पाली. जयपुर में रविवार को निकाली गई प्रदेश की नगरीय निकाय के चेयरमैन पद की लॉटरी में चेयरमैन की कुर्सी ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुई है. इस लॉटरी के बाद पाली शहरी सरकार की मुखिया बनाने को लेकर दांवपेच शुरू हो गए हैं. दोनों ही पार्टियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजनीति में सक्रिय ओबीसी महिला को ढूंढ़ना है.
इसी के साथ राजनीति गलियारों में कई नामों की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस-भाजपा में सक्रिय ओबीसी नेताओं की पत्नी या किसी रिश्तेदार महिला को चुनावी मैदान में उतारना पड़ सकता है. पाली में इस बार भी अधिकांश लोगों को फिर से चेयरमैन के लिए सामान्य सीट रहने की उम्मीद थी.
वहीं, राज्य सरकार के आदेश पर पाली में 50 से बढ़ाकर 65 वार्ड कर दिए गए हैं. इसमें सामान्य वर्ग के लिए 27, सामान्य महिला के लिए 13 वार्ड, ओबीसी पुरुष के लिए 9, ओबीसी महिला के लिए 5, एससी पुरुष के लिए 7, एससी महिला के लिए 3 और एसटी वर्ग के लिए 1 वार्ड आरक्षित हुए है.
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गौरतलब है कि अब तक पाली नगर परिषद के इतिहास में हुए चुनाव में प्रमुख की सीट जैन समाज के खाते में ही रही है. शहर में अब तक कुल 11 चेयरमैन चुने गए हैं. 10 बार जैन समाज के प्रत्याशी निर्वाचित हुए हैं. जबकि अन्य वर्ग से मात्र एक ही महिला इस सीट पर कब्जा जमाने में सफल रहीं हैं. जिसमें भी यह सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होने पर भाजपा की कुसुम सोनी चुनी सभापति चुनी गईं थीं.