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बेटे को मृत मान परिवार ने कर दिया था अंतिम संस्कार, वो जब खुद घर लौटा तो परिवार की खुशियों का नहीं रहा ठिकाना - railway track

पाली जिले में एक युवक की गलत शिनाख्त होने की वजह से एक परिवार के सदस्यों ने उसे अपना बेटा मानकर सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ उसका अंतिम संस्कार कर दिया. इसके कुछ ही दिनों बाद वह युवक लौट आया, जिसकी मौत मानकर परिवार ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था. उसे अपनी आंखों के सामने देख परिजनों को एकबार हैरानी हुई. लेकिन उसके बाद उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. उसका माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया. वहीं गांव वाले भी आश्चर्यचकित रह गए. युवक प्रकाश भिलातों का बडिया, रतनपुरा, ब्यावर का रहने वाला है.

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Published : Oct 7, 2019, 3:23 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 6:16 PM IST

पाली. जिले में एक हादसे में मारे गया एक युवक की जेब से मिले आधार कार्ड को पहचानकर गलत शिनाख्तगी के कारण एक युवक के परिजनों ने अपना बेटा मानकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था. उसके बारहवें की रस्म भी अदा कर दी गई थी. लेकिन वो बेटा कुछ ही दिन वापस उनके घर पहुंचा तो परिजन और ग्रामीण एकबारगी हैरान रह गए. लेकिन बेटे के सकुशल घर लौटने को लेकर उनकी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा. दरअसल, ये मामला पाली और अजमेर जिले की सीमा पर आने वाले गांव भिलातो का बाड़िया, रतनपुरा, ब्यावर का है.

बेटा जब घर लौटा तो परिजनों की खुशियों का नहीं रहा ठिकाना

बता दें कि एक परिवार के इकलौते पुत्र के मौत की खबर जोधपुर पुलिस ने उन्हें दी. पुलिस ने मृतक की जेब से मिले आधार कार्ड के आधार पर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया था. शव क्षत-विक्षत होने के कारण परिजन भी उसकी ठीक से पहचान नहीं कर पाए थे. जिसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर उसका बारहवां भी कर दिया था. तभी अचानक बारहवें के बाद चौथे दिन उस परिवार का बेटा घर लौट आया. गांव लौटते ही पूरा गांव आश्चर्यचकित रह गया. यह घटना की इस समय पाली और अजमेर दोनों जिलों में चर्चा का विषय बनी हुई है.

पढ़ें- जल्द TSP क्षेत्र की विवाहित महिलाओं को भी मिल सकेगा आरक्षण का लाभ, मुख्यमंत्री ने दिए संकेत

दरअसल, 17 सितम्बर को जोधपुर के मंडोर के मगराज जी कांटा का स्थित रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई थी. युवक के पेंट की जेब से एक आधार कार्ड मिला था. जो भिलातों का बडिया, रतनपुरा, ब्यावर निवासी प्रकाशसिंह पुत्र नारायणसिंह रावत का था. इस पर पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दी. इसके बाद उन्हें बुला शव उनके सुपुर्द कर दिया था. परिजन भी मृतक का शव लेकर घर आ गए और अंतिम संस्कार सहित सभी सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार सभी बारहवें तक की सभी क्रियाओं का निर्वहन किया.

पढ़ें- उदयपुर में CM गहलोत ने की जनसुनवाई, समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों के साथ की बैठक

इसी बीच गांव के रहने वाले कालूराम का सामना जोधपुर में उसी प्रकाश से हो गया, जिसे मृत मान उसका अंतिम संस्कार तक कर दिया गया था. वह उसे देख कर अचंभित हो गया. तुरंत उसने प्रकाश के पिता और भाई को इसकी सूचना दी. सूचना मिलने पर वे जोधपुर पहुंचे और प्रकाश को जीवित देख वे अपने आंसूओं को रोक नहीं पाए. प्रकाश ने बताया कि उसका आधार कार्ड 2 माह पूर्व गुम हो गया था. शायद वह आधार कार्ड उस युवक को मिल गया हो. इसी के चलते गलतफहमी के कारण पुलिस ने शव प्रकाश का समझ उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया था.

पाली. जिले में एक हादसे में मारे गया एक युवक की जेब से मिले आधार कार्ड को पहचानकर गलत शिनाख्तगी के कारण एक युवक के परिजनों ने अपना बेटा मानकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था. उसके बारहवें की रस्म भी अदा कर दी गई थी. लेकिन वो बेटा कुछ ही दिन वापस उनके घर पहुंचा तो परिजन और ग्रामीण एकबारगी हैरान रह गए. लेकिन बेटे के सकुशल घर लौटने को लेकर उनकी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा. दरअसल, ये मामला पाली और अजमेर जिले की सीमा पर आने वाले गांव भिलातो का बाड़िया, रतनपुरा, ब्यावर का है.

