प्रतापगढ़. जिले में सरकार की ओर से शुरू की गई समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद पर संकट के बादल छाने लगे हैं. खरीद केन्द्रों पर बारदाने (बोरियां) खत्म हो गई हैं. मंडी प्रशासन ने गेहूं खरीद ऐजेंसी राजफैड को कुछ दिन पहले ही बारदानों की डिमांड भी भेजी थी. लेकिन अब तक बोरियां नहीं पहुंची हैं.
जिले में फिलहाल एक लाख बोरियों की जरूरत है. ऐसे में किसानों को पंजीयन होने के बाद भी गेहूं की खरीद नहीं हो पा रही है. किसानों को डर सता रहा है कि अब कहीं मजबूरन उन्हें कम दाम में गेहूं ना बेचना पड़े. जिले में समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 22 केन्द्र खोले गए हैं. इनमें से प्रतापगढ़ केन्द्र पर एफसीआई की ओर से खरीद की जा रही है.
- 22 केन्द्रों पर जिले में हो रही गेहूं की खरीद
- 915 किसानों ने अरनोद में कराया पंजीयन
- 290 किसानों से ही अब तक हुई खरीदी
- 1 लाख बारदानों की जिले में और जरूरत
जबकि, अन्य केन्द्रों पर राजफैड की ओर से खरीदी की जा रही है लेकिन अब खरीद केंद्रों में बोरियों की कमी हो गई है. अकेले प्रतापगढ़ के खरीद केन्द्र में ही 50 हजार बोरियों की मांग है, जबकि अरनोद में 20 हजार बोरियों की मांग भेज रखी है. करीब तीस हजार बोरियां जिले के अन्य खरीद केन्द्रों को चाहिए. इस प्रकार करीब एक लाख बोरियों की और जरूरत है तब जाकर जिले में पूरे किसानों की गेहूं खरीद संभव हो सकेगी. अब बात प्रतापगढ़ की करें तो यहां पर सिर्फ एक दिन की खरीद के लिए ही बोरियां है वहीं अरनोद में तीन दिन से खरीदी बंद चल रही है.
अरनोद में तीन दिन से बंद है खरीद:
यहां समर्थन मूल्य पर खरीद केन्द्र पर पिछले तीन दिन से बारदाना नहीं है. ऐसे में खरीद भी नहीं हो पा रही है. क्रय-विक्रय सहकारी समिति के व्यवस्थापक कृष्णदास वैरागी ने बताया कि क्षेत्र में अरनोद, दलोट, सालमगढ़, बड़ीसाखथली, मोहेड़ा में गेहूं की खरीद की जा रही है. लेकिन तीन दिन से बारदाना खत्म हो गए हैं. वैरागी के मुताबिक, अरनोद इलाके में गेहूं के लिए कुल 915 किसान पंजीयन करा चुके हैं. इनमें से 290 किसानों का ही गेहूं तुल सका है. जबकि 625 किसानों का और गेहूं तुलना शेष है ऐसे में यहां 20 हजार बारदानों की मांग आगे भेजी गई है.
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प्रतापगढ़ में भी शनिवार के बाद बंद हो सकती है खरीद:
प्रतापगढ़ के बगवास स्थित कृषि उपज मंडी में एफसीआई की ओर से गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है. इसके तहत अब तक 36 हजार 883 क्विंटल की खरीद हो चुकी है. जबकि यहां अभी 50 हजार बारदानों की ओर आवश्यकता है. साथ ही यहां अभी जितनी भी बोरियां हैं वो सिर्फ शनिवार तक के लिए ही पर्याप्त हैं. ऐसे में रविवार तक अगर बोरियां नहीं पहुंची तो यहां भी खरीद बंद हो जाएगी.