पाली. मानसून के बाद पाली के ज्यादातर पर्यटन स्थल अपने पूरे प्राकृतिक वातावरण में आ चुके हैं. साथ ही कई सुंदर झरने भी तेजी से बह रहे हैं. हर साल मानसून के बाद इन झरनों और यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता को निहारने के लिए आम जनता की भीड़ उमड़ पड़ती है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण का असर यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता पर भी नजर आ रहा है.
पिछले 3 दिनों से पाली जिले और इसके ऊपरी क्षेत्र में हो रही बारिश के चलते यहां की सबसे सुंदर भील बेरी, गोरम घाट, रणकपुर और सादड़ी बांध सहित कई नदी नाले जो उनकी सुंदरता के लिए जाने जाते हैं वह सभी अपने चरम पर है, लेकिन आम जनता इनसे काफी दूर है. प्रशासन की ओर से यहां पर आम जनता के प्रवेश को निषेध कर रखा है. ऐसे में प्रकृति प्रेमी इन्हें नहीं निहारने पर उदास महसूस हो रही है.
![पाली का पर्यटन स्थल, Pali tourist place](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8636753_2.png)
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बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार पाली प्रशासन ने जिले के सभी पर्यटन स्थलों पर पहले से ही सख्ती बरत ली है. पाली का सबसे सुंदर गोरम घाट वन विभाग की ओर से बंद कर दिया गया है. जिसके बाद कोई भी व्यक्ति किसी भी रास्ते से नहीं जा पाएगा. अगर आम जनता वहां तक जाती है तो उन पर वन विभाग के बनाए नियमों के तहत जुर्माना लगाया जाएगा.
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भील बेरी का झरना भी पिछले 2 दिनों से शुरु हो चुका है और अपने तेज बहाव के साथ बह रहा है. लेकिन वहां भी आम जनता के प्रवेश को निषेध कर दिया है. इधर, सादड़ी क्षेत्र की बात करें तो रणकपुर बांध जो अपनी सुंदरता के लिए जिले में पहचान रखता है वह भी पूरे चरम पर बह रहा है, लेकिन इस बांध के पास कोई भी पर्यटक ना जा पाए इसको लेकर भी सादड़ी पुलिस की ओर से वहां सख्ती कर दी गई है. वहां पर प्रवेश पूरी तरह से निषेध कर दिया गया है.
![पाली का पर्यटन स्थल, Pali tourist place](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8636753_1.png)
हर सीजन में लाखों लोग आते हैं
बता दें कि जब पर्वतमाला पर हेरिटेज ट्रेन की बात होती है तो राजस्थान के लोगों को पाली का गोरम घाट याद आता है. यहां आज भी छोटी पटरी पर रेल गाड़ी मानसून सीजन में पर्यटकों को गोरम घाट तक पहुंचाती है. हर साल गोरम घाट के झरने शुरू होने के बाद यहां 50,000 से ज्यादा लोग घूमने के लिए आते हैं. यह आंकड़ा वन विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले टिकट के आधार पर है.
![पाली का पर्यटन स्थल, Pali tourist place](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8636753_4.png)
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वहीं, कामलीघाट के रास्ते पर आने वाले भील बेरी की स्थिति भी इसी प्रकार है. भील बेरी के झरने के शुरू होने के बाद यह करीब 2 माह तक इसी गति में बहता है. इसके चलते 2 माह में यहां 25 से 30,000 लोग घूमने के लिए आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटक भी काफी निराश हैं.