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बारिश के चलते पाली की बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात.... नगर परिषद की खुली पोल - बाढ़ न्यूज

पाली शहर में मानसून के चलते कई बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. जिससे नगर परिषद की लापरवाही सामने आ गई है. बारिश के पानी के निकास की समुचित व्यवस्था न होने के कारण बस्तियों में पानी भरा है. नगर परिषद ने मानसून से पहले सीवरेज नालों की सफाई में लापरवाही बरती है, जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बारिश के चलते पाली की बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात
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Published : Aug 4, 2019, 2:44 PM IST

पाली. शहर में मानसून के बाद बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. बारिश के पानी के निकलने के लिए सीवरेज नालों की सफाई न होने के कारण बस्तियों में पानी भर गया है. जिससे नगर परिषद की लापरवाही सामने आ गई है. प्रशासन की यह लापरवाही पूरे शहर के लिए घातक बन गई. जिससे बस्तियों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बारिश के चलते पाली की बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात

पढ़ें- स्कूली बच्चों का होगा बोझ कम....शिक्षा मंत्री ने बनाई नई योजना

पाली शहर में पिछले 10 सालों में कई बस्तियां बिना प्लानिंग के बस गई. इन बस्तियों पर कभी ध्यान नही दिया गया. लोगो ने पहले कच्चे कब्जे किये और बाद में उनपर पक्का निर्माण हो गया. इतना ही नही नगर परिषद ने भी इन बस्तियों पर मोहर लगा दी. लेकिन अब पाली में हर वर्ष पैदा हो रहे बाढ़ के हालात प्रशसन की लापरवाही को उजागर कर रहे हैं.

पढ़ें- सीकर में शाही लवाजमें के साथ निकली तीज माता की सवारी

जिले में मानसून की दस्तक पिछले 6 दिन पहले ही हुई है. बारिश के बाद शहर की बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. लगातार जिला कलेक्टर व पाली एसडीएम द्वारा इन बस्तियों का निरीक्षण किया जा रहा है और बस्तियों से पानी निकास की व्यवस्था की जा रही है. पाली एसडीएम रोहिताश्व सिंह ने बताया कि जिन बस्तियों में बाढ़ के हालात पैदा हो रहे हैं वह सभी बस्तियां पाली में आने वाले पानी के बहाव क्षेत्र में बसी है. जब यह बस्तियां बसी थी तब किसी ने इस संबंध में ध्यान नहीं दिया. लगातार इन बस्तियों में जैसे-जैसे घर बने और लोग अपनी सुरक्षा दीवारें बनाने लगे. इसके चलते पाली में आने वाला बरसाती पानी लगातार रुकता जा रहा है. जिससे बाढ़ के हालात पैदा हो रहे हैं.

पढ़ें- बारिश के बाद जलमग्न हुआ सीकर...लोग हुए घरों में कैद
बता दें कि एसडीएम रोहिताश्व ने कहा कि प्रशासन फिलहाल अवैध कब्जों को तोड़कर बारिश के पानी को पाली की नदियों की तरफ डायवर्ट करने की कोशिश कर रहा है. मानसून के खत्म होने पर पानी निकालने के लिए स्थाई व्यवस्था की जाएगी.

पाली. शहर में मानसून के बाद बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. बारिश के पानी के निकलने के लिए सीवरेज नालों की सफाई न होने के कारण बस्तियों में पानी भर गया है. जिससे नगर परिषद की लापरवाही सामने आ गई है. प्रशासन की यह लापरवाही पूरे शहर के लिए घातक बन गई. जिससे बस्तियों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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पाली शहर में पिछले 10 सालों में कई बस्तियां बिना प्लानिंग के बस गई. इन बस्तियों पर कभी ध्यान नही दिया गया. लोगो ने पहले कच्चे कब्जे किये और बाद में उनपर पक्का निर्माण हो गया. इतना ही नही नगर परिषद ने भी इन बस्तियों पर मोहर लगा दी. लेकिन अब पाली में हर वर्ष पैदा हो रहे बाढ़ के हालात प्रशसन की लापरवाही को उजागर कर रहे हैं.

