मारवाड़ जंक्शन (पाली). क्षेत्र के राणावास गांव में बने 'श्री जैन श्रेताम्बर तेरापंथी महिला प्रशिक्षण महाविद्यालय' में गुरुकुल की तरह आज भी संगीत की धुनों पर प्रार्थना की जाती हैं. यहां पर हार्मोनियम और ढ़ोलक जैसे वाद्य यंत्रों का उपयोग प्रार्थना करने के लिए किया जाता है.
यहां महाविद्यालय के प्राचार्य जब्बर सिंह राजपुरोहित ने बताया कि बालिकाओं में संगीत के लिए रुचि बनाए रखना उनका उद्देश्य है. साथ ही हमारे संस्कारों को बचाने के लिए यह हमारी एक छोटी सी पहल है. पुरोहित ने कहा कि सुर-ताल की पहचान के उद्देश्य से भी हमने ढोलक और हार्मोनियम पर प्रार्थना करवाना शुरू किया है. इससे बालिकाओं के गायन की शैली में भी सुधार आता है.
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गौरतलब है कि राजस्थानी संस्कृति से भी आने वाली पीढ़ी को जोड़ना इसका मुख्य उद्देश्य है. हार्मोनियम की धुन और ढोलक की थाप से यहां पर हर कोई आनंदित हो जाता है.