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नागौर: वेतन कटौती के विरोध में कर्मचारियों ने दी गिरफ्तारी

नागौर में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तले कर्मचारियों ने वेतन कटौती और वेतन बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और 8 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और सांकेतिक गिरफ्तारी दी.

state employees protest,  salary deduction
राजस्थान में वेतन कटौती का विरोध
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Published : Nov 11, 2020, 4:08 PM IST

नागौर. राज्य कर्मचारियों ने बुधवार को गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और अपनी सांकेतिक गिरफ्तारी दी. मार्च में रोका गया वेतन देने और वेतन कटौती के आदेश वापस लेने की मांग को लेकर कर्मचारी प्रदेश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके साथ ही लंबित आठ मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर कर्मचारी ज्ञापन दे रहे हैं.

कोरोना में बजट की कमी का हवाला देकर राज्य कर्मचारियों का मार्च का वेतन रोका गया था. इसके बाद हर महीने सरकारी कर्मचारियों का एक और दो दिन का वेतन काटा जा रहा है. इसे लेकर राज्य कर्मचारियों में भारी रोष है. कर्मचारियों ने नागौर में बुधवार को मार्च निकाला और गहलोत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

पढ़ें: दौसा: गहलोत सरकार के खिलाफ कर्मचारियों का 'जेल भरो आंदोलन'

कर्मचारियों ने सावंत कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, सामूहिक अवकाश (हड़ताल) के अधिकार को बहाल करने, सातवें वेतन आयोग के वंचित कर्मचारियों को इसका लाभ देने, कर्मचारी महासंघ के साथ हुए समझौतों को लागू करने, द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से मामलों का निस्तारण करने और अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने की मांग भी दोहराई.

कर्मचारियों ने वेतन कटौती के आदेश वापस लेने और मार्च का रोका गया वेतन दिलवाने की मांग कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने के बाद राज्य कर्मचारियों ने सांकेतिक गिरफ्तारी भी दी. कोतवाली के साथ ही अतिरिक्त जाप्ता भी इस दौरान कलेक्ट्रेट और आसपास तैनात किया गया था. पुलिस ने कर्मचारियों को गिरफ्तार कर कुछ दूरी पर छोड़ दिया.

नागौर. राज्य कर्मचारियों ने बुधवार को गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और अपनी सांकेतिक गिरफ्तारी दी. मार्च में रोका गया वेतन देने और वेतन कटौती के आदेश वापस लेने की मांग को लेकर कर्मचारी प्रदेश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके साथ ही लंबित आठ मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर कर्मचारी ज्ञापन दे रहे हैं.

कोरोना में बजट की कमी का हवाला देकर राज्य कर्मचारियों का मार्च का वेतन रोका गया था. इसके बाद हर महीने सरकारी कर्मचारियों का एक और दो दिन का वेतन काटा जा रहा है. इसे लेकर राज्य कर्मचारियों में भारी रोष है. कर्मचारियों ने नागौर में बुधवार को मार्च निकाला और गहलोत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

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कर्मचारियों ने सावंत कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, सामूहिक अवकाश (हड़ताल) के अधिकार को बहाल करने, सातवें वेतन आयोग के वंचित कर्मचारियों को इसका लाभ देने, कर्मचारी महासंघ के साथ हुए समझौतों को लागू करने, द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से मामलों का निस्तारण करने और अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने की मांग भी दोहराई.

कर्मचारियों ने वेतन कटौती के आदेश वापस लेने और मार्च का रोका गया वेतन दिलवाने की मांग कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने के बाद राज्य कर्मचारियों ने सांकेतिक गिरफ्तारी भी दी. कोतवाली के साथ ही अतिरिक्त जाप्ता भी इस दौरान कलेक्ट्रेट और आसपास तैनात किया गया था. पुलिस ने कर्मचारियों को गिरफ्तार कर कुछ दूरी पर छोड़ दिया.

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