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SPECIAL: ये अंधा कानून है... हत्या के गवाह को झूठे मामले में फंसाकर दबंगों ने पहुंचा दिया सलाखों के पीछे - farmer accused of drugs

पुलिस की लापरवाही के चलते गांव का गरीब किसान सलाखों के पीछे पहुंचा गया है. किसान तोजाराम को डोडा पोस्त से भरी गाड़ी का ड्राइवर बताकर तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है. तेजाराम का परिवार और गांव के लोग उसे निर्दोष साबित करने के लिए दर-दर भटक रहे हैं.

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सलाखों के पीछे किसान
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Published : Aug 19, 2020, 8:48 PM IST

पाली. जिसने अपने जीवन में कभी साइकल नहीं चलाई. जिसकी दुनिया उसके गांव तक सीमित है. जो बाहर की दुनिया की बारिकियों से रू-ब-रू नहीं हुआ, ऐसा अनपढ़ गरीब किसान आज एनडीपीएस के मामले में जेल की सलाखों के पीछे है.

सलाखों के पीछे किसान

लापरवाह पुलिस अधिकारियों ने ऐसा ताना-बाना बुना कि किसान को डोडा पोस्त से भरी गाड़ी का ड्राइवर बताकर तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया. अब उसका परिवार और गांव उसे निर्दोष साबित करने के लिए दर-दर भटक रहा है.

दरअसल, पाली जिले के सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र का बाकेली गांव निवासी तेजाराम देवासी को पुलिस ने डोडा पोस्त तस्करी के मामले में उदयपुर जेल में बंद किया गया है. 6 अगस्त को चित्तौड़गढ़ की वल्लभ नगर पुलिस ने मुकदमा संख्या 69/2019 पुलिस थाना खेरोदा में दर्ज NDPS एक्ट में एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया. इसी मामले में पुलिस ने तेजाराम को डोडा पोस्त से भरी गाड़ी का चालक बताकर गिरफ्तार कर लिया. 9 अगस्त को जब इसकी जानकारी तेजाराम के परिवार व ग्रामीणों को मिली तो सभी सकते में आ गए. तेजाराम का परिवार और ग्रामीण अपनी पीड़ा को लेकर जनप्रतिनिधियों के आगे गुहार लगा चुके हैं. लेकिन, अभी तक इस परिवार को कोई राहत नहीं मिल पाई है.

पढ़ें- बांसवाड़ाः प्रेमी जोड़े ने पुलिस अधीक्षक से लगाई सुरक्षा की गुहार...जानें पूरा माजरा

तेजाराम घर में एकमात्र कमाने वाला है. उसके जेल में चले जाने से अब जीवन-यापन और बच्चों के पालन पोषण में भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. तेजाराम की पत्नी की आंखे उसे निर्दोष बताते हुए नम हो जाती है. वो रोते हुए अपने पति के बारे में बताते हुए सरकार से उसे जल्द छोड़ने की गुहार लगाती है.

तेजाराम के भाई और ग्रामीण इसे दूसरे मामले से भी जोड़ते हैं. वे बताते हैं कि गांव में तेजाराम अपने भतीजे चेनाराम पिता जोगाराम निवासी बांकली की हत्या का मुख्य गवाह है. गवाह होने की वजह से हत्या में शामिल आरोपियों ने तेजाराम को फंसाकर जेल में डलवा दिया. उस हत्या के मुख्य अभियुक्त का सम्पर्क बाली उपकारागृह में उमेश बेनीवाल से हुआ था. उसने अपने आदमी को बचाने और हत्या के अभियुक्तों का बदला पूरा करने के लिए चेनाराम हत्या काण्ड के मुख्य गवाह तेजाराम‌ का नाम‌ इस डोडा पोस्त मामले से जोड़ दिया. मामले को लेकर ग्रामीणों ने विधायक से भी बात की. सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत भी मामले को गलत बताते हैं.

पढ़ें- इंश्योरेंस में भी मिले धोखा तो किस पर करें भरोसा...एजेंट ने बिना बताए पॉलिसी बंद कर उठाया भुगतान

जानकारी के अनुसार डोडा पोस्त तस्कर उमेश बेनीवाल को सुमेरपुर पुलिस पर फायरिंग व नाकाबंदी तोड़ने के मामले में सुमेरपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिसको मुकदमा संख्या 69/2019 के जरिए प्रोडक्शन वारंट वाले उपकारागृह से वल्लभनगर ले जाया गया. जहाँ उससे पूछताछ में तस्कर उमेश बेनीवाल ने अपनी डोडा पोस्त से भरी गाड़ी का चालक बाकली निवासी तेजाराम पुत्र रूपजी बताया. वहीं तत्कालिन अनुसंधान अधिकारी सुमेर सिंह, थाना वल्लभनगर स्वयं बाकली गांव आए थे. पूछताछ में पता चला कि तेजाराम किसी प्रकार का कोई वाहन चलाना ही नहीं जानता है. लेकिन, इसके बाद भी 6 अगस्त को सुमेरपुर पुलिस ने उसे उसके घर से ले जाकर वल्लभनगर पुलिस को सौंप दिया.

