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नागौर के मकराना और बोरावड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति बदहाल, सौंपा ज्ञापन

नागौर के मकराना और बोरावड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति बदहाल हो गई है. इन सभी चिकित्सालयों के रिक्त पदों की भर्ती के लिए मकराना विकास समिति ने गुरुवार को मकराना एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.

Nagaur news, नागौर की खबर
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति बदहाल
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Published : Jan 2, 2020, 7:25 PM IST

मकराना (नागौर). जिले के मकराना और बोरावड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की बदहाल होती स्थिति को सुधारे जाने के साथ ही चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग को लेकर मकराना विकास समिति ने गुरुवार को मकराना एसडीएम सिराज अली जैदी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें राजकीय चिकित्सालय मकराना और बोरावड में सभी चिकित्सालयों के लिए स्टाफ के रिक्त पदों को भरने बाबत यह ज्ञापन सौंपा गया है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति बदहाल

ज्ञापन में लिखा गया है कि मकराना के सरकारी अस्पताल में 79 पद सर्जित है, जिसमें से 12 पद ही भरे हुए हैं. कई तो इनमें ऐसे हैं जो मकराना में ड्यूटी बताकर सैलरी भी उठाते हैं और अपना कार्य किसी दूसरे स्थान पर कर रहे है. मकराना की आबादी करीब डेढ़ लाख की है और यहां का क्षेत्रफल भी काफी बढा है. औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण मकराना में हर रोज रोजगार के लिये 20 हजार मजदूर भी आते हैं. फिर भी मकराना के सरकारी अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं पूर्ण रूप से चरमराई हुई है.

पढ़ें- नागौर की इन 16 ग्राम पंचायतों में अभी नहीं होंगे चुनाव, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साफ होगी तस्वीर

बता दें कि यहां पर खान दुर्घटना, सड़क दुर्घटना, महिला प्रसूति, नवजात शिशु, हत्या घात, मौसमी बीमारियों और घातक बीमारियों जैसे डेंगू, स्वाइन फ्लू के प्राथमिक उपचार की भी उचित व्यवस्था नहीं है. परिणाम स्वरूप मकराना में साल भर में 300 से ज्यादा मौतें केवल चिकित्सा सुविधा के अभाव में ही हो जाती है. मकराना के जो लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, उन्हें भी सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बदहाल चिकित्सा व्यवस्था के कारण लोगों का शोषण हो रहा है और कई अकाल मौत का ग्रास भी बन जाते है. इस संबंध में विस्तृत जांच भी करवाई जा सकती है.

इसके साथ ही मकराना में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं होने पर मकराना विकास समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने मकराना की जनता को साथ लेकर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है. मकराना एसडीएम ने मकराना विकास समिति के पदाधिकारी और सदस्यों को आश्वासन दिया है कि जो मकराना में रिक्त पद है, उनको जल्द ही डॉक्टरों के नियुक्ति करवाकर भर दिये जायेगें. जिससे कि मकराना की चिकित्सा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आ सके.

पढ़ें- नागौर: तीन चरणों में चुनी जाएगी गांव की सरकार, 2207 केंद्रो पर होगा मतदान

इस मौके पर मकराना विकास समिति अध्यक्ष हारून रशीद चौधरी, कोषाध्यक्ष अब्दुल अजीज, नितेश जैन, पूरणमल, राजू सोलंकी, कालू जी उस्ता, सूरज बडज़ात्या, गंगाराम मेघवाल, राम स्वरूप गोरा, बजरंग सिंह मंडोवरी, ललित राजोरा, दीपक गोरा, राजकुमार चंदेल, आंसू गोरी समेत कई लोग मौजूद रहे.

मकराना (नागौर). जिले के मकराना और बोरावड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की बदहाल होती स्थिति को सुधारे जाने के साथ ही चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग को लेकर मकराना विकास समिति ने गुरुवार को मकराना एसडीएम सिराज अली जैदी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें राजकीय चिकित्सालय मकराना और बोरावड में सभी चिकित्सालयों के लिए स्टाफ के रिक्त पदों को भरने बाबत यह ज्ञापन सौंपा गया है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति बदहाल

ज्ञापन में लिखा गया है कि मकराना के सरकारी अस्पताल में 79 पद सर्जित है, जिसमें से 12 पद ही भरे हुए हैं. कई तो इनमें ऐसे हैं जो मकराना में ड्यूटी बताकर सैलरी भी उठाते हैं और अपना कार्य किसी दूसरे स्थान पर कर रहे है. मकराना की आबादी करीब डेढ़ लाख की है और यहां का क्षेत्रफल भी काफी बढा है. औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण मकराना में हर रोज रोजगार के लिये 20 हजार मजदूर भी आते हैं. फिर भी मकराना के सरकारी अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं पूर्ण रूप से चरमराई हुई है.

