नागौर. बोरावड़ में विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के दौरान कुछ बूथों पर फर्जी मतदान करने के लिए पहुंचे युवाओं को सीआईएसएफ तथा बीएसएफ के जवानों ने पकड़कर बूथों पर ही बैठा लिया. हालांकि उन युवकों को सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा पुलिस को सुपुर्द करने के नाम पर बूथ से बाहर ले जाकर भगा दिये जाने के आरोपों के चलते सेक्टर मजिस्ट्रेट व जवानों में कहासुनी हो गई. इसी बीच स्थानीय लोगों ने भी सेक्टर मजिस्ट्रेट के इस रवैये पर नाराजगी व्यक्त की.
मौके पर उपस्थित स्थानीय पत्रकार द्वारा घटनाक्रम का वीडियो बनाकर सेक्टर मजिस्ट्रेट से उनकी इस कार्रवाई पर सवाल पूछने पर वे पत्रकारों पर ही भड़क गए. उन्होंने उन्हें वहां से चले जाने के लिए फरमान जारी कर दिया. जानकारी के अनुसार एक बूथ पर कथित तौर पर फर्जी मतदान के लिए पहुंचे एक युवक को पुलिस की गाड़ी में बिठाकर मकराना ले जाया गया. इसके बाद भाग संख्या 158 व 159 के क्षेत्र में फर्जी मतदान के लिए आये कुछ युवकों को वहां पर तैनात सीआईएसएफ व बीएसएफ के जवानों ने पकड़कर बैठा लिया.
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उन्होंने पकड़े गए युवकों को सेक्टर मजिस्ट्रेट किशनाराम (प्रधानाचार्य) के समक्ष पेश किया, जिस पर सेक्ट्रर मजिस्ट्रेट ने युवकों को पुलिस को सुपुर्द करने के बहाने बूथ से बाहर ले जाकर भगा दिया. उनकी इस कार्रवाई पर सुरक्षाकर्मियों ने आपत्ति जताई. जिस पर सेक्टर मजिस्ट्रेट ने युवकों के भाग जाने की बात बताते हुए जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. इसके बाद मौके पर पहुंचे मकराना थनाधिकारी राजेन्द्र सिंह चारण ने एकत्रित भीड़ को अपने मतदान अधिकार का एक बार ही उपयोग करने का आह्वान करते हुए एक बार से अधिक मतदान नहीं करने के लिए समझाइश की. बोरावड़ के सेक्टर मजिस्ट्रेट किशनाराम का कहना है कि ''मुझे मजिस्ट्रेट के पावर मिले हुए थे. उस बच्चे की दशा देखकर मैनें उसे छोड़ दिया.''