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जिले में मानसून की दस्तक पिछले 6 दिन पहले ही हुई है. बारिश के बाद शहर की बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. लगातार जिला कलेक्टर व पाली एसडीएम द्वारा इन बस्तियों का निरीक्षण किया जा रहा है और बस्तियों से पानी निकास की व्यवस्था की जा रही है. पाली एसडीएम रोहिताश्व सिंह ने बताया कि जिन बस्तियों में बाढ़ के हालात पैदा हो रहे हैं वह सभी बस्तियां पाली में आने वाले पानी के बहाव क्षेत्र में बसी है. जब यह बस्तियां बसी थी तब किसी ने इस संबंध में ध्यान नहीं दिया. लगातार इन बस्तियों में जैसे-जैसे घर बने और लोग अपनी सुरक्षा दीवारें बनाने लगे. इसके चलते पाली में आने वाला बरसाती पानी लगातार रुकता जा रहा है. जिससे बाढ़ के हालात पैदा हो रहे हैं.

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बता दें कि एसडीएम रोहिताश्व ने कहा कि प्रशासन फिलहाल अवैध कब्जों को तोड़कर बारिश के पानी को पाली की नदियों की तरफ डायवर्ट करने की कोशिश कर रहा है. मानसून के खत्म होने पर पानी निकालने के लिए स्थाई व्यवस्था की जाएगी.

Intro:पाली. पाली शहर में मानसून के बाद में कई बस्तियों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। इसको देख कर लगातार नगर परिषद पर मानसून से पहले सीवरेज नालों की सफाई नहीं करने का आरोप लगाया जा रहा था। नगर परिषद की यह लापरवाही तो बारिश के बाद नालों से उफान खाए पानी के कारण सामने आ गई। लेकिन एक गंभीर लापरवाही भी थी जिसका प्रशासन ने ध्यान ही नहीं दिया। और धीरे धीरे कर शहर के लिए यह लापरवाही घातक बन गई। पाली शहर में पिछले 10 सालों में कई बस्तियां बिना प्लानिंग के बस गई। इन बस्तियों पर कभी ध्यान नही दिया गया। लोगो ने पहले कच्चे कब्जे किये । और बाद में उनपर पक्का निर्माण हो गया। इतना ही नही नगर परिषद ने भी इन बस्तियों पर मोहर लगा दी। लेकिन, अब पाली में हर वर्ष पैदा हो रहे बाढ़ के हालात प्रशसन की लापरवाही को उजागर कर रहे हैं।




Body: जानकारी है कि जिले में मानसून की दस्तक पिछले 6 दिनों पहले ही पाली में हुई है। पाली शहर में इस मानसून की दो अच्छी बारिश हुई है। इन दोनों ही बारिश के बाद में पाली की कई बस्तियां हैं। जिनमें बाढ़ के हालात पैदा हो चुके हैं। लगातार जिला कलक्टर व पाली एसडीएम द्वारा इन बस्तियों का निरीक्षण किया जा रहा है। और इन बस्तियों से पानी निकास की व्यवस्था की जा रही है। पाली एसडीएम रोहिताश्व सिंह ने इस मामले की जांच की तो सामने आया कि जिन बस्तियों में बाढ़ के हालात पैदा हो रहे हैं वह सभी बस्तियां पाली में आने वाले पानी के बहाव क्षेत्र में बसी है।जब यह बस्तियां बसी थी तब किसी ने इस संबंध में ध्यान नहीं दिया। लगातार इन बस्तियों में जैसे-जैसे घर बने और लोग अपनी सुरक्षा दीवारें बनाने लगे। इसके चलते पाली में आने वाला बरसाती पानी लगातार रुकता जा रहा है। और इन बस्तियों में बरसाती पानी लगातार इकट्ठा होने से बाढ़ के हालात पैदा हो रहे हैं। प्रशासन फिलहाल अवैध कब्जों को तोड़कर बारिश के पानी को पाली की नदियों की तरफ डायवर्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। मानसून के खत्म होने पर पानी निकालने के लिए स्थाई व्यवस्था की जाएगी।


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