पाली. जिले में शुक्रवार को पूरी रात कहीं मूसलाधार तो कहीं हल्की बारिश का दौर चला. इस बारिश से सड़कों पर नदियों की तरह पानी बहा और जगह-जगह जल भराव होने से वाहन चालकों को आवागमन में कठिनाई झेलनी पड़ी. कुल 62.70 फीट भराव क्षमता वाले रणकपुर बांध में 54.20 फीट जलस्तर हो गया हैं.
नदी बहने से इस बांध में एकाएक 8 फीट की बढोत्तरी हो गई. लेकिन अब भी यह बांध 8.50 फीट खाली हैं. लेकिन नदी मघाई बहने से निरन्तर आवक जारी हैं.
इधर,बाली क्षेत्र में लाटाडा बांध गुरुवार को ही ओवरफ्लो हो गया. यह पहला बांध हैं जो क्षेत्र में अल्प वर्षा के बावजूद अरावली पर्वतमाला पर बारिश होने छलक गया हैं. बांध के ओवरफ्लो होने से बाली नदी बहने लगी हैं.
बांध पर 0.25 फीट चादर चल रही हैं. मिठड़ी बांध अब 7 फीट और जूना मालारी बांध 5.50 फीट ही खाली हैं. बदस्तूर बारिश जारी रही तो ये बांध भी जल्दी ओवरफ्लो हो जाएंगे.
'बांधों पर हुई जोरदार बारिश'
जल संसाधन विभाग,बाली के एईएन ताराराम गहलोत के अनुसार पिछले 24 घण्टे में प्रातः 8 बजे तक बाली तहसील मुख्यालय पर 43 मिमी व देसूरी तहसील मुख्यालय पर 68 मिमी बारिश दर्ज की गई. जबकि मिठड़ी बांध पर 85 मिमी,दांतीवाड़ा बांध पर 54 मिमी, रणकपुर बांध पर 95 मिमी,काणा बांध पर 90 मिमी, मुठाना बांध पर 80 मिमी,कोट बांध पर 70 मिमी व फुटिया बांध पर 9 मिमी बारिश दर्ज की गई.
'बांधों का बढ़ा जलस्तर'
इससे कई बांधों में जलस्तर में बढोत्तरी दर्ज की गई। गहलोत के अनुसार मिठड़ी बांध पर 18 फीट,दांतीवाड़ा बांध पर 4 फीट, रणकपुर बांध पर 54.20 फीट,मुठाना बांध पर 2.80 फीट,कोट बांध पर 4.10 फीट जल स्तर हो गया हैं. जबकि सेवाड़ी बांध पर 2.95 फीट,पिपला बांध पर 3.28 फीट,शिवनाथ सागर पर 19 फीट,लाटाडा बांध पर फीट 33.25,राजपुरा बांध पर 6 फीट,जूना-मालारी बांध पर 12 फीट व केसूली बांध में 2 फीट जलस्तर दर्ज किया गया.
'इस वर्ष रणकपुर बांध पर सर्वाधिक 483 मिमी बारिश'
इस वर्ष अब तक बाली तहसील मुख्यालय पर कुल 199 मिमी व देसूरी तहसील मुख्यालय पर कुल 336 मिमी बारिश हो चुकी हैं। इसी तरह से इस वर्ष मिठड़ी बांध पर 309 मिमी,दांतीवाड़ा बांध पर 211 मिमी, रणकपुर बांध पर 483 मिमी,काणा बांध पर 184 मिमी, मुठाना बांध पर 192 मिमी,कोट बांध पर 232 मिमी व फुटिया बांध पर 127 मिमी बारिश दर्ज की गई.
'औसत वर्षा भी न होने से पांच बांधों में आवक शून्य'
क्षेत्र में अब तक औसत वर्षा भी नही होने से काणा,घोड़ाधड़ा,फुटिया,सेली की नाल व हरिओम सागर बांध अभी तक रीते पड़े हैं और नाना व बाली नदी को छोड़कर शेष नदियां सूखी पड़ी हैं.