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पॉजिटीव खबर : 10वीं फेल बापूजी बोल्या..मैं म्हारी छोरी न घणों पढ़ायौ और आज बा गुजरात म जांयै न्याय करसी

नागौर जिले के कुचामन सिटी के नजदीक ही स्थित छोटे से गांव बेगसर की पूजा राठौड़ गुजरात न्यायिक सेवा में चयनित हो गई. जिसके बाद पूरे गांव में पूजा का सम्मान किया गया. साथ ही उत्सव की तरह पूरे गांव वाले इसमें शरीक हुए.

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Published : Feb 28, 2019, 11:45 PM IST

गुजरात न्यायिक सेवा में चयनित पूजा राठौड़

नागौर. जिले के कुचामन सिटी के पास स्थित छोटे से गांव बेगसर की पूजा राठौड़ गुजरात न्यायिक सेवा में जज बनी तो पूरा गांव जश्न में शरीक हुआ. गांव में पूजा को घोड़ी पर बैठकर बिंदोली निकाली और माला और साफा पहनाकर सम्मान दिया.

पूजा राठौड़ के पिता पृथ्वीसिंह राजसमंद में मार्बल व्यापारी हैं. वे खुद ज्यादा पढ़ नहीं पाए लेकिन पूजा और अपनी दूसरी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलवाना उनका लक्ष्य रहा. जज बनने के बाद पहली बार अपने गांव बेगसर पहुंचने पर ग्रामीणों ने पूजा राठौड़ का भव्य स्वागत किया. इससे पहले कुचामन के माताजी मंदिर और मौलासर के जोधा मार्केट में भी पूजा का स्वागत किया गया.

क्लिक कर देखें वीडियों

पूजा का कहना है कि यदि लक्ष्य के प्रति लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं है. उनका यह भी कहना है कि किसी भी क्षेत्र में मनचाहा मुकाम हासिल करने के लिए भाषा या अन्य कोई कारण आपकी राह का रोड़ा नहीं बन सकता है. वह खुद 12वीं कक्षा तक हिंदी माध्यम में पढ़ी थी.

पिता पृथ्वीसिंह का कहना है कि उनकी बेटी शुरू से ही मेहनती थी. इसलिए उन्होंने कभी उसे रोका नहीं. आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया तो पूरे गांव का सर गर्व से ऊंचा हो गया है. उन्होंने अपने गांव के लोगों और समाज के लोगों से भी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाने का आह्वान किया है. ग्रामीण रामसिंह का कहना है कि यह मौका पूरे गांव के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है. हम सभी पांच दिन से इसकी तैयारी कर रहे थे. जिसमें पूरे गांव वालों का सहयोग रहा.

नागौर. जिले के कुचामन सिटी के पास स्थित छोटे से गांव बेगसर की पूजा राठौड़ गुजरात न्यायिक सेवा में जज बनी तो पूरा गांव जश्न में शरीक हुआ. गांव में पूजा को घोड़ी पर बैठकर बिंदोली निकाली और माला और साफा पहनाकर सम्मान दिया.

पूजा राठौड़ के पिता पृथ्वीसिंह राजसमंद में मार्बल व्यापारी हैं. वे खुद ज्यादा पढ़ नहीं पाए लेकिन पूजा और अपनी दूसरी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलवाना उनका लक्ष्य रहा. जज बनने के बाद पहली बार अपने गांव बेगसर पहुंचने पर ग्रामीणों ने पूजा राठौड़ का भव्य स्वागत किया. इससे पहले कुचामन के माताजी मंदिर और मौलासर के जोधा मार्केट में भी पूजा का स्वागत किया गया.

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पूजा का कहना है कि यदि लक्ष्य के प्रति लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं है. उनका यह भी कहना है कि किसी भी क्षेत्र में मनचाहा मुकाम हासिल करने के लिए भाषा या अन्य कोई कारण आपकी राह का रोड़ा नहीं बन सकता है. वह खुद 12वीं कक्षा तक हिंदी माध्यम में पढ़ी थी.

पिता पृथ्वीसिंह का कहना है कि उनकी बेटी शुरू से ही मेहनती थी. इसलिए उन्होंने कभी उसे रोका नहीं. आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया तो पूरे गांव का सर गर्व से ऊंचा हो गया है. उन्होंने अपने गांव के लोगों और समाज के लोगों से भी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाने का आह्वान किया है. ग्रामीण रामसिंह का कहना है कि यह मौका पूरे गांव के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है. हम सभी पांच दिन से इसकी तैयारी कर रहे थे. जिसमें पूरे गांव वालों का सहयोग रहा.

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पॉजिटीव खबर : 10वीं फेल बापूजी बोल्या..मैं म्हारी छोरी न घणों पढ़ायौ और आज बा गुजरात म जांयै न्याय करसी

pooja rathore selected in gujrat judiciary

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नागौर. जिले के कुचामन सिटी के पास स्थित छोटे से गांव बेगसर की पूजा राठौड़ गुजरात न्यायिक सेवा में जज बनी तो पूरा गांव जश्न में शरीक हुआ. गांव में पूजा को घोड़ी पर बैठकर बिंदोली निकाली और माला और साफा पहनाकर सम्मान दिया.

पूजा राठौड़ के पिता पृथ्वीसिंह राजसमंद में मार्बल व्यापारी हैं. वे खुद ज्यादा पढ़ नहीं पाए लेकिन पूजा और अपनी दूसरी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलवाना उनका लक्ष्य रहा. जज बनने के बाद पहली बार अपने गांव बेगसर पहुंचने पर ग्रामीणों ने पूजा राठौड़ का भव्य स्वागत किया.  इससे पहले कुचामन के माताजी मंदिर और मौलासर के जोधा मार्केट में भी पूजा का स्वागत किया गया.

पूजा का कहना है कि यदि लक्ष्य के प्रति लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं है. उनका यह भी कहना है कि किसी भी क्षेत्र में मनचाहा मुकाम हासिल करने के लिए भाषा या अन्य कोई कारण आपकी राह का रोड़ा नहीं बन सकता है. वह खुद 12वीं कक्षा तक हिंदी माध्यम में पढ़ी थी.

पिता पृथ्वीसिंह का कहना है कि उनकी बेटी शुरू से ही मेहनती थी. इसलिए उन्होंने कभी उसे रोका नहीं. आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया तो पूरे गांव का सर गर्व से ऊंचा हो गया है. उन्होंने अपने गांव के लोगों और समाज के लोगों से भी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाने का आह्वान किया है. ग्रामीण रामसिंह का कहना है कि यह मौका पूरे गांव के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है. हम सभी पांच दिन से इसकी तैयारी कर रहे थे. जिसमें पूरे गांव वालों का सहयोग रहा.


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