पाली. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन हटने के बाद पाली की जिंदगी एक बार फिर से पटरी पर आती दिख रही है. करीब 2 माह बाद पाली में लोगों की आम जिंदगी अब फिर से बदल चुकी है. लोगों को फिर से रोजगार मिलने लगा है जो प्रवासी लौटे थे वह भी अपने रोजगार के लिए फिर से अन्य प्रदेशों में चले गए, लेकिन इन सभी के बीच पाली में कोरोना संक्रमण का खतरा अभी भी मंडरा रहा है.
प्रतिदिन पाली में औसत 100 से ज्यादा संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से संक्रमित क्षेत्रों में लॉकडाउन फिर से लगाने के निर्देश आने के बाद पाली के लोगों की चिंता भी बढ़ चुकी है. ऐसे में प्रशासन ने एक कड़ा फैसला लिया है कि यहां की जनता अब कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए 'लॉकडाउन' में नहीं बंधेगी. पाली में संक्रमण से आम जनता खुद लड़ेगी.
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पाली जिला कलेक्टर अंशदीप ने कहा कि यहां लॉकडाउन लगाने की बजाय चिकित्सा सुविधा बढ़ाई जाएगी, ताकि आम आदमी अपनी राहत भरी जिंदगी जी पाएगा. बता दें कि पाली में कोरोना संक्रमण के हालात काफी गंभीर हैं. यहां संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 3528 तक पहुंच चुका है. इस संक्रमण के चलते 33 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. उसके साथ ही अब मानसून आते ही इस संक्रमण का खतरा पाली में और भी ज्यादा बढ़ गया है.
इसके चलते राज्य सरकार की ओर से फिर से लॉकडाउन लगाने की सुर्खियां काफी ज्यादा हो चुकी हैं. पाली में भी कई बार लॉकडाउन लगने की अफवाह फैलाई गई. इन सभी अफवाहों को तोड़ने के लिए जिला कलेक्टर अंशदीप ने भी ईटीवी भारत के माध्यम से बताया कि किसी भी हालात में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा. 3 महीने यहां की जनता लॉकडाउन में रहने के बाद आर्थिक और रोजगार दोनों से टूट चुकी है. अब इन लोगों को फिर से रोजगार मिला है और इनकी जिंदगी फिर से पटरी पर आ रही है.
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ऐसे में यहां लॉकडाउन लगाना जिले को और यहां कि जनता को पीछे ले जाना होगा. इसलिए उन्होंने अपने अधिकारियों को क्षेत्र में सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों में मेडिकल सुविधाएं बढ़ाने के लिए कहा है. जिला कलेक्टर ने कहा कि अगर पाली में फिर से लॉकडाउन लगता है तो जितने श्रमिक रोजगार के लिए पाली में लौटे हैं वह फिर से पलायन कर जाएंगे और इस बार वापस नहीं लौटेंगे. इसके चलते यहां जिंदगी काफी कठिन हो जाएगी. उन्होंने कहा कि पाली में जनता इस संक्रमण से लड़ सकती है. जनता को जागरूक और सुरक्षित होना पड़ेगा, ताकि संक्रमण को हराया जा सके.
रैंडम सैंपलिंग का बढ़ेगा दायरा...
जिला कलेक्टर अंशदीप ने बताया कि पाली में रैंडम सैंपलिंग के दौरान ही पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. इसके चलते अब मरीजों को ढूंढने की कवायद और तेज कर दी जाएगी. साथ ही ग्रामीण स्तर पर भी रैंडम सैंपलिंग का दायरा बढ़ाया जाएगा. वर्तमान में प्रत्येक ब्लॉक पर दो सौ सैंपल प्रतिदिन लिए जा रहे हैं. जिनकी रिपोर्ट 48 घंटे में मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी की जा रही है.
रिक्त पदों को भरने की कवायद...
पाली जिले में कई जगह चिकित्सकों के पद भी रिक्त हैं, जहां प्रशासन को कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. जिला कलेक्टर ने बताया कि चिकित्सा अधिकारियों के साथ मिलकर इन पदों की खानापूर्ति करने के लिए भी कोशिश की जाएगी, ताकि इस संक्रमण को उनके क्षेत्र तक ही सीमित किया जा सके
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ग्राम स्तर पर स्थापित करेंगे कोविड केयर सेंटर...
जिला कलेक्टर ने बताया कि पाली में संक्रमित मरीजों के रिकवरी काफी जल्दी हो रही है. इसके चलते पाली में संचालित हो रहे कोविड केयर सेंटर में बेड काफी खाली हैं. उन्होंने बताया कि बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए क्षेत्र में ग्राम स्तर पर भी कोविड-19 बनाने की कोशिश की जाएगी, ताकि जिस गांव में पॉजिटिव मरीज आ रहा है उसे उसी गांव तक सीमित रखा जाए.