पाली. जिले में मंगलवार को जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने अधिकारियों के साथ बैठक ली. जिसमें अधिकारियों को एनजीटी द्वारा दिए गए निर्देशों की सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दिए गए.
बता दें कि कपड़ा उद्योग पर एक बार फिर से एनजीटी की सख्ती नजर आने लगी है. सोमवार को दिल्ली में एनजीटी सुनवाई के दौरान एक बार फिर से पाली के कपड़ा उद्योग पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है.
पाली में बढ़ रहे प्रदूषण के आंकड़े को देखते हुए एनजीटी ने अधिकारियों को सीधे तौर पर कहा कि अगर एनजीटी किसी भी समय औचक निरीक्षण के रूप में पाली के कपड़ा उद्योग पर कमिश्नर से जांच करवा सकती है. अगर जांच में पाली के कपड़े उद्योग में खामियां पाई जाती है तो कपड़ा उद्योग पर संकट के काले बादल फिर से मंडराना शुरू हो जाएंगे. इस बार खामियों के चलते पाली के कपड़ा उद्योग को बंद करना पड़ेगा.
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एनजीटी की सोमवार को हुई सुनवाई के बाद कपड़ा उद्योग में हड़कंप मची हुई है. अधिकारी पाली के इस कपड़ा उद्योग को जिंदा रखने के लिए हर संभव प्रयास करते नजर आ रहे हैं. मंगलवार को इस संबंध में जिला कलेक्टर एनजीटी के सुनवाई के मुद्दे को लेकर अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा की. चर्चा में जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को एनजीटी के नियमों की पालना करवाने की.
जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने मंगलवार को हुई बैठक में अधिकारियों को एनजीटी द्वारा दिए गए निर्देशों की सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सीधे तौर पर अधिकारियों को कहा है कि अगर उद्यमी लापरवाही से बाज नहीं आते हैं तो अब उन पर सख्ती बरतनी पड़ेगी. पाली के कपड़ा उद्योग को जिंदा रखने के लिए एनजीटी के नियमों की पालना करनी होगी. पाली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों को जिला कलेक्टर ने निर्देशित किया है.