ETV Bharat / state

पाली में बारिश ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, महिनों सूखी पड़ी रहने वाली नदियां बह रही है

author img

By

Published : Sep 30, 2019, 3:48 PM IST

पाली में हुई जोरदार बारिश ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए है. इस बार मानसून सीजन के 45 दिन बाद हुई मात्र 20 दिन के बारिश में पाली में इस बार 716.75 एमएम बारिश दर्ज की गई. यह अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है.

पाली में रिकार्ड तोड़ बारिश,Record breaking, पाली के बारिश की खबर, Pali rain news rain in Pali,

पाली. जिले में इस बार मानसून सीजन में हुई बारिश ने अपने सभी रिकार्डों को तोड़ दिया है. पाली में पिछले 37 सालों में पहली बार ऐसी बारिश हुई है. एक तरफ जहां मानसून सीजन में भी पानी नहीं आता वहीं नदीयां पिछले 1 माह से लगातार बह रही है. ऐसे में पाली में मानसून के पानी की आवक को देखकर जल संसाधन विभाग और जलदाय विभाग के अधिकारियों के चेहरे पर रौनक लौट आई है. इसके साथ ही किसानों के चेहरों पर भी रौनक लौट आई. किसान इस बार अच्छी फसल की उम्मीद बांध बैठे हैं.

पाली में बारिश ने तोड़े सभी रिकॉर्ड

पाली के सबसे बड़े बांध जवाई बांध की बात करें तो जवाई बांध भी 52 फीट पर पहुंच चुका है. जवाई बांध में अभी तक हुई पानी की आवक से अधिकारी काफी निश्चिंत है. इस पानी से अधिकारी पाली में पेयजल संकट को दूर करने और किसानों को भी सिंचाई के लिए पानी देने की स्थिति में है.

पढ़ेंः पाली में कई उद्यमियों के विरोध के चलते CETP फाउंडेशन के लिए दोबारा हुए चुनाव

जिला मुख्यालय पर स्थापित जल संसाधन विभाग के कंट्रोल रूम से मिले आंकड़ों की बात करें तो पाली की पिछले 10 सालों की औसत बारिश 476.68 एमएम दर्ज की जाती है. लेकिन इस बार मानसून सीजन के 45 दिन बाद हुई मात्र 20 दिन के बारिश में पाली में इस बार 716.75 एमएम बारिश दर्ज की गई. यह अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है.

पढ़ेंः पाली में गरबा कार्यक्रम के दौरान हुई चाकूबाजी, चार घायल

वहीं पाली के बांधों की बात करें तो पाली के 52 बांधों में से अभी पिछले डेढ़ माह से मीठड़ी, सादड़ी, कंटालिया, सिरियारी, रायपुर, खारडा, बंडी नेहड़ा, गजनाइ, लाटाडा, धाना, शैली की नाल, राजपुरा, झूला मालाणी और वायद बांध ओवरफ्लो चल रहे हैं. अभी अधिकारी पाली जिले में बारिश की उम्मीद लगा कर बैठे हैं.

पाली. जिले में इस बार मानसून सीजन में हुई बारिश ने अपने सभी रिकार्डों को तोड़ दिया है. पाली में पिछले 37 सालों में पहली बार ऐसी बारिश हुई है. एक तरफ जहां मानसून सीजन में भी पानी नहीं आता वहीं नदीयां पिछले 1 माह से लगातार बह रही है. ऐसे में पाली में मानसून के पानी की आवक को देखकर जल संसाधन विभाग और जलदाय विभाग के अधिकारियों के चेहरे पर रौनक लौट आई है. इसके साथ ही किसानों के चेहरों पर भी रौनक लौट आई. किसान इस बार अच्छी फसल की उम्मीद बांध बैठे हैं.

पाली में बारिश ने तोड़े सभी रिकॉर्ड

पाली के सबसे बड़े बांध जवाई बांध की बात करें तो जवाई बांध भी 52 फीट पर पहुंच चुका है. जवाई बांध में अभी तक हुई पानी की आवक से अधिकारी काफी निश्चिंत है. इस पानी से अधिकारी पाली में पेयजल संकट को दूर करने और किसानों को भी सिंचाई के लिए पानी देने की स्थिति में है.

