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पाली : ठेकेदार की बड़ी लापरवाही...ब्लास्ट के 24 घंटे बाद मलबे में मिला मजदूर का शव

पाली में बीते बुधवार को एक कपड़ा फैक्ट्री में बॉयलर फटने से तेज धमाका हुआ था. जिसमें 3 श्रामिक घायल हुए थे. ऐसे में अब इस मामले में ठेकेदार और कपड़ा इकाई के संचालक की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इस ब्लास्ट के 24 घंटे बाद गुरुवार सुबह मलबे में दबे एक श्रमिक का शव मिला है.

कपड़ा फैक्ट्री में बॉयलर फटने का मामला, Boiler burst case in a textile factory
ब्लास्ट के 24 घंटे बाद मिला मजदूर का शव
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Published : Aug 13, 2020, 3:13 PM IST

पाली. शहर के सदर थाना क्षेत्र स्थित पुनायता इंडस्ट्रीज एरिया में बुधवार को कपड़ा इकाई में हुए बॉयलर ब्लास्ट के मामले में ठेकेदार और कपड़ा इकाई के संचालक की लापरवाही नजर आई. इस ब्लास्ट के 24 घंटे बाद गुरुवार सुबह मलबे में दबे एक श्रमिक का शव मिला है.

ब्लास्ट के 24 घंटे बाद मिला मजदूर का शव

इसकी जानकारी श्रमिक के परिजनों ने बुधवार रात को पुलिस को दी. परिजनों ने बताया कि इस फैक्ट्री में उनके परिवार का सदस्य काम करता था जो लौट कर घर नहीं आया है और उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ है. इस मामले में पुलिस ने जब गुरुवार सुबह फैक्ट्री में पड़े मलबे की पूरी तलाशी ली तब मलबे के बीच श्रमिक का शव बरामद किया गया. शव के मिलने के बाद फैक्ट्री के आगे श्रमिक नेताओं और श्रमिकों में रोष व्याप्त हो गया और उन्होंने शव उठाने से इनकार कर दिया.

पढ़ेंः पालीः कपड़ा फैक्ट्री में बॉयलर फटा, 3 श्रमिक जख्मी

सदर थाना प्रभारी भंवरलाल पटेल ने बताया कि बुधवार सुबह 11 बजे कपड़ा इकाई में कपड़े की चमक बढ़ाने के लिए उपयोग में लिए जाने वाले बॉयलर में प्रेशर ज्यादा होने से ब्लास्ट हो गया था. इस ब्लास्ट में तीन श्रमिकों के घायल होने की सूचना थी. जिन्हें पाली के बांगड़ अस्पताल ले जाया गया था. इसके बाद पुलिस ने वहां पर श्रमिक ठेकेदार से सभी श्रमिकों की लिस्ट मांगी और सभी की जानकारी ली.

उस समय तक ठेकेदार ने इस श्रमिक का नाम बताया ही नहीं. बुधवार शाम को केरला के कुछ लोगों ने फोन कर बताया कि केरला निवासी रणछोड़ राम इसी फैक्ट्री में काम करता था और वह घर नहीं पहुंचा है. इस पर गुरुवार सुबह पुलिस ने फिर से मलबे की जांच की तो इस मलबे में रणछोड़ राम का शव मिला.

पुलिस ने शव को पाली के बांगड़ अस्पताल स्थित मोर्चरी में रखवाया है. इधर श्रमिक ठेकेदार और कपड़ा इकाई संचालक की लापरवाही मानते हुए श्रमिकों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है और शव उठाने से इनकार कर दिया है.

पढ़ेंः अब गुटबाजी की आग भाजपा में...जिसे बुझाने के लिए आएंगे केंद्रीय मंत्री और तीन पदाधिकारी

लॉकडाउन के बाद रोजगार छीना तो फैक्ट्री में करता था मजदूरी...

मृतक श्रमिक रणछोड़ राम के साथियों ने बताया कि वह अभी-अभी नया ही फैक्ट्री में काम करने के लिए आया था. इससे पहले वह बेंगलुरु में एक दुकान पर काम करता था. लेकिन, लॉकडाउन लगने के बाद इसका रोजगार छिन गया और वह अपने गांव केरला आ गया. रोजगार के लिए जब पाली में फिर से कपड़ा इकाइयां शुरू हुई तो यहां पर वह मजदूरी करने लगा.

पाली. शहर के सदर थाना क्षेत्र स्थित पुनायता इंडस्ट्रीज एरिया में बुधवार को कपड़ा इकाई में हुए बॉयलर ब्लास्ट के मामले में ठेकेदार और कपड़ा इकाई के संचालक की लापरवाही नजर आई. इस ब्लास्ट के 24 घंटे बाद गुरुवार सुबह मलबे में दबे एक श्रमिक का शव मिला है.

ब्लास्ट के 24 घंटे बाद मिला मजदूर का शव

इसकी जानकारी श्रमिक के परिजनों ने बुधवार रात को पुलिस को दी. परिजनों ने बताया कि इस फैक्ट्री में उनके परिवार का सदस्य काम करता था जो लौट कर घर नहीं आया है और उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ है. इस मामले में पुलिस ने जब गुरुवार सुबह फैक्ट्री में पड़े मलबे की पूरी तलाशी ली तब मलबे के बीच श्रमिक का शव बरामद किया गया. शव के मिलने के बाद फैक्ट्री के आगे श्रमिक नेताओं और श्रमिकों में रोष व्याप्त हो गया और उन्होंने शव उठाने से इनकार कर दिया.

पढ़ेंः पालीः कपड़ा फैक्ट्री में बॉयलर फटा, 3 श्रमिक जख्मी

सदर थाना प्रभारी भंवरलाल पटेल ने बताया कि बुधवार सुबह 11 बजे कपड़ा इकाई में कपड़े की चमक बढ़ाने के लिए उपयोग में लिए जाने वाले बॉयलर में प्रेशर ज्यादा होने से ब्लास्ट हो गया था. इस ब्लास्ट में तीन श्रमिकों के घायल होने की सूचना थी. जिन्हें पाली के बांगड़ अस्पताल ले जाया गया था. इसके बाद पुलिस ने वहां पर श्रमिक ठेकेदार से सभी श्रमिकों की लिस्ट मांगी और सभी की जानकारी ली.

उस समय तक ठेकेदार ने इस श्रमिक का नाम बताया ही नहीं. बुधवार शाम को केरला के कुछ लोगों ने फोन कर बताया कि केरला निवासी रणछोड़ राम इसी फैक्ट्री में काम करता था और वह घर नहीं पहुंचा है. इस पर गुरुवार सुबह पुलिस ने फिर से मलबे की जांच की तो इस मलबे में रणछोड़ राम का शव मिला.

पुलिस ने शव को पाली के बांगड़ अस्पताल स्थित मोर्चरी में रखवाया है. इधर श्रमिक ठेकेदार और कपड़ा इकाई संचालक की लापरवाही मानते हुए श्रमिकों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है और शव उठाने से इनकार कर दिया है.

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लॉकडाउन के बाद रोजगार छीना तो फैक्ट्री में करता था मजदूरी...

मृतक श्रमिक रणछोड़ राम के साथियों ने बताया कि वह अभी-अभी नया ही फैक्ट्री में काम करने के लिए आया था. इससे पहले वह बेंगलुरु में एक दुकान पर काम करता था. लेकिन, लॉकडाउन लगने के बाद इसका रोजगार छिन गया और वह अपने गांव केरला आ गया. रोजगार के लिए जब पाली में फिर से कपड़ा इकाइयां शुरू हुई तो यहां पर वह मजदूरी करने लगा.

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