वहीं इस मामले में पुलिस से कई बार बात करने की कोशिश भी की गई. लेकिन पुलिस ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. वहीं अधिकारी भी सामने आने से बचते नजर आए. ऐसे में जब पुलिस ही इस तरह की लापरवाही बरते तो आमजन अपनी परेशानी लेकर कहां जाएंगे. गरीबी में जीवन गुजारने वाला परिवार अब किसके सामने गुहार लगाएं.

पाली. जिसने अपने जीवन में कभी साइकल नहीं चलाई. जिसकी दुनिया उसके गांव तक सीमित है. जो बाहर की दुनिया की बारिकियों से रू-ब-रू नहीं हुआ, ऐसा अनपढ़ गरीब किसान आज एनडीपीएस के मामले में जेल की सलाखों के पीछे है.

सलाखों के पीछे किसान

लापरवाह पुलिस अधिकारियों ने ऐसा ताना-बाना बुना कि किसान को डोडा पोस्त से भरी गाड़ी का ड्राइवर बताकर तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया. अब उसका परिवार और गांव उसे निर्दोष साबित करने के लिए दर-दर भटक रहा है.

दरअसल, पाली जिले के सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र का बाकेली गांव निवासी तेजाराम देवासी को पुलिस ने डोडा पोस्त तस्करी के मामले में उदयपुर जेल में बंद किया गया है. 6 अगस्त को चित्तौड़गढ़ की वल्लभ नगर पुलिस ने मुकदमा संख्या 69/2019 पुलिस थाना खेरोदा में दर्ज NDPS एक्ट में एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया. इसी मामले में पुलिस ने तेजाराम को डोडा पोस्त से भरी गाड़ी का चालक बताकर गिरफ्तार कर लिया. 9 अगस्त को जब इसकी जानकारी तेजाराम के परिवार व ग्रामीणों को मिली तो सभी सकते में आ गए. तेजाराम का परिवार और ग्रामीण अपनी पीड़ा को लेकर जनप्रतिनिधियों के आगे गुहार लगा चुके हैं. लेकिन, अभी तक इस परिवार को कोई राहत नहीं मिल पाई है.

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तेजाराम घर में एकमात्र कमाने वाला है. उसके जेल में चले जाने से अब जीवन-यापन और बच्चों के पालन पोषण में भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. तेजाराम की पत्नी की आंखे उसे निर्दोष बताते हुए नम हो जाती है. वो रोते हुए अपने पति के बारे में बताते हुए सरकार से उसे जल्द छोड़ने की गुहार लगाती है.

तेजाराम के भाई और ग्रामीण इसे दूसरे मामले से भी जोड़ते हैं. वे बताते हैं कि गांव में तेजाराम अपने भतीजे चेनाराम पिता जोगाराम निवासी बांकली की हत्या का मुख्य गवाह है. गवाह होने की वजह से हत्या में शामिल आरोपियों ने तेजाराम को फंसाकर जेल में डलवा दिया. उस हत्या के मुख्य अभियुक्त का सम्पर्क बाली उपकारागृह में उमेश बेनीवाल से हुआ था. उसने अपने आदमी को बचाने और हत्या के अभियुक्तों का बदला पूरा करने के लिए चेनाराम हत्या काण्ड के मुख्य गवाह तेजाराम‌ का नाम‌ इस डोडा पोस्त मामले से जोड़ दिया. मामले को लेकर ग्रामीणों ने विधायक से भी बात की. सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत भी मामले को गलत बताते हैं.

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जानकारी के अनुसार डोडा पोस्त तस्कर उमेश बेनीवाल को सुमेरपुर पुलिस पर फायरिंग व नाकाबंदी तोड़ने के मामले में सुमेरपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिसको मुकदमा संख्या 69/2019 के जरिए प्रोडक्शन वारंट वाले उपकारागृह से वल्लभनगर ले जाया गया. जहाँ उससे पूछताछ में तस्कर उमेश बेनीवाल ने अपनी डोडा पोस्त से भरी गाड़ी का चालक बाकली निवासी तेजाराम पुत्र रूपजी बताया. वहीं तत्कालिन अनुसंधान अधिकारी सुमेर सिंह, थाना वल्लभनगर स्वयं बाकली गांव आए थे. पूछताछ में पता चला कि तेजाराम किसी प्रकार का कोई वाहन चलाना ही नहीं जानता है. लेकिन, इसके बाद भी 6 अगस्त को सुमेरपुर पुलिस ने उसे उसके घर से ले जाकर वल्लभनगर पुलिस को सौंप दिया.

वहीं इस मामले में पुलिस से कई बार बात करने की कोशिश भी की गई. लेकिन पुलिस ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. वहीं अधिकारी भी सामने आने से बचते नजर आए. ऐसे में जब पुलिस ही इस तरह की लापरवाही बरते तो आमजन अपनी परेशानी लेकर कहां जाएंगे. गरीबी में जीवन गुजारने वाला परिवार अब किसके सामने गुहार लगाएं.

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