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पाली में मौसमी बीमारियों की दस्तक, चिकित्सा विभाग ने कसी कमर - पाली में डेंगू

पाली में डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियों ने में धीरे-धीरे अपनी दस्तक देना शुरू कर दिया है. इनसे निपटने के लिए चिकित्सा विभाग की टीम ने भी अब अपनी कमर कस ली है.

seasonal diseases in Pali, पाली न्यूज
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Published : Sep 19, 2019, 5:57 PM IST

पाली. जिले में बाढ़ जैसे हालातों पर प्रशासन अभी पूरी तरह से काबू नहीं पाया है और अब मौसमी बीमारियों का कहर पाली की जनता पर मंडराना शुरू हो चुका है. डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियों ने पाली में धीरे-धीरे अपनी दस्तक दे दी है. ऐसे में चिकित्सा विभाग की टीम ने भी अब अपनी कमर कस ली है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरीः सांसद 'दीया कुमारी' के 100 दिन का लेखा-जोखा

जिला मुख्यालय के बांगड़ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की ओपीडी 1204 पहुंच चुकी है. अस्पताल में आ रहे ज्यादातर मरीज मौसमी बीमारियों से ग्रस्त है. जिला प्रशासन जिले में पैदा हो रही विकट स्थितियों से निपटने के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाकर उनकी पालना करवा रहा है.

पाली में मौसमी बीमारियों की दस्तक

एक माह में 20 हजार से ज्यादा मरीज बुखार से ग्रस्त

पाली में 1 अगस्त से 13 सितंबर तक मलेरिया के 39, डेंगू के 2, बुखार के 20555 और उल्टी दस्त के 732 मरीज सामने आ चुके हैं. जिलेभर में मलेरिया व डेंगू की बात करें तो चिकित्सा विभाग ने पाली के 14 गांवों को हाई रिस्क जोन में शामिल किया है. इसमें सबसे ज्यादा बाली और रायपुर के गांव हैं.

मच्छरों की डेंसिटी बढ़ी

जिले में चिकित्सा विभाग की ओर से कई गांव में मच्छरों के कहर देखते हुए डेंसिटी को मापा गया है. जिले में बरसात की वजह से बढ़ चुकी है. वर्तमान में चिकित्सा विभाग की ओर से की गई जांच में पाली में मच्छरों के घनत्व के मामले में एच1-4.71 से 9.35 और बी1 - 9.45 से 17.98 मापा गया है.

जिले में शुरू हुआ एक्शन प्लान

पाली सीएमएचओ डॉ. आर.पी मिर्धा ने बताया कि जिले में मौसमी बीमारियों की दस्तक के बाद में चिकित्सा विभाग की ओर से एक्शन प्लान तैयार कर दिया गया है. मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण करने के लिए जिले में 700 मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है. यह टीमें अपने-अपने क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों की काउंसलिंग कर रही हैं.

पाली. जिले में बाढ़ जैसे हालातों पर प्रशासन अभी पूरी तरह से काबू नहीं पाया है और अब मौसमी बीमारियों का कहर पाली की जनता पर मंडराना शुरू हो चुका है. डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियों ने पाली में धीरे-धीरे अपनी दस्तक दे दी है. ऐसे में चिकित्सा विभाग की टीम ने भी अब अपनी कमर कस ली है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरीः सांसद 'दीया कुमारी' के 100 दिन का लेखा-जोखा

जिला मुख्यालय के बांगड़ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की ओपीडी 1204 पहुंच चुकी है. अस्पताल में आ रहे ज्यादातर मरीज मौसमी बीमारियों से ग्रस्त है. जिला प्रशासन जिले में पैदा हो रही विकट स्थितियों से निपटने के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाकर उनकी पालना करवा रहा है.

