नागौर. जिले के खींवसर थाना इलाके के थांबड़िया गांव के निवासी चंपालाल गौड़ की मौत के मामले में 42 घंटे बीत जाने के बाद भी परिजन थाने के बाहर खींवसर विधायक के साथ धरने पर बैठे हैं. थाने के बाहर हंगामे को देखते हुए थाना परिसर को छावनी में तबदील कर दिया गया है. बता दें कि परिजनों ने अभी तक शव का पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया है.
मृतक के परिजन और ग्रामीण थाने के बाहर शव के साथ धरने पर बैठे हैं. जिसके बाद अब 6 वें दौर की वार्ता के प्रयास तेज कर दिए गए हैं. वहीं, मौके पर नागौर एडीएम रामकुमार और जिले के चार थानों की आरएसी मौके पर मौजूद है.
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पूरे मामले में ग्रामीणों की मांग के अनुसार एक आश्रित को सरकारी नौकरी, आरोपियों की गिरफ्तारी, 50 लाख रुपए का मुआवजा और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पूरी होने पर ही शव को उठाया जाएगा.
मृतक के परिजनों का कहना है कि दबंगों ने मृतक की जमीन पर कब्जा करने के लिए परिवार वालों को डराया और खेत में चंपालाल के पीछे ट्रैक्टर भी दौड़ाया. साथ ही आरोपियों ने खेत में खड़ी फसल को भी नष्ट कर दिया.
वहीं, इस मामले में पीड़ित ने तीन बार पुलिस को सूचित किया लेकिन पुलिस ने आरोपियों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर बाद में छोड़ दिया. परिजनों ने बताया कि चंपालाल ने पुलिस अधीक्षक से भी न्याय की गुहार लगाई थी. लेकिन किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके चलते सदमे में चंपालाल की मौत हो गई.