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अब ओबीसी महिला होंगी पाली शहरी सरकार की मुखिया, दोनों पार्टियों में प्रत्याशियों की खोज शुरू

पाली में शहरी सरकार के लिए मुखिया इस बार ओबीसी महिला होंगी. 15 साल बाद यह कुर्सी ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुई है. इसी के साथ राजनीतिक गलियारों में कई नामों की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई हैं.

नगरी निकाय चेयरमैन खबर, body election chairman news
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Published : Oct 21, 2019, 12:10 PM IST

पाली. जयपुर में रविवार को निकाली गई प्रदेश की नगरीय निकाय के चेयरमैन पद की लॉटरी में चेयरमैन की कुर्सी ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुई है. इस लॉटरी के बाद पाली शहरी सरकार की मुखिया बनाने को लेकर दांवपेच शुरू हो गए हैं. दोनों ही पार्टियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजनीति में सक्रिय ओबीसी महिला को ढूंढ़ना है.

शहरी सरकार की मुखिया के लिए दोनों पार्टियों में प्रत्याशियों की खोज शुरू

इसी के साथ राजनीति गलियारों में कई नामों की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस-भाजपा में सक्रिय ओबीसी नेताओं की पत्नी या किसी रिश्तेदार महिला को चुनावी मैदान में उतारना पड़ सकता है. पाली में इस बार भी अधिकांश लोगों को फिर से चेयरमैन के लिए सामान्य सीट रहने की उम्मीद थी.

वहीं, राज्य सरकार के आदेश पर पाली में 50 से बढ़ाकर 65 वार्ड कर दिए गए हैं. इसमें सामान्य वर्ग के लिए 27, सामान्य महिला के लिए 13 वार्ड, ओबीसी पुरुष के लिए 9, ओबीसी महिला के लिए 5, एससी पुरुष के लिए 7, एससी महिला के लिए 3 और एसटी वर्ग के लिए 1 वार्ड आरक्षित हुए है.

पढ़ें: सियासी रण : निकाय चुनाव से पहले 2 उप चुनाव सेमीफाइनल की भूमिका अदा करेंगे

गौरतलब है कि अब तक पाली नगर परिषद के इतिहास में हुए चुनाव में प्रमुख की सीट जैन समाज के खाते में ही रही है. शहर में अब तक कुल 11 चेयरमैन चुने गए हैं. 10 बार जैन समाज के प्रत्याशी निर्वाचित हुए हैं. जबकि अन्य वर्ग से मात्र एक ही महिला इस सीट पर कब्जा जमाने में सफल रहीं हैं. जिसमें भी यह सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होने पर भाजपा की कुसुम सोनी चुनी सभापति चुनी गईं थीं.

पाली. जयपुर में रविवार को निकाली गई प्रदेश की नगरीय निकाय के चेयरमैन पद की लॉटरी में चेयरमैन की कुर्सी ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुई है. इस लॉटरी के बाद पाली शहरी सरकार की मुखिया बनाने को लेकर दांवपेच शुरू हो गए हैं. दोनों ही पार्टियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजनीति में सक्रिय ओबीसी महिला को ढूंढ़ना है.

शहरी सरकार की मुखिया के लिए दोनों पार्टियों में प्रत्याशियों की खोज शुरू

इसी के साथ राजनीति गलियारों में कई नामों की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस-भाजपा में सक्रिय ओबीसी नेताओं की पत्नी या किसी रिश्तेदार महिला को चुनावी मैदान में उतारना पड़ सकता है. पाली में इस बार भी अधिकांश लोगों को फिर से चेयरमैन के लिए सामान्य सीट रहने की उम्मीद थी.

वहीं, राज्य सरकार के आदेश पर पाली में 50 से बढ़ाकर 65 वार्ड कर दिए गए हैं. इसमें सामान्य वर्ग के लिए 27, सामान्य महिला के लिए 13 वार्ड, ओबीसी पुरुष के लिए 9, ओबीसी महिला के लिए 5, एससी पुरुष के लिए 7, एससी महिला के लिए 3 और एसटी वर्ग के लिए 1 वार्ड आरक्षित हुए है.

पढ़ें: सियासी रण : निकाय चुनाव से पहले 2 उप चुनाव सेमीफाइनल की भूमिका अदा करेंगे

गौरतलब है कि अब तक पाली नगर परिषद के इतिहास में हुए चुनाव में प्रमुख की सीट जैन समाज के खाते में ही रही है. शहर में अब तक कुल 11 चेयरमैन चुने गए हैं. 10 बार जैन समाज के प्रत्याशी निर्वाचित हुए हैं. जबकि अन्य वर्ग से मात्र एक ही महिला इस सीट पर कब्जा जमाने में सफल रहीं हैं. जिसमें भी यह सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होने पर भाजपा की कुसुम सोनी चुनी सभापति चुनी गईं थीं.

Intro:पाली. पाली में शहरी सरकार के लिए मुखिया इस बार ओबीसी महिला होगी। 15 साल बाद यह कुर्सी ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित की गई है। रविवार को जयपुर में निकाली गई प्रदेश की नगरी निकाय के चेयरमैन पद की लॉटरी का बाद चैयरमेन के लिए तैयारी कर रहे कई नेताजी के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है। सभी को इस बार भी पाली चेयरमैन की कुर्सी सामान्य वर्ग में आरक्षित होने की उम्मीद थी। लेकिन जयपुर में निकली इस लॉटरी ने सभी के अरमानों पर पानी फेर दिया। अब इस लॉटरी के निकलने के बाद पाली शहरी सरकार की मुखिया बनाने को लेकर दावपेच शुरू हो गए है। दोनों ही पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनोती राजनीति में सक्रिय ओबीसी महिला को ढूंढ़ना हैं। लेकिन, कुर्सी ओबीसी महिला आरक्षित होते ही राजनीति गलियारों में कई नामों की सुबसूबाहट शुरू हो गई हैं। कयास यह लगाए जा रहे है कि यह भी हो सकता है कि कांग्रेस भाजपा में सक्रिय ओबीसी नेता अपनी पत्नी या किसी रिश्तेदार महिला को चुनावी मैदान में उतारना पड़े। पाली में इस बार भी अधिकांश लोगों को फिर से चेयरमैन के लिए सामान्य सीट आरक्षित होने की उम्मीद थी। लेकिन शाम को लॉटरी को निराशा हाथ लगी। राज्य सरकार के आदेश पर पाली में 50 से बढ़ाकर 65 वार्ड कर दिए गए है। इसमें सामान्य वर्ग के लिए 27, सामान्य महिला के लिए 13 वार्ड, ओबीसी पुरुष के लिए9, ओबीसी महिला के लिए 5, एससी पुरुष के लिए 7, एससी महिला के लिए 3 ओर एसटी वर्ग के लिए 1 वार्ड आरक्षित किया गया है।


Body: गौरतलब है कि अब तक पाली नगर परिषद के इतिहास में हुए चुनाव में जैन समाज के खाते में ही पाली की सीट गई है। शहर में अब तक कुल 11 चेयरमैन चुने गए हैं। इसमें से 10 बार जैन समाज के निर्वाचित हुए हैं। जबकि अन्य वर्ग के मात्र दो ही इस सीट पर कब्जा जमाने में सफल रहे हैं। इसमें भी ओबीसी वर्ग से चेयरमैन सीट आरक्षित होने पर भाजपा की कुसुम सोनी चुनी गई थी।


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