पाली में मौसमी बीमारियों की दस्तक

एक माह में 20 हजार से ज्यादा मरीज बुखार से ग्रस्त

पाली में 1 अगस्त से 13 सितंबर तक मलेरिया के 39, डेंगू के 2, बुखार के 20555 और उल्टी दस्त के 732 मरीज सामने आ चुके हैं. जिलेभर में मलेरिया व डेंगू की बात करें तो चिकित्सा विभाग ने पाली के 14 गांवों को हाई रिस्क जोन में शामिल किया है. इसमें सबसे ज्यादा बाली और रायपुर के गांव हैं.

मच्छरों की डेंसिटी बढ़ी

जिले में चिकित्सा विभाग की ओर से कई गांव में मच्छरों के कहर देखते हुए डेंसिटी को मापा गया है. जिले में बरसात की वजह से बढ़ चुकी है. वर्तमान में चिकित्सा विभाग की ओर से की गई जांच में पाली में मच्छरों के घनत्व के मामले में एच1-4.71 से 9.35 और बी1 - 9.45 से 17.98 मापा गया है.

जिले में शुरू हुआ एक्शन प्लान

पाली सीएमएचओ डॉ. आर.पी मिर्धा ने बताया कि जिले में मौसमी बीमारियों की दस्तक के बाद में चिकित्सा विभाग की ओर से एक्शन प्लान तैयार कर दिया गया है. मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण करने के लिए जिले में 700 मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है. यह टीमें अपने-अपने क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों की काउंसलिंग कर रही हैं.

Intro:

- जिलेभर में 700मेडिकल टीमों का गठन

- बांगड़ अस्पताल की ओपीडी हुई 1200 पर

पाली. जिले में बाढ़ जैसे हालात तो पर प्रशासन अभी पूरी तरह से काबू नहीं पा पाया है। और अब मौसमी बीमारियों का कहर पाली की जनता पर मंडराना शुरू हो चुका है। डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियों ने पाली में धीरे-धीरे अपनी दस्तक दे दी है। ऐसे में चिकित्सा विभाग की टीम ने भी अब अपनी कमर कस ली है। लेकिन धीरे-धीरे हालात विकट होते जा रहे हैं। पाली जिला मुख्यालय की बात करें तो बांगड़ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की ओपीडी 1204 पहुंच चुकी है। अस्पताल में आ रहे ज्यादातर मरीज मौसमी बीमारियों से ग्रस्त है। इधर जिला प्रशासन जिले भर में पैदा हो रहे इस विकट स्थितियों से निपटने के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाकर उनकी पालना करवा रहा है।




Body:एक माह में 20 हजार से ज्यादा बुखार से ग्रस्त

पाली में बरसात की दस्तक 15 अगस्त से हो चुकी थी। इसके बाद से ही मौसमी बीमारियों के मरीज सामने आना शुरू हो गए थे। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पाली में 1 अगस्त से 13 सितंबर तक मलेरिया के 39, डेंगू के 2, बुखार के 20555 ओर उल्टी दस्त के 732 मरीज सामने आ चुके हैं।

14 गांव हाईरिस्क जोन में

जिलेभर में मलेरिया व डेंगू की बात करें तो चिकित्सा विभाग ने पाली के 14 गांवों को हाईरिस्क जॉन में शामिल किया है। इसमें सबसे ज्यादा बाली ओर रायपुर के गांव हैं।

मच्छरों की डेनसिटी बढ़ी

जिले में चिकित्सा विभाग की ओर से कई गांव में मच्छरों के कहर देखते हुए डेनसिटी को मापा गया है। जिले में बरसात की वजह से बढ़ चुकी है। वर्तमान में चिकित्सा विभाग की ओर से की गई जांच में पाली में मच्छरों के घनत्व के मामले में एच1 - 4.71 से 9.35 ओर बी1 - 9.45 से 17.98 मापा गया है।

जिले में शुरू हुआ एक्शन प्लान

पाली सीएमएचओ डॉ. आर.पी मिर्धा ने बताया कि जिले में मौसमी बीमारियों की दस्तक के बाद में चिकित्सा विभाग की ओर से जिले में एक्शन प्लान तैयार कर दिया गया है। जिले में मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण करने के लिए मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है। यह टीमें अपने-अपने क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों की काउंसलिंग कर रही है।


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