पाली. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसका पालन किया जा रहा है. इस लॉकडाउन की कई चुनौतियां हैं. पाली जिले में सभी कपड़ा इकाइयां और अन्य कार्य बंद पड़े हैं. ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती मजदूर वर्ग के सामने अपने परिवार का पेट पालने की है. ऐसे ही चुनौतियों के बीच प्रशासन द्वारा किए जा रहे दावों की असली हकीकत शुक्रवार को सामने आई. जहां लोग अपने परिवार का दो वक्त का पेट भरने के लिए खाना नहीं मिलने पर जिला मुख्यालय आ पहुंचे.
लोगों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा लगातार सभी क्षेत्रों में खाद्य सामग्री भेजने का दावा किया जा रहा है. लेकिन अभी तक उनके परिवार तक किसी भी प्रकार की सहायता नहीं भेजी गई है. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार दोपहर को हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र से महिलाएं अपनी शिकायत लेकर रसद अधिकारी के कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने रसद अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी भी की. इसके बाद अधिकारी की मौजूदगी में उन पर खाद्य सामग्री का सभी परिवारों तक नहीं पहुंचाने का आरोप भी लगाया.
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इसमें से कई महिलाओं ने सीधे तौर पर कहा कि वो लोग मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालती हैं. लेकिन लॉकडाउन की स्थिति के चलते उन्हें मजदूरी नहीं मिल पा रही. ऐसे में प्रशासन के सामने अपने परिवार के दो वक्त का पेट भरने के लिए भोजन मांगना भी उनकी मजबूरी है. लोगों द्वारा करीब 1 घंटे तक विरोध किया गया.उसके बाद उपखंड अधिकारी रोहिताश्व सिंह तोमर ने इन सभी से मामले की जानकारी लेकर इनके घरों तक भोजन के किट पहुंचाने के निर्देश दिए.