नागौर. राजस्थान के कई जिलों में इन दिनों राष्ट्रीय पक्षी मोर सहित अन्य पक्षियों की प्राकृतिक रूप से मौत के मामले सामने आ रहे हैं. नागौर जिले में भी नए साल की शुरुआत से ही पक्षियों के मरने की जानकारी लगातार मिल रही है. पक्षियों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार पक्षियों के मरने की खबर मिलने के साथ ही अब जिला प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई है.
अगर नागौर जिले की बात की जाए तो अब तक 95 राष्ट्रीय पक्षी मोर के अलावा 53 पक्षियों ने दम तोड़ दिया है. मरने वाले में 35 कौए, कबूतर और अन्य पक्षी शामिल हैं. प्रदेश के कुछ जिलों में पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से होने की पुष्टि हो चुकी है, वहीं नागौर जिले में भी बर्ड फ्लू की दस्तक की आशंका होने के चलते आमजन में भी खौफ का माहौल है.
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नागौर के उप वन संरक्षक ज्ञान चंद ने बताया कि जिले के मकराना के कालवा में सबसे पहले मृत अवस्था में कौओं के मिलने की बात सामने आई थी. इसके बाद पशुपालन विभाग की सहायता से कौओं की मौत का कारण जानने के लिए मृत कौओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे गए. सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही राष्ट्रीय पक्षी मोर सहित अन्य पक्षियों के मौत के कारणों के बारे में कुछ कहा जा सकेगा.
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पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित पर्यावरण प्रेमी हिम्मताराम भांबू ने भी राष्ट्रीय पक्षी मोर सहित अन्य पक्षियों की अकाल मौत हो जाने पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मरने वाले पक्षियों की मौत के कारणों को जानने के लिए वन विभाग में पशुपालन विभाग के की ओर से उनके सैंपल भोपाल भेजे गए हैं. सैंपल की रिपोर्ट आने के साथ ही मौत के कारणों का खुलासा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रेमियों के लिए पक्षियों की मौत की खबर दुखदाई है.