पढ़ेंः पाली में कई उद्यमियों के विरोध के चलते CETP फाउंडेशन के लिए दोबारा हुए चुनाव

जिला मुख्यालय पर स्थापित जल संसाधन विभाग के कंट्रोल रूम से मिले आंकड़ों की बात करें तो पाली की पिछले 10 सालों की औसत बारिश 476.68 एमएम दर्ज की जाती है. लेकिन इस बार मानसून सीजन के 45 दिन बाद हुई मात्र 20 दिन के बारिश में पाली में इस बार 716.75 एमएम बारिश दर्ज की गई. यह अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है.

पढ़ेंः पाली में गरबा कार्यक्रम के दौरान हुई चाकूबाजी, चार घायल

वहीं पाली के बांधों की बात करें तो पाली के 52 बांधों में से अभी पिछले डेढ़ माह से मीठड़ी, सादड़ी, कंटालिया, सिरियारी, रायपुर, खारडा, बंडी नेहड़ा, गजनाइ, लाटाडा, धाना, शैली की नाल, राजपुरा, झूला मालाणी और वायद बांध ओवरफ्लो चल रहे हैं. अभी अधिकारी पाली जिले में बारिश की उम्मीद लगा कर बैठे हैं.

Intro:स्पेशल स्टोरी

पाली. जिले में इस बार मानसून सीजन में हुई बारिश ने अपने सभी रिकार्डों को तोड़ दिया है। पाली में पिछले 37 सालों में पहली बार ऐसी बारिश हुई है। जिसमें पाली के 29 बांध पिछले डेढ़ माह से और लोग बह रहे हैं। वही पाली की कई नदियां ऐसी है। जहां मानसून सीजन में भी पानी नहीं आता। वह नदी अभी पिछले 1 माह से लगातार छल छल बह रही है। ऐसे में पाली में मानसून के पानी की आवक को देखकर जल संसाधन विभाग व जलदाय विभाग के अधिकारियों के चेहरे पर रौनक लौट आई है। इसके साथ ही किसानों के चेहरों पर भी रौनक लौट आइ। किसान इस बार अच्छे जमाने की उम्मीद कर रहे हैं। और उनके खेतों में अच्छी फसल की उम्मीद बांध बैठे हैं। पाली के सबसे बड़े बांध जवाई बांध की बात करें तो जवाई बांध भी 52 फीट पर पहुंच चुका है। अधिकारियों के अनुसार जवाई बांध का गेज 63 फीट का है। और जवाई बांध में मात्र 10 फीट की पानी की आवश्यकता होने पर जवाई बांध की चादर चल जाएगी। हालांकि जवाई बांध में अभी तक हुई पानी की आवक से अधिकारी काफी निश्चिंत है। इस आवके हुए पानी की स्थिति को अधिकारी पाली में पेयजल संकट को दूर करने व किसानों को भी सिंचाई के लिए पानी देने की स्थिति में आ चुका है।


Body:पाली जिला मुख्यालय पर स्थापित जल संसाधन विभाग के कंट्रोल रूम से मिले आंकड़ों की बात करें तो पाली की पिछले 10 सालों की औसत बारिश 476.68 एमएम की जाती है। लेकिन इस बार मानसून सीजन के 45 दिन बाद हुई मात्र 20 दिन के बारिश में पाली में इस बार 716.75 एमएम बारिश दर्ज की गई है। यह पाली के बारिश के आंकड़ों में सबसे अधिक आंकड़ा है। वही पाली के बांधों की बात करें तो पाली के 52 बांधों में से अभी पिछले डेढ़ माह से मीठड़ी, सादड़ी, कंटालिया, सिरियारी, रायपुर, खारडा, बंडी नेहड़ा, गजनाइ, लाटाडा, धाना, शैली की नाल, राजपुरा, झूला मालाणी व वायद बांध ओवरफ्लो चल रहे हैं। अभी अधिकारी पाली जिले में बारिश की उम्मीद लगा कर बैठे हैं। ऐसे में यह बान अगले 20 दिनों तक यूं ही ओवरफ्लो चलने की उम्मीद है।

समाचार में पाली जल संसाधन विभाग के एक्सईएन रघुवीरसिंह सुमन की बाईट है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.