नागौर. जिले के खींवसर थाना इलाके के थांबड़िया गांव के निवासी चंपा लाल गौड़ की मौत मामले में विरोध अब भी जारी है. 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी खींवसर के थाने के बाहर मृतक चंपालाल के शव के साथ ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं.
ग्रामीणों की मांगों के अनुसार एक आश्रित को सरकारी नौकरी और आरोपियों की गिरफ्तारी सहित 50 लाख रुपए का मुआवजा और दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पूरी होने पर ही शव उठाया जाएगा.
वहीं, चंपा लाल के परिजनों का कहना है कि जमीन पर कब्जा करने के लिए उस पर दबाव बनाया जा रहा था. जिसे लेकर चंपा लाल ने थाने में तहरीर दी थी और तीन महीने पहले एसपी से भी फरियाद की थी. लेकिन मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होने से चंपा लाल की सदमे में मौत हो गई. जानकारी के अनुसार खींवसर थाना क्षेत्र के पांचला सिद्धा गांव निवासी कंचन देवी पत्नी चम्पा लाल गौड़ की खरीद शुदा जमीन पर लोगों ने जबरन कब्जा कर लिया.
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इस संबंध में पीड़ित पक्ष की ओर से खींवसर थाने में रिपोर्ट दी गई. लेकिन पुलिस ने पुख्ता कार्रवाई करने के बजाय आरोपियों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर छोड़ दिया. वहीं, बार-बार जमीन पर कब्जा कर बैठ जाने और खेत में नहीं घुसने देने से परेशान परिवादी ने जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. विकास पाठक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई. लेकिन पीड़ित को न्याय नहीं मिला.
इसी बीच रविवार रात को आरोपी फिर ट्रैक्टर लेकर खेत मे पहुंचे और खेत मे खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया. साथ ही मामले में खींवसर पुलिस पर दबंगों की पैरवी करने के भी आरोप लगे हैं. धरने पर बैठे लोगों का कहन है कि आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.