पाली. जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह हो चुकी है. हर दिन कोरोना से मौत हो रही है. साथ ही हर दिन 100 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब पाली में कोरोना संक्रमण की डराने वाली स्थिति के बीच प्रशासन अब खासा चिंतित नजर आ रहा है. लेकिन, पाली में लोग अभी भी इस संक्रमण को फैलाने में किसी भी प्रकार की कसर नहीं छोड़ रहे हैं. बाजारों, सब्जी मंडी और पाली के सबसे बड़े बांगड़ अस्पताल तक में लोगों की लापरवाही साफ नजर आती है.
पाली के बांगड़ अस्पताल में अब एक भी बेड खाली नहीं है. ऐसे में बांगड़ अस्पताल प्रबंधन की ओर से अस्पताल में अन्य सामान्य वार्ड को खाली करवा कर उन्हें भी कोरोना वार्ड बनाने की जुगत की जा रही है. इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन की ओर से अधिकारियों से विशेष चर्चा भी की जा रही है. साथ ही आने वाले समय में और भी भयावह के मद्देनजर प्रशासन की ओर से पाली शहर के निजी अस्पतालों को भी संक्रमित मरीजों के लिए रिजर्व करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. वहीं, पानी में मौत के आंकड़े की बात करें तो हर दिन किसी ना किसी संक्रमित मरीज की मौत हो रही है. पिछले 3 दिनों में पाली में 16 से ज्यादा संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. ऐसे में पाली के हिंदू सेवा मंडल में शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए भी अब कतार नजर आ रही है.
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गौरतलब है कि प्रशासन की ओर से जिले में हर प्रकार की सख्ती की जा रही है और लोगों से जागरूक रहने की अपील की जा रही है. लेकिन, इसके बावजूद पाली में संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. पाली में अब तक 7019 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और 96 मरीजों मौत की हो चुकी है. वहीं, 5755 मरीज स्वस्थ होकर लौटे अपने घर लौट चुके हैं. पाली में पिछले माह की तरह सितंबर महीने में भी कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट में घट चुका है. सितंबर से पहले कोरोना संक्रमित मरीज 3-4 दिनों में स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट रहे थे. लेकिन, अब कई मरीज ऐसे हैं, जिनमें संक्रमण की स्थिति 10 दिन बाद भी ज्यों की त्यों बनी हुई है. सितंबर के 20 दिनों में कुल 32 लोगों की जान कोरोना संक्रमण के चलते गई है, जो कोरोना काल में सबसे ज्यादा है. पाली में अब अस्पताल के वार्ड के बेड खाली होने में भी खासा समय लग रहा है. इसको लेकर प्रशासन, चिकित्सा व्यवस्था और जनप्रतिनिधियों सहित सभी चिंतित है.
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वायरस बदल रहा है अपना स्वरूप
पाली मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की मानें तो अब कोरोना वायरस के स्वरूप में खासा बदलाव आया है. शुरुआती समय में कोरोना वायरस का संक्रमण इतने बड़े स्तर पर नहीं था. लेकिन, अब धीरे धीरे इसके स्वरूप में काफी बदलाव आया है. इसमें मौसम, लोगों के स्वास्थ्य और संक्रमण की स्थिति तीनों महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. विशेषज्ञों ने बताया कि पहले सिर्फ ये माना जा रहा था कि गंभीर रोग से ग्रस्त लोगों को ही इस संक्रमण से सुरक्षित रहना चाहिए. लेकिन, अब स्वस्थ्य व्यक्ति भी इसकी चपेट में आने के बाद मौत के मुंह में जा रहे हैं.
पिछले 4 महीने में कोरोना संक्रमण से बुजुर्ग लोगों की जान सबसे ज्यादा गई थी. लेकिन, सितंबर माह के 20 दिनों में ज्यादातर युवाओं की मौत हुई. बताया ये भी जा रहा है कि उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी या उनके किसी भी प्रकार की हिस्ट्री में किसी भी प्रकार का रोग नहीं था. ऐसे में डॉक्टर्स ने अब इस संक्रमण को लेकर चिंता जाहिर की है. साथ ही बढ़ रहे संक्रमण में सबसे ज्यादा आम जनता की लापरवाही को बता है. डॉक्टरों ने ये भी चेतावनी दी है कि अगर आम जनता अब भी इसी तरह से लापरवाही करती रही तो आने वाला समय पाली के लिए काफी दर्दनाक हो सकता है.
बांगड़ अस्पताल में बढ़ाए जा रहे हैं बेड
मनगढ़ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल की मानें तो शुरुआती समय में पाली में कम ही संक्रमित मरीज सामने आ रहे थे. ऐसे में कोरोना से पीड़ित मरीजों के लिए 103 बेड के 4 वार्ड सुरक्षित किए गए थे. लेकिन, अब स्थितियां विपरीत हो चुकी हैं. इसके चलते अब जिस प्रकार से संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. वहीं, बांगड़ अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं है. आने वाला समय में और भी भयानक स्थिति हो सकती है. इसको लेकर अब बांगड़ अस्पताल में अन्य सामान्य वार्ड को भी कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए खोला जा रहा है और अब बेड की संख्या 200 तक बढ़ाई जा रही है. इसके साथ ही निजी अस्पतालों से भी इस संबंध में चर्चा की जा रही है.
पाली श्मशान में लग रही है अब शवों की कतार
पाली जिले में पिछले 3 दिनों की बात करें तो बांगड़ अस्पताल व जोधपुर में संक्रमण के चलते 16 लोगों की मौत हो चुकी है. कोविड-19 के नियमों के तहत उनका अंतिम संस्कार पाली जिला मुख्यालय पर बने हिंदू सेवा मंडल में किया जा रहा है. ऐसे में पिछले 4 दिनों से हुई मौत के चलते यहां शवों की कतार सी नजर आ रही है. एक के बाद एक परिजन मृतक के शव को लाकर उसका अंतिम संस्कार कर रहे हैं और तुरंत उसकी अस्थियों को विसर्जित कर अगले शव को मोर्चरी से बाहर निकाला जा रहा है. इसकी पूरी निगरानी अधिकारियों द्वारा की जा रही है.