प्रतापगढ़. कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने का एकमात्र उपाय लॉकडाउन को माना जा रहा है, लेकिन लोग लॉकडाउन को लेकर कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा प्रतापगढ़ जिला अस्पताल के हालत देखकर लगाया जा सकता है. जिला अस्पताल में रोगियों की संख्या कम नहीं हो रही है. मंगलवार को 400 के लगभग रोगियों का पंजीयन किया गया. कई लाेग ताे छोटी मोटी बीमारियों के बहाने अस्पताल आ रहे हैं.
इनमें से कई रोगी सिरदर्द, बदन दर्द, हाथ में दर्द, हाथ पैरों में खुजली जैसी सामान्य बीमारियों के होते हैं. वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने के बाद दवाई लेने के लिए रोगी जिस लाइन में लगे होते हैं, उसमें एक दूसरे से सटकर खड़े होते हैं. वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हैं.
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ऐसे में अस्पताल प्रशासन भी किसी तरह की सतर्कता बरतता नजर नहीं आ रहा. अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों को सोशल डिस्टेंसिंग समझाने के लिए कोई खास उपाय नहीं किया जा रहा. कोई भी वहां उन्हें प्रेरित करने वाला नहीं है. ऐसे में लॉकडाउन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. अस्पताल में में रोगियों की संख्या भी कम नहीं हो रही है.
लोग लापरवाही पर उतारू है
हालत ये है कि शुक्रवार को अस्पताल गेट के बाहर भी रोगियों की लाइन लगी हुई थी. अस्पताल में सुरक्षा के लिए गार्ड भी नजर नहीं आए. भीड़ को देखकर चिकित्सक भी घबराए हुए हैं. कई बार चिकित्सक बिना लाइन में खड़े रोगियों से दूर-दूर लाइन में खड़े होने का आग्रह करते हैं, लेकिन लोग नहीं मान रहें. अस्पताल में डाक्टरों को दिखाने के बाद निशुल्क दवाई के काउंटर पर लोगों की लम्बी कतार देखने को मिली. यहां सोशल डिस्टेंसिंग की कोई भी पालना नहीं की जा रही है, न ही लोगों को जागरूक करने के लिए यहां कोई है.
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कोरोना रोकथाम के लिए टीम गठित
वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, जिले भर में अब तक 15 लाख के करीब लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. जिले में कोरोना वायरस को लेकर चिकित्सा विभाग लगातार स्क्रीनिंग में जुटा हुआ है. वायरस को लेकर चल रहे अलर्ट मोड के तहत चिकित्सा विभाग ने शुक्रवार को भी स्क्रीनिंग जारी रखी. अब इसमें उन लोगों को जोड़ा जाएगा, जिनके यहां जरूरत होने के बावजूद अभी तक स्क्रीनिग नहीं की गई है. स्वास्थ्य विभाग जिले में कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क है.