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पाली में संतों ने परम्परा को रखा जिंदा, किया रावण का दहन - विजयादशमी पर्व

पाली में सोमवार को रामलीला मैदान में संतों की मौजूदगी में रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में कई हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता और संत मौजूद रहे. वहीं, इस रावण दहन के दौरान संतों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंस की पूरी पालना की गई.

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पाली में संतों ने किया रावण का दहन
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Published : Oct 27, 2020, 1:06 AM IST

पाली. सरकार की ओर से भले ही इस बार दशहरा और आतिशबाजी पर रोक लगा दी हो, लेकिन पाली में संतों ने विजयादशमी की परंपरा को जिंदा रखा. सोमवार शाम को पाली के रामलीला मैदान में संतों की मौजूदगी में रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया.

इस कार्यक्रम में कई हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता और संत मौजूद रहे. हालांकि इस मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस जाब्ता भी रामलीला मैदान में लग गया, लेकिन इस रावण दहन के दौरान संतों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंस की पूरी पालना की गई.

रावण दहन संत सुजनदास महाराज के नेतृत्व में किया गया. सरकार की ओर से लगाई गई रोक के बाद भी संत ने रविवार को ही परंपराओं को जिंदा रखने के लिए सभी त्योहार मनाने की बात कही थी. इसके बाद सोमवार को हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने रावण, कुंभकरण और मेघनाद का पुतला तैयार किया.

पढ़ें- पाली: सड़कों को दुरुस्त करने के लिए उच्चाधिकारियों ने दिए निर्देश

वहीं, सोमवार शाम को ढोल नगाड़ों के साथ राम लक्ष्मण जानकी की सवारी शहर के मुख्य मार्गों से निकाली गई. इसके बाद यह सवारी की रामलीला मैदान पहुंची. जहां पर सभी की मौजूदगी में तीनों पुतलों को जलाया गया. इस दौरान काफी आतिशबाजी भी की गई.

पाली. सरकार की ओर से भले ही इस बार दशहरा और आतिशबाजी पर रोक लगा दी हो, लेकिन पाली में संतों ने विजयादशमी की परंपरा को जिंदा रखा. सोमवार शाम को पाली के रामलीला मैदान में संतों की मौजूदगी में रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया.

इस कार्यक्रम में कई हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता और संत मौजूद रहे. हालांकि इस मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस जाब्ता भी रामलीला मैदान में लग गया, लेकिन इस रावण दहन के दौरान संतों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंस की पूरी पालना की गई.

रावण दहन संत सुजनदास महाराज के नेतृत्व में किया गया. सरकार की ओर से लगाई गई रोक के बाद भी संत ने रविवार को ही परंपराओं को जिंदा रखने के लिए सभी त्योहार मनाने की बात कही थी. इसके बाद सोमवार को हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने रावण, कुंभकरण और मेघनाद का पुतला तैयार किया.

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वहीं, सोमवार शाम को ढोल नगाड़ों के साथ राम लक्ष्मण जानकी की सवारी शहर के मुख्य मार्गों से निकाली गई. इसके बाद यह सवारी की रामलीला मैदान पहुंची. जहां पर सभी की मौजूदगी में तीनों पुतलों को जलाया गया. इस दौरान काफी आतिशबाजी भी की गई.

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