बाली (पाली). कुम्भलगढ़ अभयारण्य में शुक्रवार सुबह 8 बजे से वॉटर हॉल्स पद्दति से वन्यजीव गणना का कार्य शुरू हो गया है. शुक्रवार को पूर्णिमा की चांदनी में पूरी रात जंगल जागता रहेगा और लगभग 95 से अधिक मचानों पर 250 से अधिक गणकों की चौकन्नी निगाहें वॉटर हॉल्स पर पहुंचने वाले हर वन्य जीव की गतिविधियों पर रहेंगी. बता दें कि शनिवार सुबह 8 बजे तक गणना जारी रहेगी. इस बार खास बात ये हैं कि गणक और इनके साथ बैठे वनकर्मियों को सोशल डिस्टेंस, मास्क, सैनिटाइजर आदि का उपयोग करना होगा.
पाली, राजसमंद और उदयपुर जिलों की सीमाओं में 506 वर्ग किलोमीटर अरावली पर्वतमालाओं में स्थित कुम्भलगढ़ अभयारण्य पांच रेंज क्रमश: झीलवाड़ा, सादड़ी, देसूरी, बोखाड़ा और कुम्भलगढ़ में बटा है. वन क्षेत्र में 200 से अधिक प्रजाति के पक्षी हैं. अभयारण्य में शाकाहारी, मांसाहारी, रेप्टाइल्स और पक्षी वर्ग के जीव बहुतायत हैं. इनकी हर साल में बुद्ध पूर्णिमा को गणना होती है.
इस साल ये गणना ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को हो रही है. 5 रेंज में कुल 158 वॉटर हॉल्स के अलावा रावली टाडगढ़ में 65, जवाई पैन्थर कंजर्वेशन में 10-12 और पाली वन मण्डल अधिनस्थ बाली वन क्षेत्र में कुल 13 कृत्रिम-प्राकृतिक वॉटर हॉल्स पर वन्यजीव गणना की जा रही हैं.
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चन्द्रग्रहण, खराब मौसम, जनगणना से पहले हुई बारिश के बीच हो रही गणना की स्थितियां आने वाले आंकड़ों से ही स्पष्ट होगी. उप वन संरक्षक फतेह सिंह राठौड़, सहायक वनसंरक्षक यादवेन्द्र सिंह चुण्डावत, रेंजर किशन सिंह राणावत सादड़ी, जयन्तीलाल गरासिया बोखाड़ा, किशोर सिंह कुम्भलगढ़, भैरूसिंह राठौड़, देसूरीव देवेन्द्र पुरोहित झीलवाड़ा वन्यजीव गणना की मॉनिटरिंग में जुटे हुए हैं.