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पाली: कचरे के ढेर में मिला नवजात, उपचार के दौरान तोड़ा दम - स्कूल भवन के अंदर मिला एक नवजात

पाली के देसूरी में एक नवजात की उपचार के दौरान बांगड़ अस्पताल में मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नवजात की मां अगर उसे कचरे में फेंकने की बजाय बाल कल्याण समिति को सौंप देती तो यह बच्चा जिंदा होता और अपना जीवन जीता. फिलहाल इस मामले को लेकर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने थाने में मामला दर्ज करवाया है.

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उपचार के दौरान नवजात की मौत...
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Published : Mar 7, 2021, 11:36 AM IST

पाली. देसूरी क्षेत्र के उन्दरथल गांव में स्कूल भवन के अंदर मिले एक नवजात की शनिवार को उपचार के दौरान पाली बांगड़ अस्पताल में मौत हो गई. मौत के बाद डॉक्टरों की ओर से बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों को सूचना दी गई. जिसके बाद बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे और सभी दस्तावेजों की पूर्ति करने के बाद उसका अंतिम संस्कार करवाया.

इस दौरान बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने कहा कि अगर इस नवजात की माता अगर उसे कचरे में फेंकने की बजाय बाल कल्याण समिति को सौंप देती तो यह बच्चा जिंदा होता और अपना जीवन जीता. इसके साथ ही उन्होंने एक अपील पत्र भी लिखा है, जिसमें सभी लोगों से इस तरह के बच्चे को फेंकने की बजाय पालना ग्राम में देने की बात कही है.

यह भी पढ़ें: JCTSL के एमडी ने सुबह मंत्री धारीवाल के साथ बजाई ताली और शाम को ACB ने धर दबोचा

बता दें कि शुक्रवार को देसूरी उपखंड के बड़ोद ग्राम पंचायत के उन्दरथल गांव में बनी सरकारी स्कूल के पीछे कचरे में एक दिन के नवजात मिला था. नवजात के सिर में गंभीर चोट आई हुई थी और उसे सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी. जिसके चलते ग्रामीणों और पुलिस ने बच्चे को पहले देसूरी अस्पताल पहुंचाया, जिसके बाद उसकी हालत गंभीर देख वहां से उसे पाली के लिए रेफर किया गया था.

पाली में बच्चे को आईसीयू में रखा गया था, लेकिन आखिरकार शनिवार देर शाम को उसने दम तोड़ दिया. फिलहाल इस मामले को लेकर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने थाने में मामला दर्ज करवाया है.

पाली. देसूरी क्षेत्र के उन्दरथल गांव में स्कूल भवन के अंदर मिले एक नवजात की शनिवार को उपचार के दौरान पाली बांगड़ अस्पताल में मौत हो गई. मौत के बाद डॉक्टरों की ओर से बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों को सूचना दी गई. जिसके बाद बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे और सभी दस्तावेजों की पूर्ति करने के बाद उसका अंतिम संस्कार करवाया.

इस दौरान बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने कहा कि अगर इस नवजात की माता अगर उसे कचरे में फेंकने की बजाय बाल कल्याण समिति को सौंप देती तो यह बच्चा जिंदा होता और अपना जीवन जीता. इसके साथ ही उन्होंने एक अपील पत्र भी लिखा है, जिसमें सभी लोगों से इस तरह के बच्चे को फेंकने की बजाय पालना ग्राम में देने की बात कही है.

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बता दें कि शुक्रवार को देसूरी उपखंड के बड़ोद ग्राम पंचायत के उन्दरथल गांव में बनी सरकारी स्कूल के पीछे कचरे में एक दिन के नवजात मिला था. नवजात के सिर में गंभीर चोट आई हुई थी और उसे सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी. जिसके चलते ग्रामीणों और पुलिस ने बच्चे को पहले देसूरी अस्पताल पहुंचाया, जिसके बाद उसकी हालत गंभीर देख वहां से उसे पाली के लिए रेफर किया गया था.

पाली में बच्चे को आईसीयू में रखा गया था, लेकिन आखिरकार शनिवार देर शाम को उसने दम तोड़ दिया. फिलहाल इस मामले को लेकर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने थाने में मामला दर्ज करवाया है.

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