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शर्मनाकः शराबियों का अड्डा बना विद्या का मंदिर, शाम होते ही टकराने लगते हैं 'जाम'

जहां एक ओर भारत में विद्यालयों को संस्कार का केंद्र माना जाता है वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने विद्यालयों को ही मयखाना बना डाला है. मामला है प्रतापगढ़ के छोटी सादड़ी का, जहां के लोगों को ऐसे ही हालातों का सामना आए दिन करना पड़ता है. कई बार प्रशासन से कार्रवाई की मांग भी की गई लेकिन कुछ नहीं किया गया. ऐसे में शराबी बेखौफ होकर प्रतिदिन शाम होते ही विद्यालय में अपना जमावड़ा लगा देते हैं.

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Published : Feb 10, 2020, 5:54 PM IST

Pratapgarh news, प्रतापगढ़ की खबर
प्राथमिक विद्यालय को ही बना डाला मयखाना

छोटी सादड़ी (प्रतापगढ़). हमारे भारत की एक परंपरा है कि विद्यालयों को संस्कार का केंद्र माना जाता है. हमारे बड़े-बुजुर्ग हमें विद्यालय शिक्षा और अच्छे संस्कार ग्रहण करने के लिए भेजते है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते है जो विद्यालयों को ही अपने अय्याशी का अड्डा बना लेते है. ऐसा ही एक मामला प्रतापगढ़ के छोटी सादड़ी में सामने आया है.

प्राथमिक विद्यालय को ही बना डाला मयखाना

हम बात कर रहे है शहर के दांता भैरव मंदिर के समीप इंदिरा कॉलोनी की, जहां इन दिनों राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल शराबियों का अड्डा बना हुआ है. प्रतिदिन स्कूल परिसर में शराब की बोतलें बिखरी पड़ी मिलती है. हालात यह है कि शाम ढलते ही यहां शराबियों का जमावड़ा लग जाता है.

पढ़ें- प्रतापगढ़: हाईकोर्ट से आए आदेश के बाद अमलावद गांव पहुंचकर प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण

बता दें कि कक्षा 8 तक संचालित इस स्कूल में सैकड़ों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. सुबह जब स्कूल खुलता है तो यहां के अध्यापकों और छात्रों को सबसे पहले शराबियों की ओर से की गई करतूतों का सामना करना पड़ता है. शराबियों की ओर से फेंकी गई शराब की बोतलों को समेटने का कार्य भी शिक्षक और बच्चों को मिलकर करना पड़ता है.

स्कूल की दुर्दशा यह है कि यहां कोई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नहीं है, जिसके कारण यहां के अध्यापकों और छात्रों को ही शराब की बोतलें उठानी पड़ती है. स्कूल परिसर की दीवारें नीचे होने की वजह से शराबी आसानी से स्कूल परिसर के अंदर प्रवेश कर जाते है और स्कूल को मयखाना बना देते हैं. साथ ही शराब बोतलों को भी वहीं फोड़ जाते हैं.

पढ़ें- प्रतापगढ़ : दूध की आड़ में 10 लाख की ले जा रहे थे शराब, 2 आरोपी गिरफ्तार

इस पर शिक्षकों और मोहल्लेवासियों का कहना है कि इस बारे में पुलिस को कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. स्कूल में शराबियों के आतंक के चलते स्कूल के बच्चों में भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है. कई बार अधिकारियों से भी शिकायत की गई लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकला है. ऐसे में शराबियों के हौसले और भी बुलंद होते जा रहे है. इससे आसपास के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छोटी सादड़ी (प्रतापगढ़). हमारे भारत की एक परंपरा है कि विद्यालयों को संस्कार का केंद्र माना जाता है. हमारे बड़े-बुजुर्ग हमें विद्यालय शिक्षा और अच्छे संस्कार ग्रहण करने के लिए भेजते है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते है जो विद्यालयों को ही अपने अय्याशी का अड्डा बना लेते है. ऐसा ही एक मामला प्रतापगढ़ के छोटी सादड़ी में सामने आया है.

