प्रतापगढ़. कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन चल रहा है. इस दौरान पुलिस के कई रूप लोगों को देखने को मिल रहे हैं. लोगों की भलाई के लिए पुलिस कभी सख्त रुख अपना रही है, तो कभी आगे आकर उनकी हर संभव मदद की कोशिश कर रही है. पिछले 3 दिनों में पुलिस ने प्रतापगढ़ जिले में मौजूद साढ़े चार हजार से ज्यादा मजदूरों की स्क्रीनिंग कर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम किया है. इस दौरान पुलिस ने स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर उनके भोजन का इंतजाम भी किया.
मिनी सचिवालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कलेक्टर अनुपमा जोरवाल और पुलिस अधीक्षक पूजा अवाना ने बताया कि, लॉकडाउन के दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के साथ पुलिस सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन कर रही है. पिछले 3 दिनों में इलाकों से गुजरने वाले लगभग साढ़े चार हजार मजदूरों की स्क्रीनिंग करवाकर, उन्हें वाहनों के माध्यम से अपने गंतव्य तक पहुंचाया गया है. इसमे कुछ मजदूर प्रतापगढ़ जिले के थे, तो कुछ झाबवा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर में फंसे हुए थे. इन मजदूरों में कुछ रास्ते में फंसे हुए थे या दूसरे इलाकों में मजदूरी कर वापस लौट रहे थे. पुलिस ने जिले की सीमाओं से गुजर रहे ऐसे मजदूरों को स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर भोजन मुहैया कराया और उनकी स्क्रीनिंग करवा कर उनको घरों तक भिजवाया.
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एसपी अवाना ने बताया कि, इस दौरान उन्हें एक दूसरे के बीच कम से कम 1 मीटर की दूरी रखने, बार-बार हाथ धोने, मास्क लगाने और घर में रहने की हिदायत भी दी गई. जिले में कोराना के दो पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद कई लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है. जिन पर पुलिस कड़ी निगरानी रखे हुए है.
कलेक्टर अनुपमा जोरवाल ने आगे कहा कि, शहर में आवश्यक सेवाओं को बहाल रखा गया है. राशन, सब्जी, दवाइया, दूध, पेट्रोल और डीजल की सप्लाई चालू है. यहां पर व्यवस्था बनाने के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए है. लोगों से अपने घरों से न निकलने की अपील की जा रही है. जब तक कोई आवश्यक काम न हो तब तक लोग अपने-अपने घरों से न निकले और पुलिस का सहयोग करें.