छोटी सादड़ी (प्रतापगढ़). हमारे भारत की एक परंपरा है कि विद्यालयों को संस्कार का केंद्र माना जाता है. हमारे बड़े-बुजुर्ग हमें विद्यालय शिक्षा और अच्छे संस्कार ग्रहण करने के लिए भेजते है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते है जो विद्यालयों को ही अपने अय्याशी का अड्डा बना लेते है. ऐसा ही एक मामला प्रतापगढ़ के छोटी सादड़ी में सामने आया है.
हम बात कर रहे है शहर के दांता भैरव मंदिर के समीप इंदिरा कॉलोनी की, जहां इन दिनों राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल शराबियों का अड्डा बना हुआ है. प्रतिदिन स्कूल परिसर में शराब की बोतलें बिखरी पड़ी मिलती है. हालात यह है कि शाम ढलते ही यहां शराबियों का जमावड़ा लग जाता है.
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बता दें कि कक्षा 8 तक संचालित इस स्कूल में सैकड़ों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. सुबह जब स्कूल खुलता है तो यहां के अध्यापकों और छात्रों को सबसे पहले शराबियों की ओर से की गई करतूतों का सामना करना पड़ता है. शराबियों की ओर से फेंकी गई शराब की बोतलों को समेटने का कार्य भी शिक्षक और बच्चों को मिलकर करना पड़ता है.
स्कूल की दुर्दशा यह है कि यहां कोई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नहीं है, जिसके कारण यहां के अध्यापकों और छात्रों को ही शराब की बोतलें उठानी पड़ती है. स्कूल परिसर की दीवारें नीचे होने की वजह से शराबी आसानी से स्कूल परिसर के अंदर प्रवेश कर जाते है और स्कूल को मयखाना बना देते हैं. साथ ही शराब बोतलों को भी वहीं फोड़ जाते हैं.
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इस पर शिक्षकों और मोहल्लेवासियों का कहना है कि इस बारे में पुलिस को कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. स्कूल में शराबियों के आतंक के चलते स्कूल के बच्चों में भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है. कई बार अधिकारियों से भी शिकायत की गई लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकला है. ऐसे में शराबियों के हौसले और भी बुलंद होते जा रहे है. इससे आसपास के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.