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बता दें कि यहां पर खान दुर्घटना, सड़क दुर्घटना, महिला प्रसूति, नवजात शिशु, हत्या घात, मौसमी बीमारियों और घातक बीमारियों जैसे डेंगू, स्वाइन फ्लू के प्राथमिक उपचार की भी उचित व्यवस्था नहीं है. परिणाम स्वरूप मकराना में साल भर में 300 से ज्यादा मौतें केवल चिकित्सा सुविधा के अभाव में ही हो जाती है. मकराना के जो लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, उन्हें भी सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बदहाल चिकित्सा व्यवस्था के कारण लोगों का शोषण हो रहा है और कई अकाल मौत का ग्रास भी बन जाते है. इस संबंध में विस्तृत जांच भी करवाई जा सकती है.

इसके साथ ही मकराना में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं होने पर मकराना विकास समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने मकराना की जनता को साथ लेकर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है. मकराना एसडीएम ने मकराना विकास समिति के पदाधिकारी और सदस्यों को आश्वासन दिया है कि जो मकराना में रिक्त पद है, उनको जल्द ही डॉक्टरों के नियुक्ति करवाकर भर दिये जायेगें. जिससे कि मकराना की चिकित्सा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आ सके.

पढ़ें- नागौर: तीन चरणों में चुनी जाएगी गांव की सरकार, 2207 केंद्रो पर होगा मतदान

इस मौके पर मकराना विकास समिति अध्यक्ष हारून रशीद चौधरी, कोषाध्यक्ष अब्दुल अजीज, नितेश जैन, पूरणमल, राजू सोलंकी, कालू जी उस्ता, सूरज बडज़ात्या, गंगाराम मेघवाल, राम स्वरूप गोरा, बजरंग सिंह मंडोवरी, ललित राजोरा, दीपक गोरा, राजकुमार चंदेल, आंसू गोरी समेत कई लोग मौजूद रहे.

Intro:अस्पताल की दशा नहीं सुधरी तो आन्दोलन करेगें
मकराना एवं बोरावड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो की बदहाल होती स्थिति को सुधारे जाने एवं चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग को लेकर मकराना विकास समिति ने मकराना एसडीएम सिराज अली जैदी को ज्ञापन सौपा। जिसमें राजकीय चिकित्सालय मकराना व बोरावड में चिकित्सा एवं अन्य चिकित्सालय स्टाफ के रिक्त पदों को भरने बाबत यह ज्ञापन सौपा गया है।
बाईट:- 1, हारून रशीद चौधरी अध्यक्ष विकास समिति मकराना
बाईट:- 2, नितेश जैन सदस्य विकास समिति मकराना
Body:ज्ञापन में लिखा है कि मकराना के सरकारी अस्पताल में 79 पद सर्जित है जिसमें से 12 पद ही भरे हुए हैं कई तो इनमें ऐसे हैं जो मकराना में ड्यूटी बताते हैं और मकराना से सैलरी उठाते हैं और अपना कार्य किसी दूसरे स्थान पर कर रहे है। मकराना की आबादी करीब डेढ़ लाख की है और यहां का क्षेत्रफल भी काफी बढा है। औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण मकराना मं हर रोज रोजगार के लिये 20 हजार मजदूर भी आते हैं। फिर भी मकराना के सरकारी अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं पूर्ण रूप से चरमराई हुई है। यहां पर खान दुर्घटना सडक़ दुर्घटना महिला प्रसूति नवजात शिशु, हत्या घात, मौसमी बीमारियों, घातक बीमारियों जैसे डेंगू स्वाइन फ्लू आदि के प्राथमिक उपचार की भी उचित व्यवस्था नहीं है। परिणाम स्वरूप मकराना में वर्ष भर में 300 से ज्यादा मौतें केवल चिकित्सा सुविधा के अभाव में हो जाती है। Conclusion:मकराना के गरीबी लोग जो रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं उन्हें भी सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बदहाल चिकित्सा व्यवस्था के कारण लोगों का शोषण हो रहा है और कई अकाल मौत का ग्रास भी बन जाते है। इस संबंध में विस्तृत जांच भी करवाई जा सकती है। मकराना में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं होने पर मकराना विकास समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने मकराना की जनता को साथ लेकर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। मकराना एसडीएम ने मकराना विकास समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यों को आश्वासन दिया कि जो मकराना में रिक्त पद है उनको जल्द ही डॉक्टरों के नियुक्ति करवाकर भर दिये जायेगें। जिससे कि मकराना की चिकित्सा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आ सके। इस मौके पर मकराना विकास समिति अध्यक्ष हारून रशीद चौधरी कोषाध्यक्ष अब्दुल अजीज, नितेश जैन, पूरणमल, राजू सोलंकी, कालू जी उस्ता, सूरज बडज़ात्या, गंगाराम मेघवाल, राम स्वरूप गोरा, बजरंग सिंह मंडोवरी, ललित राजोरा, दीपक गोरा, राजकुमार चंदेल, आँसू गोरी आदि मौजूद थे।
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