदि किसी देश की प्रगति देखनी है, तो वहां की महिलाओं की स्थिति देख लो. वास्तव में महिला की प्रगति ही देश की प्रगति है. पिछले कुछ दशकों में भारतीय महिलाओं ने कई बड़े बदलाव का सामना किया है.

चेतना दिवस पर क्या बोली महिलाएं

बेटियों के पंख मजबूत हैं

संगीता रेगर ने कहा कि वर्तमान में बदलाव दिख रहा है. बेटियां आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं. वह काम का हर क्षेत्र चुन रही हैं, जहां पुरुषों का एकाधिकार था. हमारी बेटियों के पंख मजबूत हैं, उन्हें उड़ने के लिए खुला आसमान चाहिए.

शिक्षा से ही विकास संभव

हिना सालवी ने कहा कि शिक्षा से ही महिलाओं का विकास संभव है, शिक्षित होने पर ही वह अपने अधिकार और सम्मान की बातें कर पाएंगी. खुद निर्णय ले पाएंगी और अन्य को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकेंगी.

जागरूक रहे हर युवती

मीना योगी ने कहा कि आज मौलिक अधिकार और कर्तव्यों के साथ-साथ जागरूक होने के साथ हमे आधुनिक, सभ्य, सबल होना चाहिए. जिससे हम अपने परिवार के साथ समाज मे अपना योगदान दे सके.

पढ़ें- जालोर बस अग्निकांड पर भड़की सियासत...अब वसुंधरा ने की दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

महिलाओं में सृजन क्षमता

गायत्री पंवार ने कहा कि महिलाओं में सृजन की क्षमता है. इसके बल पर वह पूरे समाज को बदल सकती है. कुरीतियां खत्म कर सकती हैं. निश्चित ही यह मुहिम रंग लाएगी. महिलाओं को आगे बढ़ाने में इस प्रकार की संगोष्ठी मददगार है.

देवगढ़ (राजसमंद). क्षेत्र में मंगलवार को चेतना दिवस पर जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कैरियर महिला मंडल संरक्षक भावना पालीवाल और मंडल अध्यक्ष निशा चुण्डावत ने किया. इस दौरान कई युवतियों और महिलाओं ने भाग लिया.

भावना पालीवाल ने कहा की कैसा घबराना, पीछे छोड़ दें जमाना' युग परिवर्तन के साथ नारियों का संसार भी तेजी से परिवर्तित हो रहा है. महिलाएं अपने उज्ज्वल और गौरवशाली भविष्य की ओर कदम बढ़ा रही हैं. यह बदलाव इसलिए और भी सुखद लगता है, क्योंकि घर की दहलीज के भीतर सहमी, सकुचाई, ठिठकीसी रहने को विवश नारी आज परिवार के साथ खुद आत्मनिर्भर भी बन रही है.

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मंडल अध्यक्ष निशा चुण्डावत ने कहा कि जागरूकता के पंख लिए नारी समाज की उड़ान को अभी कई और पड़ाव तय करने है. स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था यदि किसी देश की प्रगति देखनी है, तो वहां की महिलाओं की स्थिति देख लो. वास्तव में महिला की प्रगति ही देश की प्रगति है. पिछले कुछ दशकों में भारतीय महिलाओं ने कई बड़े बदलाव का सामना किया है.

चेतना दिवस पर क्या बोली महिलाएं

बेटियों के पंख मजबूत हैं

संगीता रेगर ने कहा कि वर्तमान में बदलाव दिख रहा है. बेटियां आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं. वह काम का हर क्षेत्र चुन रही हैं, जहां पुरुषों का एकाधिकार था. हमारी बेटियों के पंख मजबूत हैं, उन्हें उड़ने के लिए खुला आसमान चाहिए.

शिक्षा से ही विकास संभव

हिना सालवी ने कहा कि शिक्षा से ही महिलाओं का विकास संभव है, शिक्षित होने पर ही वह अपने अधिकार और सम्मान की बातें कर पाएंगी. खुद निर्णय ले पाएंगी और अन्य को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकेंगी.

जागरूक रहे हर युवती

मीना योगी ने कहा कि आज मौलिक अधिकार और कर्तव्यों के साथ-साथ जागरूक होने के साथ हमे आधुनिक, सभ्य, सबल होना चाहिए. जिससे हम अपने परिवार के साथ समाज मे अपना योगदान दे सके.

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महिलाओं में सृजन क्षमता

गायत्री पंवार ने कहा कि महिलाओं में सृजन की क्षमता है. इसके बल पर वह पूरे समाज को बदल सकती है. कुरीतियां खत्म कर सकती हैं. निश्चित ही यह मुहिम रंग लाएगी. महिलाओं को आगे बढ़ाने में इस प्रकार की संगोष्ठी मददगार है.

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