पाली. जब जिंदा थे तो हमारी हस्ती थी. लोग हमसे बात किए बिना रह नहीं पाते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण ने पूरा शमा ही बदल दिया है. आज हमारी हस्ती जिंदा है, लेकिन हमसे सब कतराते हैं. यह कहावत पाली में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते सत्य साबित हो रही है. पाली शहर के श्मशान में इसका उदाहरण साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. जब परिजन अपनों के ही शव को कंधा देने से कतरा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के डर से परिजन अब और किसी परिजन को नहीं खोना चाहते हैं. ऐसे में अपने ही लोगों को परिजन कंधा नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में नगर परिषद के कर्मचारी इन संक्रमित मरीजों के शवों को कंधा दे रहे हैं.
पाली जिले की बात करें तो संक्रमण का आंकड़ा काफी तेजी से फैलता जा रहा है. पाली जिले में अब तक 280 लोगों की इस संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है. पिछले 15 दिनों की बात करें तो पाली जिले में 45 संक्रमित मरीजों की मौत हुई है. वहीं संदिग्ध मरीजों का आंकड़ा इससे काफी ज्यादा है. संक्रमित मरीजों के लिए अस्पताल से शव को पूरी तरह से 3 लेयर के बैग में पैक कर दिया जा रहा है. लेकिन संक्रमण के डर से परिजन उन शवों को हाथ भी नहीं लगा रहे और ना ही उन्हें घर लेकर जा रहे हैं. सीधे अस्पताल से ही शव श्मशान में पहुंचाई जा रहे हैं. लेकिन वहां भी परिजनों के कंधा देने की बजाय नगर परिषद के कर्मचारी इन शवों को कंधा देकर अंतिम संस्कार कर रहे हैं. यह हैरत का विषय है. लेकिन सच्चाई डरावनी है कि आम लोग इस संक्रमण के चलते काफी भय में हैं.
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नगर परिषद ने उठाया बीड़ा
संक्रमित मरीजों की मौत के बाद उनके परिजनों द्वारा हिचकिचाहट के चलते नगर परिषद इन शवों के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया है. इसके चलते नगर परिषद की ओर से 2 अलग-अलग टीमें हिंदू सेवा मंडल में लगाई गई हैं. जो शव परिजन लेकर आ रहे हैं. उन शवों को नगर परिषद के कर्मचारी कंधा देकर अंतिम संस्कार कर रहे हैं और उनके परिजन उनसे एक काफी दूर खड़े हैं.