सुमेरपुर (पाली). फर्जी डिग्री के आधार पर हॉस्पिटल संचालित करने वाले फर्जी राजेंद्र जे पाल के सुमेरपुर अस्पताल से पुलिस ने महंगे उपकरण जब्त किए हैं. साथ ही उसे सुमेरपुर पुलिस ने वीसी मजिस्ट्रेट के आदेश पर तीन दिन के रिमांड पर लिया है. आरोपी से पूछताछ कर आवश्यक तथ्य जुटाए जा रहे हैं.
बाली डीएसपी हिमांशु जांगिड़ की अगुवाई में पुलिस टीम आरोपी को लेकर सुमेरपुर पहुंचे थे. इस दौरान औषधि निरीक्षक बलदेव चौधरी, ड्रग कंट्रोल ऑफिसर मनीष कुमार, बीएमएचओ डा. शरद सक्सेना, डा. सुभाष मीणा की मौजूदगी में सील किए गए उक्त फर्जी डॉक्टर के अस्पताल को खुलवाया गया. चिकित्सा विभाग ने हॉस्पिटल में पड़े महंगे सुरक्षा उपकरणों की जांच कर सीज किया.
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पुलिस ने फर्जी डॉक्टर को वीसी से मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया. मजिस्ट्रेट ने आरोपी को तीन दिन के लिए रिमांड पर सुमेरपुर पुलिस को सौंपने के आदेश जारी किए. वहीं फरार चल रहे फर्जी डॉक्टर के बेटे मनीष चड्ढा उर्फ वरूण कौल को पकड़ने के लिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई संभावित ठिकानों पर टीम गठित कर भेजी गई है.
55 लाख रुपये की ठगी का मुकदमा भी दर्ज
सादड़ी में फर्जी डिग्री के आधार पर आशापुरा मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल खोलने के मामले में पकड़े गए फर्जी डॉक्टर राजेंद्र जे पाल उर्फ बृजभूषण कौल ने क्षेत्र के कई लोगों को झांसा देकर अपने तीनों अस्पतालों में बड़ी रकम का निवेश कराया था. उसके पकड़े जाने के बाद खुलासा होने पर अब निवेश करने वाले लोग भी मुकदमा दर्ज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. शनिवार को फालना थाने में एक व्यक्ति ने 55 लाख से अधिक रकम हड़पने का मुकदमा दर्ज कराया है.ये पूरी राशि कौल को चेक के जरिए ही दी थी.
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गौरतलब है कि उक्त फर्जी डॉक्टर और उसके बेटे मनीष चड्ढा के खिलाफ देश भर में कई मामले पहले से ही चल रहे हैं. पुलिस के अनुसार खिंदारा निवासी लालाराम पुत्र धीराराम देवासी ने फालना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि सादड़ी में पकड़े गए फर्जी डॉक्टर राजेंद्र जे पाल ने सामान खरीदने के बहाने उससे पांच बार में 55 लाख, 41 हजार रुपए ले लिए. परिवादी ने आरोपी पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी राशि से खरीदा गया सामान फालना अस्पताल में ही लगा है. इसके चलते ये सामान उसे दिलाया जाए.