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कब्रगाह बना कुआं! 15 दिन बाद भी कुएं से नहीं निकाला जा सका मजदूर का शव, रिपोर्ट में खतरनाक बताया कुएं में उतरना - Sumerpur labor incident

पाली के सुमेरपुर उपखंड स्थित कानेलाव गांव में बीते 27 सितंबर को मजूदर मुपाराम कुआं खोदने नीचे उतरा था. लेकिन उसी दरमियान कुएं की जमीन ढह गई और मुपाराम उसमें दब गया. आनन-फानन में प्रशासन ने उसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद अब प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए हैं.

laborer not removed from well, कुएं से नहीं निकला मजदूर का शव
कुएं से नहीं निकला मजदूर का शव
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Published : Oct 12, 2020, 12:41 PM IST

पाली. कुएं में से मजदूर मुपाराम के शव को निकालना, पाली प्रशासन के लिए एक कड़ी चुनौती बन गया है. जहां सुमेरपुर उपखंड के कानपुरा गांव में बीते 27 सितंबर को काम करते वक्त मिट्टी धंसने से दबे श्रमिक मुपाराम मीणा के शव को निकालने के प्रयास अब फिके से नजर आने लगे हैं.

कुएं से नहीं निकला मजदूर का शव

बता दें कि उक्त घटना के बाद प्रभारी मंत्री के पास शिकायत पहुंचने के बाद जिला कलेक्टर ने कुएं से शव निकालने के लिए जिस कमेटी का गठन किया था. उस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंप दी है. कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुएं में किसी को भी शव निकालने के लिए नहीं उतारा जा सकता. कुएं में किसी श्रमिक को उतारना उसके लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

पढ़ेंः कब्रगाह बना कुआं! 10 दिन बाद भी कुएं से नहीं निकाला जा सका मजदूर का शव, दोबारा जगी उम्मीद

जिला कलेक्टर द्वारा गठित टीम ने बीते दिनों कुएं की 3 घंटे तक अलग-अलग एंगल से वीडियोग्राफी करवाई और मिट्टी का परीक्षण भी किया. उसके बाद अपनी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपी है. इधर, 27 सितंबर से 15 दिन बाद भी मुपाराम के परिजन और समाज बंधु उसके शव को कुएं से बाहर निकालने की गुहार को लेकर जनप्रतिनिधियों के कार्यालय के आगे चक्कर काट रहे हैं.

बता दें कि जिला कलेक्टर द्वारा तकनीकी इंजीनियरों की टीम तैयार की गई है. उस टीम का नेतृत्व जलदाय विभाग के एक्सईएन सलीम कुरैशी कर रहे हैं. सलीम कुरैशी ने अपनी रिपोर्ट से पहले शव निकालने के लिए बेबी वेल तकनीकी संभावना जताई थी, लेकिन अब इस तकनीक से भी समय निकालना संभव नहीं है. पहले 5 दिन तक जुगाड़ पद्धति बाद में 5 लाख का बजट, अब तकनीकी अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद साफ दिख रहा है कि प्रशासन के पास अब कुए को ही कब्र मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

तकनीकी टीम द्वारा अलग-अलग एंगल से जिला कलेक्टर और सुदीप को रिपोर्ट सौंपी गई है. उस रिपोर्ट के अनुसार

1. तकनीकी टीम ने कुएं की वीडियोग्राफी करवाई है. इसमें सबसे डरावना भाग मिट्टी कंकड़ पत्थर के भाग 11.55 मीटर से 13. 50 मीटर तक नीचे गहरा और चौड़ा हिस्सा है जो लगभग 5 मीटर गहराई में 13.50 मीटर से 18.50 मीटर तक कुए के एक तरफ का हिस्सा है. शेष हिस्से में आरसीसी के फर्मे में है जो खिसक गया हैं.

2. कुएं में 18.40 मीटर से 23.30 मीटर नीचे 5.90 मीटर पानी का भराव मिला है. उसके नीचे का भाग क्षतिग्रस्त होने से उसके नीचे की मिट्टी नहीं नापी जा सकी है.

3. कुएं मालिक से पूछताछ में पता चला है कि कुएं की गहराई करीब 28.50 मीटर है. इसमें लगभग 5 मीटर का मलबा दलदल के रूप में है. इस 5 मीटर के मलबे के नीचे श्रमिक का शव दबा हुआ है.

