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आशियाने को तरसता गाडोलिया लोहारों का परिवार...कुछ इस तरह लड़ रहा जिंदगी की 'जंग' - Prime Minister Housing Scheme

दो वक्त की रोटी और सिर पर एक छत हर किसी का सपना होता है. इस सपने को पूरा करने के लिए ही पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना बनाई है, लेकिन जमीनी हकीकत तो यह है कि इस योजना का लाभ उन परिवारों को ही नहीं मिल पाता है, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. पढ़ें पूरी खबर...

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अपने आशियाने को तरसते ये गाडोलिया लोहारों के परिवार
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Published : Jul 5, 2020, 12:36 PM IST

प्रतापगढ़. लोगों को रहने के लिए आश्रय मिल सके. इस उद्देश्य से ही पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना की नींव रखी थी, लेकिन अगर धरातल स्तर पर देखा जाए तो कई जगहों पर आज भी लोग छत के लिए तरस रहे हैं. उन्हें ना तो अपना घर मिला है और ना ही कोई सरकारी सुविधा.

आशियाने को तरसते गाडोलिया लोहार

ऐसे ही कुछ परिवार प्रतापगढ़ का रहने वाला गाडोलिया लोहारों के हैं. इन परिवारों के लोग आज भी सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं. इनके पास रहने के लिए ही कोई ठिकाना नहीं है. पीएम आवास योजना के पात्र होने के बावजूद 20 सालों से ये परिवार नाले के पास बने झोपड़े में रहने को मजबूर है.

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परिवार की महिलाएं बताती हैं कि सरकार की तरफ से अभी तक पीएम आवास योजना के तहत उन्हें घर नहीं मिला है और ना ही जहां वे रह रहे हैं वहां उनका पट्टा बन पाया है. घर के सामने एक बड़ा नाला है, उसे ही पार करके गुजरना पड़ता है. करीब 20 साल हो गए यहां रहते हुए...नाले की गंदी बदबू झोपड़े में हमेशा आती रहती है. कीडे़ मकोड़े भी झोपड़े में घुस जाते हैं.

महिलाओं ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि पिछले साल भी बारिश ज्यादा होने के कारण नाला ओवरफ्लो हो गया. जिसके बाद उन्हें 2 दिन तक भूखा ही रहना पड़ा था. गाडोलिया लोहारों का 8 से 10 परिवार यहां रहता है, लेकिन अब तक उन्हें पीएम आवास योजना के तहत आश्रय नहीं मिल पाया है. एक छोटे से झोपड़े में रहकर ये सब अपनी जिंदगी के दिन काट रहे हैं.

परिवार के सदस्य 2 वक्त की रोटी कमाने के लिए लोहे के औजार बनाने का काम करते हैं. इससे ही इनका गुजारा-भत्ता चलता है. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान काम बंद होने से खाने की बड़ी समस्या आई, लेकिन कुछ भामाशाहों की वजह से ये अपना पेट भर पाए. साथ ही कई बार सरकार की तरफ से कभी-कभी इन्हें राशन सामग्री मिल जाती थी.

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इस परिवार की मांग है कि सरकार की योजना की लाभ इन्हें भी मिल जाए तो इतनी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. साथ ही नाले के ऊपर पुलिया या भी पत्थर ही लगवा दिए जाएं, जिससे इनकी समस्या का त्वरित समाधान हो सके और इन्हें थोड़ी बहुत राहत को मिल सके.

प्रतापगढ़. लोगों को रहने के लिए आश्रय मिल सके. इस उद्देश्य से ही पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना की नींव रखी थी, लेकिन अगर धरातल स्तर पर देखा जाए तो कई जगहों पर आज भी लोग छत के लिए तरस रहे हैं. उन्हें ना तो अपना घर मिला है और ना ही कोई सरकारी सुविधा.

आशियाने को तरसते गाडोलिया लोहार

ऐसे ही कुछ परिवार प्रतापगढ़ का रहने वाला गाडोलिया लोहारों के हैं. इन परिवारों के लोग आज भी सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं. इनके पास रहने के लिए ही कोई ठिकाना नहीं है. पीएम आवास योजना के पात्र होने के बावजूद 20 सालों से ये परिवार नाले के पास बने झोपड़े में रहने को मजबूर है.

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परिवार की महिलाएं बताती हैं कि सरकार की तरफ से अभी तक पीएम आवास योजना के तहत उन्हें घर नहीं मिला है और ना ही जहां वे रह रहे हैं वहां उनका पट्टा बन पाया है. घर के सामने एक बड़ा नाला है, उसे ही पार करके गुजरना पड़ता है. करीब 20 साल हो गए यहां रहते हुए...नाले की गंदी बदबू झोपड़े में हमेशा आती रहती है. कीडे़ मकोड़े भी झोपड़े में घुस जाते हैं.

महिलाओं ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि पिछले साल भी बारिश ज्यादा होने के कारण नाला ओवरफ्लो हो गया. जिसके बाद उन्हें 2 दिन तक भूखा ही रहना पड़ा था. गाडोलिया लोहारों का 8 से 10 परिवार यहां रहता है, लेकिन अब तक उन्हें पीएम आवास योजना के तहत आश्रय नहीं मिल पाया है. एक छोटे से झोपड़े में रहकर ये सब अपनी जिंदगी के दिन काट रहे हैं.

परिवार के सदस्य 2 वक्त की रोटी कमाने के लिए लोहे के औजार बनाने का काम करते हैं. इससे ही इनका गुजारा-भत्ता चलता है. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान काम बंद होने से खाने की बड़ी समस्या आई, लेकिन कुछ भामाशाहों की वजह से ये अपना पेट भर पाए. साथ ही कई बार सरकार की तरफ से कभी-कभी इन्हें राशन सामग्री मिल जाती थी.

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इस परिवार की मांग है कि सरकार की योजना की लाभ इन्हें भी मिल जाए तो इतनी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. साथ ही नाले के ऊपर पुलिया या भी पत्थर ही लगवा दिए जाएं, जिससे इनकी समस्या का त्वरित समाधान हो सके और इन्हें थोड़ी बहुत राहत को मिल सके.

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