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प्रदूषण मामले में सुस्ती पर गर्म हुए पाली कलक्टर, जेडएलडी प्लांट को लेकर बैठक जल्द - elecation

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों की पालना में लापरवाही को लेकर बैठक का आयोजन किया गया.

सीईटीपी के पदाधिकारियों पर जेडएलडी प्लांट की लापरवाही को लेकर काफी गुस्सा दिखाया.
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Published : Apr 2, 2019, 2:05 PM IST

पाली.नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों की पालना में लापरवाही को लेकर बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने सीटीपी फाउंडेशन और नगर परिषद पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने सीईटीपी के पदाधिकारियों पर जेडएलडी प्लांट की लापरवाहीको लेकर काफी गुस्सा दिखाया.

सीईटीपी के पदाधिकारियों पर जेडएलडी प्लांट की लापरवाही को लेकर काफी गुस्सा दिखाया.

साथ ही उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अंतिम समय में भी आपको पाली के उद्योग को बचाने के लिए जेडएलडी प्लांट लगाना ही होगा. इस पर सीईटीपी फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बुधवार को बैठक रखकर इस समस्या को हल करने के लिए आश्वस्त किया.

इस बैठक में मौजूद नगर परिषद के पदाधिकारियों ने भी कहा के शहर के सीवरेज लाइनओं से निकलने वाले गंदे पानी को बांडी नदी में छोड़ने की बजाए ट्रीट किया जाए. वहीं रिव्यूज होने वाले पानी को बगीचों में काम में लिया जाए.

इससे प्रदूषण भी कम होगा और पानी की बचत भी की जा सकेगी. बैठक के अंतिम चरणों में जिला कलेक्टर ने इस बैठक से संबंधित सभी अधिकारियों को आवश्यकरूप से अपनी रिपोर्ट अलग-अलग जल्द से जल्द जमा कराने के भी निर्देश दिए हैं.

पाली.नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों की पालना में लापरवाही को लेकर बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने सीटीपी फाउंडेशन और नगर परिषद पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने सीईटीपी के पदाधिकारियों पर जेडएलडी प्लांट की लापरवाहीको लेकर काफी गुस्सा दिखाया.

सीईटीपी के पदाधिकारियों पर जेडएलडी प्लांट की लापरवाही को लेकर काफी गुस्सा दिखाया.

साथ ही उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अंतिम समय में भी आपको पाली के उद्योग को बचाने के लिए जेडएलडी प्लांट लगाना ही होगा. इस पर सीईटीपी फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बुधवार को बैठक रखकर इस समस्या को हल करने के लिए आश्वस्त किया.

इस बैठक में मौजूद नगर परिषद के पदाधिकारियों ने भी कहा के शहर के सीवरेज लाइनओं से निकलने वाले गंदे पानी को बांडी नदी में छोड़ने की बजाए ट्रीट किया जाए. वहीं रिव्यूज होने वाले पानी को बगीचों में काम में लिया जाए.

इससे प्रदूषण भी कम होगा और पानी की बचत भी की जा सकेगी. बैठक के अंतिम चरणों में जिला कलेक्टर ने इस बैठक से संबंधित सभी अधिकारियों को आवश्यकरूप से अपनी रिपोर्ट अलग-अलग जल्द से जल्द जमा कराने के भी निर्देश दिए हैं.

Intro:पाली.नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों की पालना में सुस्ती को देखकर पाली जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन सोमवार को गर्म हो गए। उन्होंने सीटीपी फाउंडेशन तथा नगर परिषद की लेटलतीफी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सीईटीपी के पदाधिकारियों पर जेडएलडी प्लांट की सुस्ती को लेकर काफी गुस्सा दिखाया। साथी ही खरे शब्दों में जिला कलेक्टर ने कहा कि या तो आप एनजीटी के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। और टेक्नोलॉजी के नाम पर समय आगे से आगे निकाल रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर यह भी कहा कि अंतिम समय में भी आपको पाली के उद्योग को बचाने के लिए जेडएलदी प्लांट लगाना ही होगा। इस पर सीईटीपी फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बुधवार को बैठक रखकर इस समस्या को हल करने के लिए आश्वस्त किया।


Body: इस बैठक में मौजूद नगर परिषद के पदाधिकारियों ने भी कहा के पाली शहर के सीवरेज लाइनओं से निकलने वाले गंदे पानी को बांडी नदी में छोड़ने की बजाए ट्रित किया जाए। और रिव्यूज होने वाले पानी को पाली में बगीचों में काम में लिया जाए। इससे प्रदूषण भी कम होगा और पानी की बचत भी की जा सकेगी। बैठक के अंतिम चरणों में जिला कलेक्टर ने इस बैठक से संबंधित सभी अधिकारियों को आवश्यक रूप से अपनी रिपोर्ट अलग-अलग जल्द से जल्द जमा कराने के भी निर्देश दिए हैं।


Conclusion: गौरतलब है कि पाली से गुजर रही बांडी नदी में कपड़ा उद्योग द्वारा लगातार प्रदूषित पानी बहाने से प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ गई थी। इस पर पाली के किसानों ने एनजीटी में मामला दर्ज करवाया था। इस पर गंभीर होते हुए एनजीटी ने पाली के कपड़ा उद्योग पर सख्त रवैया अपना लिया था। एनजीटी ने गत 31 जनवरी को पाली के प्रदूषण पर विस्तृत निर्णय देते हुए इसकी पालना करने के लिए निर्देशित किया था। इसको लेकर शासन-प्रशासन में काफी गंभीरता दिखाई तीन बार जयपुर में मुख्य सचिव स्तर पर बैठक हुई। दो बार प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने बैठक ली। साथ ही कलेक्टर भी अब तक कुल 8 बैठक लेकर एनजीटी के दिशा निर्देशों की पालना के लिए लगातार कह रहे हैं। इसके बाद भी सीटीपी नजर नहीं आ रहा है। जल्दी का प्लान मांगा गया है। वहीं नगर परिषद से सीवरेज के पानी को यूज करने के लिए कहा गया है। दोनों ही अभी तक नहीं कर पाए हैं जिससे पाली के कपड़ा उद्योग पर खतरा मंडराता जा रहा है।

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