बाली (पाली). नारलाई ग्राम में लोहे के तार के फंदे में फंसे पैंथर के एक साल के नर शावक को सुरक्षित निकाला गया. नन्हें शावक को निकालने में वन विभाग की रेस्कयू टीम सफल रही. रेस्कयू सेंटर में जब इस पैंथर को लाया गया तो पाली एसपी सहित कई आला अफसर उसे देखने पहुंचे.
बताया जा रहा है कि सोमवार को सुबह सुंधा माता मंदिर से सटे बेरे पर किसान परिवार खेतीबाड़ी का काम कर रहा था. तभी एक बालिका बाड़ की तरफ गई तो उसने किसी वन्य जीव की आवाज सुनी तो डर कर भागी और मौजूद लोगों को जानकारी दी. किसानों ने बाड़ के पास जाकर देखा कि पैंथर बाड़ में लगे लोहे के तार के फंदे में फंसा हुआ है. इस पर एक किसान ने दोपहर 12 बजे वन विभाग को सूचित किया. इस पर वन कार्मी मौके पर तो पहुंचे लेकिन लोहे के तार से उलझे पैंथर को निकालना मुश्किल था. इस पर रेंजर करणसिंह राजपुरोहित ने उदयपुर और जोधपुर में उच्चाधिकारियों से सम्पर्क किया. जिसके बाद शाम को उदयपुर और जोधपुर से रेस्कयू टीमें पहुंची.
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उन्होंने पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर बेहोशी की हालत में लोहे के तार के फंदे से सुरक्षित बाहर निकाला और उसे देसूरी स्थित रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया. रेस्क्यू कार्रवाई में देसूरी रेंज के वनकार्मियों के अलावा नारलाई रावला हैरिटेज होटल के अजयपाल सिंह, भूपेंद्रसिंह, खेतसिंह, उगमसिंह और ग्रामीण पुखराज चौधरी ने भी सहयोग किया. वन्य जीव चिकित्सक डॉ. श्रवणसिंह राठौड़ ने बताया कि फंदा निकालकर पैंथर के शावक का स्वास्थ्य निरीक्षण किया गया. लेकिन ज्यादा जख्म नही है. उसे दवाई दी हैं और उपचार भी जारी है. 24 घंटे बाद ही इसे अन्यत्र ले जाने पर विचार होगा.
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रेंजर करणसिंह राजपुरोहित ने बताया कि यह फंदा किसके लिए लगाया गया था या जानबूझकर लगाया गया हैं, यह पता लगाया जाएगा और कोई दोषी पाया गया तो वन्य जीव अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी. जब देर शाम पैंथर के शावक को वन विभाग के वाहन से देसूरी स्थित रेस्कयू सेंटर लाया गया तो पास में ही पुलिस थाने में एक प्रकरण में पड़ताल कर रहे पाली एसपी आनंद शर्मा और बाली एडिशनल एसपी ब्रिजेश सोनी भी उसे देखने पहुंचे. इसी दौरान एडीजे सीमा मेवाड़ा, मजिस्ट्रेट पीयूष जैलिया ने भी उसे देखा. पाली डीएफओ गौरव गर्ग, वाइल्ड लाइफ रेंजर भैरुसिंह सहित वन अधिकारी और पशु चिकित्सक डॉ. नथाराम चौधरी भी मौजूद रहे.