जयपुर. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से गांव भी अछूते नहीं रहे हैं. कई गांवों में संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. जयपुर जिले की सीमा से सटे नागौर के आखिरी गांव गुढ़ा में अन्य गांवों की तुलना में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और पहले से की गई तैयारियों का असर यह है कि इस गांव में महज 2 कोरोना संक्रमित मरीज हैं.
इन दो संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेटेड कर इलाज किया जा रहा है. वैक्सीनेशन के मामले में यह गांव ब्लॉक में दूसरे स्थान पर है. आमतौर पर कई गांवों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जहां एएनएम तक कार्यरत नहीं होती है, वहीं गुढ़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो डॉक्टर के साथ अन्य स्टाफ तैनात है. गुढ़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और इसके सब सेंटर्स को मिलाकर कुल 16 चिकित्सा कर्मियों का स्टाफ लगा हुआ है. साथ ही ब्लॉक में वैक्सीनेशन में गुढ़ा दूसरे नंबर पर है.
ग्रामीण और डॉक्टर कोरोना से जंग मुस्तैदी से लड़ रहे
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी बताते हैं कि ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए चिकित्सा कर्मी ग्रामीणों के साथ मिलकर मुस्तैदी से काम कर रहे हैं. गांव में जागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीणों को कोविड गाइडलाइन की पालना करने का संदेश दिया जा रहा है. किसी में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर तुरंत इलाज करवाने के लिए कहा जा रहा है और संक्रमित मिलने पर घर पर आइसोलेट करके इलाज किया जा रहा है. उनका कहना है कि ग्रामीणों को कोविड वैक्सीन लगाने के लिए भी सरकार की गाइडलाइन के अनुसार शिविर लगाए जा रहे हैं.
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गुढ़ा पीएचसी का पीपीपी मोड पर संचालन करने वाले मोहम्मद मुश्ताक बताते हैं कि गुढ़ा पीएचसी और इसके सब सेंटर्स पर 16 कर्मचारियों का स्टाफ तैनात है, जो ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए मुस्तैदी से जुटे हुए हैं.