प्रतापगढ़. शहर के नई आबादी स्थित विमंदित बालगृह पर मानसिक और विमंदित बालक बालिकाओं के साथ निशा चौधरी एक मां की तरह काम कर रही है. विमंदित बच्चों की देखभाल कर रही निशा चौधरी की दिनचर्या भी अब इन बच्चों के साथ जुड़ चुकी है. करीब 8 सालों से विमंदित बच्चों के साथ रहकर निशा अपनी सेवाएं दे रहीं हैं.
निशा बताती है कि इन बच्चों के साथ रहकर उन्हे काफी सुकून का अहसास होता है. निशा मां बनकर उन बच्चों की सेवा कर रहीं हैं, जिनके मां-बाप ने भी उन बच्चों को विमंदित गृह में छोड़ रखा है. कहते हैं सेवा ही परम धर्म है और इसी को चरितार्थ करने का काम विमंदित गृह में 40 बच्चों की मां बन कर उनकी सेवा करके निशा चौधरी कर रही है.
विमंदित गृह के बच्चों की अच्छाइयों को देखते हैं. निशा मानव सेवा का काम हर कोई करना चाहता है, लेकिन इसके लिए पूरा समय कोई भी नहीं दे पाता है. विमंदित गृह में भी समय-समय पर आमजन अपने बच्चों के साथ आकर जन्मदिन की खुशियां मनाते हैं तो कई लोग अपने परिजनों की पुण्यतिथि पर यहां सेवा के लिए पहुंचते हैं. लेकिन यहां इन बच्चों का ख्याल रखने वाली निशा हमेशा ही इन बच्चों की सेवा के लिए तैयार रहती है.
पढ़ें- महिला दिवस : हरमाड़ा पुलिस थाने में महिला पुलिसकर्मियों का हुआ सम्मान
निशा बताती है कि इन बच्चों में कुछ ऐसे भी हैं, जो गाना गाते हैं तो किसी का खेल की ओर रुझान है, इन बच्चों के अंदर के हुनर को केवल पहचानने की जरूरत है. निशा बच्चों को डांस और संगीत भी सिखाती है. विमंदित गृह में करीब 40 बच्चे रहते हैं जिनके लिए अकेली निशा इन बच्चों की देखभाल कर एक मां के आंचल की तरह 40 बच्चों को छाव दे रही है.