ETV Bharat / state

कौन हैं राजेश्वरी?...जो दो जिंदगियों को लेकर करोना से कर रहीं दो-दो हाथ - door to door survey

मानवता की एक ऐसी मिसाल पेश की एक गर्भवती महिला ने, कि उसकी जितनी भी तारिफ की जाए कम है. जब कोरोना वायरस का प्रकोप लगभग पूरे विश्व पर मंडरा रहा है. ऐसी कठिन पारिस्थिति में एक महिला और उसके गर्भ में पल रहे अनबॉर्न बेबी (गर्भ में पल रहा शिशु) की परवाह किए बगैर वह कोरोना से लड़ने के लिए पूरी लगन से लगी हुई हैं. आइए जानते हैं आखिर कौन हैं वो...

marwar Junction news  Pali News  rajeshwari chaudhary  177 people home isolate  door to door survey
राजेश्वरी ने पेश की अनूठी मिसाल...
author img

By

Published : Apr 16, 2020, 5:57 PM IST

मारवाड़ जंक्शन (पाली). जब कोरोना वायरस सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विश्व व्यापी हो गया है. ऐसे में धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की हिम्मत, हौंसले और जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है.

राजेश्वरी ने पेश की अनूठी मिसाल...

बाड़मेर के गरल गांव की रहने वाली राजेश्वरी चौधरी, जो एक गर्भवती महिला हैं और वो अपने गर्भ में पल रहे मासूम की जान को दांव पर लगाकर कोरोना महामारी में आमजन की सेवा करने में जुटी हुई हैं. ऐसे में वो समाज के बीच अन्य लोगों के लिए भी एक अनूठी मिसाल कायम कर रही हैं.

यह भी पढ़ेंः जज्बे को सलामः पत्नी, बेटे और बहू से खाना बनवाकर हर रोज जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं ये थानाधिकारी

आपको बता दें कि एएनएम राजेश्वरी वर्तमान में पाली के देसूरी पहाड़ी इलाके में कोट सोलंकियांन स्थित सब सेंटर पर कार्यरत हैं. साल 2009 में पोस्टिंग के बाद वो यहीं पर लगातार सेवा दे रही हैं. वो 8 माह से अधिक की गर्भवती हैं, इसके बावजूद भी उनके अंदर मानव सेवा का जोश और जज्बा कम नहीं है.

यह भी पढ़ेंः लॉकडाउनः बूढ़ी आंखें पूछ रहीं...अपनों से कब तक रहें दूर

राजेश्वरी गांव में घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं. अब तक उन्होंने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से आए हुए करीब 177 प्रवासी मजदूरों का होम आइसोलेशन किया है. स्थानीय गांव के पूर्व सरपंच राजू सोनी ने बताया कि एएनएम 9 माह की गर्भवती होते हुए भी वो अपनी और अपने बच्चे की चिंता किए बगैर हमारे गांव सहित आसपास के इलाकों में कोरोना वायरस से जंग में तन मन धन से सहयोग कर रही हैं.

मारवाड़ जंक्शन (पाली). जब कोरोना वायरस सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विश्व व्यापी हो गया है. ऐसे में धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की हिम्मत, हौंसले और जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है.

राजेश्वरी ने पेश की अनूठी मिसाल...

बाड़मेर के गरल गांव की रहने वाली राजेश्वरी चौधरी, जो एक गर्भवती महिला हैं और वो अपने गर्भ में पल रहे मासूम की जान को दांव पर लगाकर कोरोना महामारी में आमजन की सेवा करने में जुटी हुई हैं. ऐसे में वो समाज के बीच अन्य लोगों के लिए भी एक अनूठी मिसाल कायम कर रही हैं.

यह भी पढ़ेंः जज्बे को सलामः पत्नी, बेटे और बहू से खाना बनवाकर हर रोज जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं ये थानाधिकारी

आपको बता दें कि एएनएम राजेश्वरी वर्तमान में पाली के देसूरी पहाड़ी इलाके में कोट सोलंकियांन स्थित सब सेंटर पर कार्यरत हैं. साल 2009 में पोस्टिंग के बाद वो यहीं पर लगातार सेवा दे रही हैं. वो 8 माह से अधिक की गर्भवती हैं, इसके बावजूद भी उनके अंदर मानव सेवा का जोश और जज्बा कम नहीं है.

यह भी पढ़ेंः लॉकडाउनः बूढ़ी आंखें पूछ रहीं...अपनों से कब तक रहें दूर

राजेश्वरी गांव में घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं. अब तक उन्होंने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से आए हुए करीब 177 प्रवासी मजदूरों का होम आइसोलेशन किया है. स्थानीय गांव के पूर्व सरपंच राजू सोनी ने बताया कि एएनएम 9 माह की गर्भवती होते हुए भी वो अपनी और अपने बच्चे की चिंता किए बगैर हमारे गांव सहित आसपास के इलाकों में कोरोना वायरस से जंग में तन मन धन से सहयोग कर रही हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.