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पैाली प्रसाशन की लापरवाही, मोहल्लों में भरा बरसाती पानी

पाली मे भर रहा बारिश का पानी जो बन रहा है वहां के आम आदमीयों के लिए एक बड़ी समस्या. जनता को हो रही है काफी दिक्कत पर प्रशासन को कोई फर्क नही पड़ रहा.

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Published : Jul 29, 2019, 2:16 PM IST

पाली. पाली में मानसून ने वैसे भी नियत समय से काफी देर बाद ही दस्तक दी है लेकिन उसके बाद भी प्रसाशन अपनी खामियों को पूरा नही कर पाया है. ऐसे में इनकी लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा हैं. पाली में 28 जुलाई को मानसून की पहली बरसात हुई है. इस एक हल्की-फुल्की बरसात ने ही पाली के कई मोहल्लों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है. इस स्थिति के बाद प्रशासन आनन-फानन में चेता और अब जनता को राहत पहुचाने के प्रयास कर रहा है.

प्रशासन की अनदेखी से पाली मे बाढ़ जैसे हालात अभी से

पढ़े: गहलोत कैबिनेट की बैठक सोमवार को...इन दो बड़े फैसलों पर लग सकती है मुहर

पाली में मानसून से पहले नगर परिषद को बरसाती पानी निकालने की व्यवस्था करने के लिए सभी सीवरेज नालों की सफाई करनी होती है. नगर परिषद के अधिकारियों ने शहर में यह काम समय पर पूरा करने का दावा किया था और पाली में मानसून भी 25 दिन देर से आया. इसके बाद भी नगर परिषद ने सीवरेज नालों को साफ करने का कार्य पूरा नहीं किया. ऐसे में पहली बार हुई बरसात का पानी नहीं निकल पाने से शहर की कई बस्तियों में पानी इकट्ठा हो गया है, जिससे वहां पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इन बस्तियों में मुख्यतः पठान कॉलोनी, नयागांव, सूर्या कॉलोनी, जगदंबा नगर, रेलवे स्टेशन क्षेत्र, सुभाष नगर क्षेत्र सहित और भी कई क्षेत्र आते हैं जहां बरसाती पानी लोगों के घरों तक पहुंच चुका है.

पाली. पाली में मानसून ने वैसे भी नियत समय से काफी देर बाद ही दस्तक दी है लेकिन उसके बाद भी प्रसाशन अपनी खामियों को पूरा नही कर पाया है. ऐसे में इनकी लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा हैं. पाली में 28 जुलाई को मानसून की पहली बरसात हुई है. इस एक हल्की-फुल्की बरसात ने ही पाली के कई मोहल्लों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है. इस स्थिति के बाद प्रशासन आनन-फानन में चेता और अब जनता को राहत पहुचाने के प्रयास कर रहा है.

प्रशासन की अनदेखी से पाली मे बाढ़ जैसे हालात अभी से

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पाली में मानसून से पहले नगर परिषद को बरसाती पानी निकालने की व्यवस्था करने के लिए सभी सीवरेज नालों की सफाई करनी होती है. नगर परिषद के अधिकारियों ने शहर में यह काम समय पर पूरा करने का दावा किया था और पाली में मानसून भी 25 दिन देर से आया. इसके बाद भी नगर परिषद ने सीवरेज नालों को साफ करने का कार्य पूरा नहीं किया. ऐसे में पहली बार हुई बरसात का पानी नहीं निकल पाने से शहर की कई बस्तियों में पानी इकट्ठा हो गया है, जिससे वहां पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इन बस्तियों में मुख्यतः पठान कॉलोनी, नयागांव, सूर्या कॉलोनी, जगदंबा नगर, रेलवे स्टेशन क्षेत्र, सुभाष नगर क्षेत्र सहित और भी कई क्षेत्र आते हैं जहां बरसाती पानी लोगों के घरों तक पहुंच चुका है.

Intro:पाली. पाली में वैसे भी मानसून ने नियत समय से काफी बाद में दस्तक दी हैं। लेकिन, उसके बाद भी प्रसाशन अपनी खामियों को पूरा नही कर पाया। ऐसे में इनकी लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा हैं। पानी में 28 जुलाई को मानसून की पहली बरसात हुई हैं। इस एक ही हल्की फुल्की बरसात ने पाली के कई मोहल्लों में बाढ़ जैसी स्थिति कर दी हैं। इस स्थिति के बाद प्रशसन आनन फानन में चेता ओर अब जनता को राहत पहुचने के प्रयाश कर रहा हैं।


Body:गौरतलब है कि पाली पाली में मानसून से पहले नगर परिषद को बरसाती पानी को निकालने की व्यवस्था करने के लिए सभी सीवरेज नालों की सफाई करनी होती है। नगर परिषद के अधिकारियों ने शहर में यह काम समय पर पूरा करने का दावा किया था। लेकिन पाली में मानसून भी 25 दिन देरी से आया इसके बाद भी नगर परिषद ने सीवरेज नालों को साफ करने का कार्य पूरा नहीं किया। ऐसे में एक बार इसके बाद में बरसाती पानी नहीं निकलने से बरसात का पानी पाली शहर की कई बस्तियों में इकट्ठा हो गया। जिससे वहां पर बाढ़ के हालात पैदा हो गए। इन बस्तियों में मुख्यतः पठान कॉलोनी, नयागांव, सूर्या कॉलोनी, जगदंबा नगर, रेलवे स्टेशन क्षेत्र, सुभाष नगर क्षेत्र सहित कई क्षेत्र हैं। जहां बरसाती पानी लोगों की घरों तक पहुंच चुका है।

समाचार में पहली बाईट पीड़ित क्षेत्र वासी की हैं

दूसरी बाईट नगर परिषद आयुक्त आशुतोष आचार्य की है


Conclusion:
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