पढ़ेंः पाली: सुमेरपुर में कृषि कुएं में गिरे युवक के शव को निकालने का रेस्क्यू 40 घंटे से जारी

ये था मामला

पाली जिले के सुमेरपुर उपखंड के कानपुरा गांव स्थित एक कृषि कुएं में खुदाई का काम करते वक्त बीते 27 सितंबर रविवार शाम मिट्टी ढहने से एक मजूदर मुपाराम कुएं में दब गया. घटना का पता चलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कार्य शुरू किया.

पाली. कुएं में से मजदूर मुपाराम के शव को निकालना, पाली प्रशासन के लिए एक कड़ी चुनौती बन गया है. जहां सुमेरपुर उपखंड के कानपुरा गांव में बीते 27 सितंबर को काम करते वक्त मिट्टी धंसने से दबे श्रमिक मुपाराम मीणा के शव को निकालने के प्रयास अब फिके से नजर आने लगे हैं.

कुएं से नहीं निकला मजदूर का शव

बता दें कि उक्त घटना के बाद प्रभारी मंत्री के पास शिकायत पहुंचने के बाद जिला कलेक्टर ने कुएं से शव निकालने के लिए जिस कमेटी का गठन किया था. उस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंप दी है. कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुएं में किसी को भी शव निकालने के लिए नहीं उतारा जा सकता. कुएं में किसी श्रमिक को उतारना उसके लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

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जिला कलेक्टर द्वारा गठित टीम ने बीते दिनों कुएं की 3 घंटे तक अलग-अलग एंगल से वीडियोग्राफी करवाई और मिट्टी का परीक्षण भी किया. उसके बाद अपनी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपी है. इधर, 27 सितंबर से 15 दिन बाद भी मुपाराम के परिजन और समाज बंधु उसके शव को कुएं से बाहर निकालने की गुहार को लेकर जनप्रतिनिधियों के कार्यालय के आगे चक्कर काट रहे हैं.

बता दें कि जिला कलेक्टर द्वारा तकनीकी इंजीनियरों की टीम तैयार की गई है. उस टीम का नेतृत्व जलदाय विभाग के एक्सईएन सलीम कुरैशी कर रहे हैं. सलीम कुरैशी ने अपनी रिपोर्ट से पहले शव निकालने के लिए बेबी वेल तकनीकी संभावना जताई थी, लेकिन अब इस तकनीक से भी समय निकालना संभव नहीं है. पहले 5 दिन तक जुगाड़ पद्धति बाद में 5 लाख का बजट, अब तकनीकी अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद साफ दिख रहा है कि प्रशासन के पास अब कुए को ही कब्र मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

तकनीकी टीम द्वारा अलग-अलग एंगल से जिला कलेक्टर और सुदीप को रिपोर्ट सौंपी गई है. उस रिपोर्ट के अनुसार

1. तकनीकी टीम ने कुएं की वीडियोग्राफी करवाई है. इसमें सबसे डरावना भाग मिट्टी कंकड़ पत्थर के भाग 11.55 मीटर से 13. 50 मीटर तक नीचे गहरा और चौड़ा हिस्सा है जो लगभग 5 मीटर गहराई में 13.50 मीटर से 18.50 मीटर तक कुए के एक तरफ का हिस्सा है. शेष हिस्से में आरसीसी के फर्मे में है जो खिसक गया हैं.

2. कुएं में 18.40 मीटर से 23.30 मीटर नीचे 5.90 मीटर पानी का भराव मिला है. उसके नीचे का भाग क्षतिग्रस्त होने से उसके नीचे की मिट्टी नहीं नापी जा सकी है.

3. कुएं मालिक से पूछताछ में पता चला है कि कुएं की गहराई करीब 28.50 मीटर है. इसमें लगभग 5 मीटर का मलबा दलदल के रूप में है. इस 5 मीटर के मलबे के नीचे श्रमिक का शव दबा हुआ है.

पढ़ेंः पाली: सुमेरपुर में कृषि कुएं में गिरे युवक के शव को निकालने का रेस्क्यू 40 घंटे से जारी

ये था मामला

पाली जिले के सुमेरपुर उपखंड के कानपुरा गांव स्थित एक कृषि कुएं में खुदाई का काम करते वक्त बीते 27 सितंबर रविवार शाम मिट्टी ढहने से एक मजूदर मुपाराम कुएं में दब गया. घटना का पता चलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कार्य शुरू किया.

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