प्राथमिक विद्यालय को ही बना डाला मयखाना

हम बात कर रहे है शहर के दांता भैरव मंदिर के समीप इंदिरा कॉलोनी की, जहां इन दिनों राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल शराबियों का अड्डा बना हुआ है. प्रतिदिन स्कूल परिसर में शराब की बोतलें बिखरी पड़ी मिलती है. हालात यह है कि शाम ढलते ही यहां शराबियों का जमावड़ा लग जाता है.

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बता दें कि कक्षा 8 तक संचालित इस स्कूल में सैकड़ों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. सुबह जब स्कूल खुलता है तो यहां के अध्यापकों और छात्रों को सबसे पहले शराबियों की ओर से की गई करतूतों का सामना करना पड़ता है. शराबियों की ओर से फेंकी गई शराब की बोतलों को समेटने का कार्य भी शिक्षक और बच्चों को मिलकर करना पड़ता है.

स्कूल की दुर्दशा यह है कि यहां कोई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नहीं है, जिसके कारण यहां के अध्यापकों और छात्रों को ही शराब की बोतलें उठानी पड़ती है. स्कूल परिसर की दीवारें नीचे होने की वजह से शराबी आसानी से स्कूल परिसर के अंदर प्रवेश कर जाते है और स्कूल को मयखाना बना देते हैं. साथ ही शराब बोतलों को भी वहीं फोड़ जाते हैं.

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इस पर शिक्षकों और मोहल्लेवासियों का कहना है कि इस बारे में पुलिस को कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. स्कूल में शराबियों के आतंक के चलते स्कूल के बच्चों में भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है. कई बार अधिकारियों से भी शिकायत की गई लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकला है. ऐसे में शराबियों के हौसले और भी बुलंद होते जा रहे है. इससे आसपास के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Intro:छोटीसादडी। स्कूल संस्कार के केंद्र होते हैं। परिजन अपने बच्चों को स्कूल में शिक्षा और अच्छे संस्कार ग्रहण करने के लिए भेजते हैं। लेकिन शहर के दांता भैरव मंदिर के समीप इंदिरा कॉलोनी पर चल रहे राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल में इन दिनों शराबियों का अड्डा बना हुआ। स्कूल परिसर में शराब की बोतलें बिखरी पड़ी मिलती है। हालात यह है कि शाम ढलते ही यहां शराबियों का जमावड़ा लग जाता है। कक्षा 8 तक संचालित स्कूल में सैकड़ों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। सुबह जब स्कूल खुलता है, तो यहां के अध्यापकों ओर छात्रों को सबसे पहले शराबियों द्वारा की गई करतूतों का सामना करना पड़ता है। शराबी द्वारा फेंकी गई शराब की बोतलों का समेटने का कार्य भी शिक्षक व बच्चों को करना पड़ता है। स्कूल की दुर्दशा यह है कि यहां कोई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नहीं है। जिसके कारण यहां के अध्यापकों व छात्रों को ही शराब की बोतलें उठानी पड़ती। स्कूल परिसर की दीवारें नीचे होने की वजह से शराबी आसानी से स्कूल परिसर के अंदर प्रवेश कर स्कूल को मयखाना बना देते हैं। साथ ही कई शराबी तो देर रात को स्कूल परिसर के बाहर भी बेखोफ बैठकर शराब का सेवन करते है। और शराब की बोतलों को भी फोड़ जाते हैं। शिक्षकों एवं मोहल्लेवासियों का कहना है कि इस बारे में पुलिस को कई बार शिकायत भी की। लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। स्कूल में शराबियों के आतंक के चलते स्कूल के बच्चों में भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है. कई बार अधियारियों से शिकायत करने के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. ऐसे में शराबियों के हौसले और भी बुलंद होते जा रहे है. स्कूल के पास में बसी आवासीय कॉलोनी के लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामान को करना पड़ रहा है.Body:बाइट - मुकेश शर्मा, स्थानीय रहवासीConclusion:शराबियों का आतंक
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