पाली. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश भर में अनिश्चित हड़ताल पर बैठे पटवारियों के कारण पाली जिले में भी लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पाली जिले में भी 378 पटवार मंडलों का कार्य पूरी तरह से बिगड़ चुका है. ऐसे में किसानों की जमाबंदी, गिरदावरी, नामांतरण, म्यूटेशन जैसे एक कार्य नहीं हो पा रहे हैं. कई दिनों से पटवार घरों के ताले लटके हुए हैं. पटवारियों ने पहले ही इन्हें दिए गए अतिरिक्त गांव के बस्ते तहसील कार्यालय में जमा करवा दिए थे. अब बचे हुए पटवारी भी अपने बस्ते कार्यालय में जमा करवा चुके हैं. यानी कि अब जिले में सभी पटवारी हड़ताल पर चले गए हैं.
इधर, अब सबसे बड़ी समस्या हाल ही में शुरू हुई भर्तियों के चलते युवाओं को आ रही है. एसआई, कृषि पर्यवेक्षक, विधि रचनाकार सहित कहीं भर्तियों के लिए युवा आवेदन करना चाहते हैं. इसको लेकर ईडब्ल्यूएस, जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए वह पटवारी को ढूंढ रहे हैं. लेकिन, पटवार कार्यालय के ताले लगे हुए हैं. ऐसे में लोगों की समस्या जिला स्तर तक भी पहुंच रही है, जिसका समाधान अभी तक नहीं निकल पाया है.
पाली में खाली पटवारी पड़ ब्लॉकवार
- पाली - 41
- बाली - 42
- रोहट - 33
- रायपुर - 36
- जैतारण - 37
- सुमेरपुर - 33
- सोजत - 46
- मारवाड़ जंक्शन - 51
- देसूरी - 25
- रानी - 31
बता दें कि 15 जनवरी से प्रदेश में सभी पटवारी 3600 ग्रेड पे को लेकर अनिश्चित हड़ताल पर चले गए थे. इसके साथ ही उन्होंने खाली पटवारी के पदों को भरने की भी मांग की थी. पटवारियों का कहना था कि एक एक पटवारी पर तीन से चार अतिरिक्त पटवार मंडलों की जिम्मेदारी है. जिसके कारण वह अपना कार्य भी नहीं कर पा रहे थे. इस हड़ताल के तहत सबसे पहले पटवारियों ने उन्हें दे रखे अतिरिक्त चार्ज के बस्ते तहसील कार्यालय में जमा करवा दिए थे. अब पटवारियों ने इस हड़ताल को और भी ज्यादा उग्र रूप दे दिया है और सभी पटवार पर ताले लगा दिए हैं.