बेटा जब घर लौटा तो परिजनों की खुशियों का नहीं रहा ठिकाना

बता दें कि एक परिवार के इकलौते पुत्र के मौत की खबर जोधपुर पुलिस ने उन्हें दी. पुलिस ने मृतक की जेब से मिले आधार कार्ड के आधार पर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया था. शव क्षत-विक्षत होने के कारण परिजन भी उसकी ठीक से पहचान नहीं कर पाए थे. जिसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर उसका बारहवां भी कर दिया था. तभी अचानक बारहवें के बाद चौथे दिन उस परिवार का बेटा घर लौट आया. गांव लौटते ही पूरा गांव आश्चर्यचकित रह गया. यह घटना की इस समय पाली और अजमेर दोनों जिलों में चर्चा का विषय बनी हुई है.

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दरअसल, 17 सितम्बर को जोधपुर के मंडोर के मगराज जी कांटा का स्थित रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई थी. युवक के पेंट की जेब से एक आधार कार्ड मिला था. जो भिलातों का बडिया, रतनपुरा, ब्यावर निवासी प्रकाशसिंह पुत्र नारायणसिंह रावत का था. इस पर पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दी. इसके बाद उन्हें बुला शव उनके सुपुर्द कर दिया था. परिजन भी मृतक का शव लेकर घर आ गए और अंतिम संस्कार सहित सभी सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार सभी बारहवें तक की सभी क्रियाओं का निर्वहन किया.

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इसी बीच गांव के रहने वाले कालूराम का सामना जोधपुर में उसी प्रकाश से हो गया, जिसे मृत मान उसका अंतिम संस्कार तक कर दिया गया था. वह उसे देख कर अचंभित हो गया. तुरंत उसने प्रकाश के पिता और भाई को इसकी सूचना दी. सूचना मिलने पर वे जोधपुर पहुंचे और प्रकाश को जीवित देख वे अपने आंसूओं को रोक नहीं पाए. प्रकाश ने बताया कि उसका आधार कार्ड 2 माह पूर्व गुम हो गया था. शायद वह आधार कार्ड उस युवक को मिल गया हो. इसी के चलते गलतफहमी के कारण पुलिस ने शव प्रकाश का समझ उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया था.

Intro:
पाली. किसी परिवार का इकलौता चिराग जब बुझ जाए और परिवार का रो रो कर बुरा हाल हो, परिवार खुद अपने हाथों से उसके शव का अंतिम संस्कार करें, और अपने हाथों से ही उसका 12वां शोक सभा को समाप्त करें। उस परिस्थितियों में उस परिवार पर बीतने की स्थिति उस परिवार को ही पता होती है। लेकिन जब इन सभी परिस्थितियों के बीच अगर, जिस बेटे का उन्होंने अंतिम संस्कार किया है और वह फिर से उनके दरवाजे पर आकर खड़ा होकर आवाज लगाए तो यह अविश्वसनीय घटना सबको चौंका सकती है। ऐसा ही मामला पाली व अजमेर जिले की सीमा पर आने वाले गांव भीलातो का बाड़िया में नजर आई। यहां के एक परिवार का इकलौते पुत्र के मौत की खबर जोधपुर पुलिस ने उन्हें दी थी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया। और परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर उसका 12वां कर दिया। लेकिन 12वें के चौथे दिन उस परिवार का बेटा घर लौट आया। और जब वह गांव में लौटा तो पूरा गांव एक बार आश्चर्यचकित रह गया। इस पूरे मामले को समझने के बाद में इस घटना की चर्चा पूरे जिले भर में होने लगी है।


Body:दरअसल 17 सितम्बर को जोधपुर के मंडोर के मगराज जी कांटा का स्थित रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई थी। युवक के पेंट की जेब से उसका आधार मिला था। जिस पर उसकी शिनाख्त भिलातों का बडिया, रतनपुरा, ब्यावर निवासी प्रकाशसिंह पुत्र नारायणसिंह रावत के रूप में हुई। इस पर पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना देकर शव सुपुर्द कर दिया। परिजन भी म्रतक का शव लेकर घर आ गए। और अंतिम संस्कार सहित सभी सामाजिक दस्तूरों का निर्वहन कर दिया। इसी बीच गांव के रहने वाले कालूराम का सामना जोधपुर में म्रतक प्रकाश से हो गया। वह उसे देख कर अचंभित हो गया। और तुरंत प्रकाश के पिता और भाई को इसकी सूचना दी। और वह भी जोधपुर पहुंचे और अपने पुत्र व भाई को जीवित देख उनके खुशी के आंसू निकल आए। प्रकाश ने बताया कि उसका आधार कार्ड 2 माह पूर्व गुम हो गया था। और शायद वह आधार कार्ड उस युवक को मिल गया और आधार कार्ड की गलतफहमी से ही पुलिस ने शव प्रकाश का समझ उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
Conclusion:
Last Updated : Oct 7, 2019, 6:16 PM IST
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