पाली. जिले का ग्रामीण क्षेत्र किस तरह अंधविश्वास की जकड़ में है. ये मंगलवार को बांगड़ अस्पताल में देखने को मिला. कुछ ग्रामीण मृत युवक की आत्मा को अपने साथ ले जाने के नाम पर अस्पताल परिसर में लगभग 2 घंटे तक टोना-टोटका करते नजर आए. सारा घटनाक्रम आंखों के सामने होने पर भी अस्पताल प्रबंधन की ओर से इसे ड्रामे को रोकने की कोशिश नहीं की गई.
जिला मुख्यालय के बांगड़ मेडिकल हॉस्पिटल में कुछ ग्रामीण टोना-टोटका करते नजर आए. ग्रामीण ज्योत, नींबू आदि के जरीए टोटके कर रहे थे. यह पूरा ड्रामा 2 घंटे तक चला लेकिन किसी की हिमाकत नहीं हुई जो सार्वजनिक परिसर में चले इस घटनाक्रम को रोक सके.
2 वर्ष पहले मरे युवक की आत्मा को लेने पहुंचे थे परिजन
इस मामले को लेकर जब जानकारी ली गई तो बताया गया कि दो साल पहले चिताड़ गांव के तीन युवक बाइक से पाली की तरफ आ रहे थे. इस दौरान बागावास गांव के नजदीक एक दूध के टैंकर की चपेट में आने से तीनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इन युवकों को पहले सोजत के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहां से इनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए इन्हें पाली रेफर कर दिया गया था. पाली में उपचार के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी. वहीं दो युवक लंबे समय उपचार के बाद स्वस्थ हो गए थे. लेकिन इस घटना के बाद से ही दोनों युवकों की मानसिक स्थिति सही नहीं है.
ट्रॉमा वार्ड में भी की घुसने की कोशिश
इसको लेकर दोनों युवकों के परिजनों ने एक भोपे से चर्चा की तो भोपे ने दुर्घटना में मारे गए युवक की आत्मा भटकने का हवाला दिया और उस आत्मा को गांव लाने की बात कही. इसी को लेकर मंगलवार को मृतक और युवकों के परिजन बांगड़ अस्पताल पहुंचे और 2 घंटे तक अस्पताल परिसर में तंत्र-क्रियाएं करते रहे. हालांकि भोपे के साथ परिजन अस्पताल के उस बेड तक जाना चाहते थे जहां पर मृतक युवक को रखा गया था लेकिन ट्रॉमा वार्ड के गार्ड ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया.