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किसानों के लिए खुशखबरी: जवाई बांध से सिंचाई के लिए खोली गई नहरें

पाली के सुमेरपुर जवाई बांध से सिंचाई के लिए नहर खोली गई. जिसमें 3 हजार 350 एमसीएफटी पानी से 40 हजार 200 एकड़ भूमि सिंचित होगी. इन 67 दिनों में प्रतिदिन 50 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए किसानों को दिया जाएगा.

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Published : Nov 2, 2019, 12:02 AM IST

सुमेरपुर (पाली). जवाई बांध से सिंचाई के लिए शुक्रवार शाम 4 बजे जल संसाधन विभाग के अधिकारी और संगम अध्यक्षों की मौजूदगी में नहर को खोला गया. दूसरे दिन शनिवार से जवाई बांध क्षेत्र में बाराबंदी लागू की जाएगी.

सुमेरपुर जवाई बांध से सिंचाई के लिए नहर खोली गई

बता दें कि पिछले 40 साल का इतिहास देखा जाए तो जवाई बांध से 26वीं बार किसानों को सिंचाई के लिए नहरों के माध्यम से पानी दिया जा रहा है. वहीं, 14 साल से पर्याप्त बारिश नहीं होने से जवाई बांध का पानी पीने के लिए आरक्षित रखा गया. इस बार चार चरण में किसानों को सिंचाई के लिए 3 हजार 350 एमसीएफटी पानी दिया जाएगा. इन 67 दिनों में प्रतिदिन 50 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए किसानों को दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें.पालीः निकाय चुनाव में टिकट का झमेला, रात 2 बजे तक विधायक निवास पर कार्यकर्ताओं का रहा जमावड़ा

2012 में भी 1 नवंबर को खुली थी नहर

जल संसाधन विभाग के आंकडों के अनुसार पूर्व में भी वर्ष 2012 में सिंचाई के लिए 1 नवंबर को नहर खोली गई थी. जिसमें किसानों को सिंचाई के लिए तीन चरण के माध्यम से 2800 एमसीएफटी पानी दिया गया था. इससे पूर्व 9 नवंबर 2011 और 11 नवंबर 1984 में भी 11वें माह में जवाई बांध से नहर को खोला गया था.

पिछले 40 साल का इतिहास उठाकर देखा जाए तो ज्यादातर अक्टूबर माह में कुल 20 बार नहरों को खोला गया. जबकि, नवंबर में 5 बार नहरों को खोला गया था. वहीं, वर्ष 2003 में तो 5 जनवरी को नहर खोली गई. जिसमें किसानों को दो चरण में 825 एमसीएफटी पानी दिया गया था.

4 पाण में 3350 एमसीएफटी पानी देंगे किसानों को

जवाई बांध जल वितरण कमेटी की ओर से गत 11 अक्टूबर को जवाई बांध में उपलब्ध पानी का बंटवारा संभागीय आयुक्त बीएल कोठारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान 3 हजार 350 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए आरक्षित किया गया था. इन निर्धारित दिनों में किसानों को प्रतिदिन 50 एमसीएफटी पानी दिया जाएगा. सिंचाई के लिए आरक्षित पानी से लगभग 40 हजार 200 एकड़ क्षेत्र में सिंचाई होगी.

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वर्ष 2017-18 की बाराबंदी होगी लागू

सिंचाई विभाग ने जवाई बांध क्षेत्र में वर्ष 2017-18 की बाराबंदी को आधार मानते हुए इसे यथावत रखने का निर्णय लिया है. बाराबंदी खसरा नंबर और इसके क्षेत्रफल को आधार बनाकर जारी की गई है. बाराबंदी नहर खुलने के 7 दिन पहले जारी की गई थी, जो केवल इसी वर्ष के लिए मान्य होगी.

अधिशाषी अभियंता चंद्रोवीर सिंह ने बताया कि जवाई बांध से सिंचाई के लिए पहले चरण का पानी मुहुर्त के रूप में छोड़ा गया है. रात को 12 से एक बजे तक दो-दो घंटे के अंतराल पर इसका डिस्चार्ज बढ़ाया जाएगा. वहीं, किसानों की बाराबंदी शनिवार से लागू हो जाएगी.

सुमेरपुर (पाली). जवाई बांध से सिंचाई के लिए शुक्रवार शाम 4 बजे जल संसाधन विभाग के अधिकारी और संगम अध्यक्षों की मौजूदगी में नहर को खोला गया. दूसरे दिन शनिवार से जवाई बांध क्षेत्र में बाराबंदी लागू की जाएगी.

सुमेरपुर जवाई बांध से सिंचाई के लिए नहर खोली गई

बता दें कि पिछले 40 साल का इतिहास देखा जाए तो जवाई बांध से 26वीं बार किसानों को सिंचाई के लिए नहरों के माध्यम से पानी दिया जा रहा है. वहीं, 14 साल से पर्याप्त बारिश नहीं होने से जवाई बांध का पानी पीने के लिए आरक्षित रखा गया. इस बार चार चरण में किसानों को सिंचाई के लिए 3 हजार 350 एमसीएफटी पानी दिया जाएगा. इन 67 दिनों में प्रतिदिन 50 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए किसानों को दिया जाएगा.

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2012 में भी 1 नवंबर को खुली थी नहर

जल संसाधन विभाग के आंकडों के अनुसार पूर्व में भी वर्ष 2012 में सिंचाई के लिए 1 नवंबर को नहर खोली गई थी. जिसमें किसानों को सिंचाई के लिए तीन चरण के माध्यम से 2800 एमसीएफटी पानी दिया गया था. इससे पूर्व 9 नवंबर 2011 और 11 नवंबर 1984 में भी 11वें माह में जवाई बांध से नहर को खोला गया था.

पिछले 40 साल का इतिहास उठाकर देखा जाए तो ज्यादातर अक्टूबर माह में कुल 20 बार नहरों को खोला गया. जबकि, नवंबर में 5 बार नहरों को खोला गया था. वहीं, वर्ष 2003 में तो 5 जनवरी को नहर खोली गई. जिसमें किसानों को दो चरण में 825 एमसीएफटी पानी दिया गया था.

4 पाण में 3350 एमसीएफटी पानी देंगे किसानों को

जवाई बांध जल वितरण कमेटी की ओर से गत 11 अक्टूबर को जवाई बांध में उपलब्ध पानी का बंटवारा संभागीय आयुक्त बीएल कोठारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान 3 हजार 350 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए आरक्षित किया गया था. इन निर्धारित दिनों में किसानों को प्रतिदिन 50 एमसीएफटी पानी दिया जाएगा. सिंचाई के लिए आरक्षित पानी से लगभग 40 हजार 200 एकड़ क्षेत्र में सिंचाई होगी.

यह भी पढ़ें. पालीः निकाय चुनाव में टिकट का झमेला, रात 2 बजे तक विधायक निवास पर कार्यकर्ताओं का रहा जमावड़ा

वर्ष 2017-18 की बाराबंदी होगी लागू

सिंचाई विभाग ने जवाई बांध क्षेत्र में वर्ष 2017-18 की बाराबंदी को आधार मानते हुए इसे यथावत रखने का निर्णय लिया है. बाराबंदी खसरा नंबर और इसके क्षेत्रफल को आधार बनाकर जारी की गई है. बाराबंदी नहर खुलने के 7 दिन पहले जारी की गई थी, जो केवल इसी वर्ष के लिए मान्य होगी.

अधिशाषी अभियंता चंद्रोवीर सिंह ने बताया कि जवाई बांध से सिंचाई के लिए पहले चरण का पानी मुहुर्त के रूप में छोड़ा गया है. रात को 12 से एक बजे तक दो-दो घंटे के अंतराल पर इसका डिस्चार्ज बढ़ाया जाएगा. वहीं, किसानों की बाराबंदी शनिवार से लागू हो जाएगी.

Intro:सुमेरपुर । जवाई बांध से सिंचाई के लिए आज शुक्रवार शाम 4 बजे जल संसाधन विभाग के अधिकारी ओर संगम अध्यसक्षों की मौजूदगी में नहर को खोला गया । अब कल यानी दूसरे दिन शनिवार से जवाई कमांड क्षेत्र में बाराबंदी लागू को जाएगी। Body:जवाई बांध से सिंचाई के लिए खोली गई नहर, 3350 एमसीएफटी पानी से 40200 एकड़ भूमि होगी सिंचित
- प्रथम पाण 17 व दूसरी 16 दिन की होगी, शेष दो पाण 17-17 दिन की रहेगी
सुमेरपुर । जवाई बांध से सिंचाई के लिए आज शुक्रवार शाम 4 बजे जल संसाधन विभाग के अधिकारी ओर संगम अध्यगक्षों की मौजूदगी में नहर को खोला गया । अब कल यानी दूसरे दिन शनिवार से जवाई कमांड क्षेत्र में बाराबंदी लागू को जाएगी। पिछले 40 साल का इतिहास देखा जाए तो जवाई बांध से इस बार 26वीं बार किसानो को सिंचाई के लिए नहरो के माध्यम से पानी दिया जा रहा है । वहीं 14 साल पर्याप्त बारिश नहीं होने से जवाई बांध का पानी पीने के लिए आरक्षित रखा गया। इस बार चार पाण के माध्यम से किसानो को सिंचाई के लिए 3350 एमसीएफटी पानी दिया जाएगा। जिसमें प्रथम पाण 17 दिन तक चलेगी। उसके बाद दूसरी पाण 16 एवं शेष दो पाण 17-17 दिन की होगी। इन 67 दिनों में प्रतिदिन 50 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए किसानो को दिया जाएगा।

2012 में भी 1 नवंबर को खुली थी नहर
जल संसाधन विभाग के आंकडों के अनुसार पूर्व में भी वर्ष 2012 में सिंचाई के लिए 1 नवंबर को नहर खोली गई थी। जिसमें किसानों को सिंचाई के लिए तीन पाण के माध्यम से 2800 एमसीएफटी पानी दिया गया था। इससे पूर्व 9 नवंबर 2011 एवं 11 नवंबर 1984 में भी 11वें माह में जवाई बांध से नहर को खोला गया था। पिछले 40 साल का इतिहास उठाकर देखा जाए तो ज्यादातर अक्टूबर माह में कुल 20 बार नहरो को खोला गया। जबकि नवंबर में 5 बार नहरों को खोला गया। वहीं वर्ष 2003 में तो 5 जनवरी को नहर खोली गई। जिसमें किसानों को दो पाण के माध्यम से 825 एमसीएफटी पानी दिया गया था।

4 पाण में 3350 एमसीएफटी पानी देंगे किसानों को
जवाई बांध जल वितरण कमेटी द्वारा गत 11 अक्टूबर को जवाई बांध में उपलब्ध पानी का बंटवारा संभागीय आयुक्त बीएल कोठारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान 3350 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए आरक्षित किया गया था। सिंचाई के लिए 17 दिन की प्रथम पाण एवं दूसरी पाण 16 दिन की और शेष दो पाण 17-17 दिन की निर्धारित की गई है। इन निर्धारित दिनो में किसानों को प्रतिदिन 50 एमसीएफटी पानी दिया जाएगा। सिंचाई के लिए आरक्षित पानी 3350 एमसीएफटी से लगभग 40200 एकड़ क्षेत्र में सिंचाई होगी।

वर्ष 2017-18 की बाराबंदी होगी लागू
सिंचाई विभाग ने जवाई कमांड क्षेत्र में वर्ष 2017-18 की बाराबंदी को आधार मानते हुए इसे यथावत रखने का निर्णय लिया गया है। बाराबंदी खसरा नंबर एवं इसके क्षेत्रफल को आधार बनाकर जारी की गई है। बाराबंदी नहर खुलने के 7 दिवस पहले जारी की गई थी, जो केवल इसी वर्ष के लिए मान्य होगी।

अधिशाषी अभियंता चन्द्रोवीर सिंह ने बताया कि जवाई बांध से सिंचाई के लिए पहली पाण का पानी मुहुर्त के रूप में छोड़ा गया है। रात को 12 से एक बजे तक दो दो घण्टेय अन्त राल इसका डिचार्ज बडाया जायेगा, किसानों की बाराबंदी कल से लागू हो जाएगी। जालोर ओर पाली के दूरस्तड गावों की माइनरेां का कल शाम तक गेज मेन्टेान कर दिया जायेगा
Conclusion:
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