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बेजुबान और असहायों को ठंड से बचाने की मुहिम, गर्म कपड़े और रोटी जुटाने की यात्रा पर निकली रथ - Nishulk Gau Sewa Rath Samiti

नागौर में निशुल्क गौ सेवा रथ समिति (Nishulk Gau Sewa Rath Samiti) इन दिनों गरीब व असहायों को ठंड की ठिठुरन से बचाने में जुटी है. समिति की ओर से इसके लिए खास तौर पर अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत लोगों से घर-घर जाकर गर्म कपड़े एकत्र किए जा रहे हैं, जिसे जरूरतमंदों के बीच वितरित किया जा रहा है.

Nishulk Gau Sewa Rath Samiti
असहायों को बचाने की मुहिम...
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Published : Jan 8, 2023, 6:33 PM IST

असहायों को बचाने की मुहिम...

नागौर. शहर में अपने काम और नाम से जाने जाने वाली निशुल्क गौ सेवा रथ समिति इस साल कड़कड़ाती ठंड के बीच गरीबों व असहायों को ठिठुरन से बचाने के लिए गर्म कपड़े बांट रही है. ताकि कोई ठंड की चपेट में न आए. यह संगठन पिछले कई सालों से सामाजिक कार्यों में (collecting warm clothes to save poor from cold) सक्रिय है. चाहे रक्तदान शिविरों का आयोजन हो या फिर गौ सेवा. इसके पदाधिकारी व सदस्य निरंतर पूरी कर्मठता से अपने नैतिक व सामाजिक दायित्व का पालन करते आ रहे हैं. इधर, कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश में संगठन ने गरीब व जरूरतमंदों को सर्दी से बचाने के लिए एक मुहिम की शुरुआत की है. इसी मुहिम के तहत गौ सेवा रथ शहर के हर गली-मोहल्ले में जाकर मोहल्लेवासियों से पुराने व ऊनी कपड़ों को देने की अपील कर रही है. ताकि उसे एकत्र कर गरीबों तक पहुंचाया जा सके.

कोरोनाकाल में शुरू हुआ अभियान: निशुल्क गौ सेवा रथ समिति के अध्यक्ष हेमंत टाक सैनी का कहना है कि निशुल्क गौ सेवा रथ का अभियान कोरोनाकाल में शुरू हुआ था. जब लोग अपने घरों में दुबके बैठे थे तो बेजुबान गोवंश खाने को तरस रहे थे. ऐसे में वो और उनकी टीम के अन्य सदस्य (Campaign started in Corona period) मिलकर इस अभियान की शुरुआत किए. जिसके तहत वो शहर भर में दो टैक्सी लगवाकर लोगों से उनके घरों में बची कुची रोटी को एकत्र कर उसे गोवंशों तक पहुंचाते थे, ताकि उनका भी पेट भर सके. समिति के अध्यक्ष ने आगे बताया कि पिछले दो सालों से उनका काम निरंतर जारी है. साथ ही आज इस मुहिम से काफी लोग जुड़ गए हैं.

से भी पढ़ें - अपना घर आश्रम के प्रभु प्रकल्प में होंगी हाईटेक सुविधाएं, नए साल से 2000 निराश्रितों को होगा लाभ

वाट्सएप ग्रुप से जुड़े भामाशाह: सैनी ने बताया कि शुरुआती दिनों में बहुत से भामाशाह सामने आए, लेकिन धीरे-धीरे बजट की समस्या होने लगी. ऐसे में हमने एक वाट्सएप ग्रुप बनाया. जिसमें शहर के सभी भामाशाहों को जोड़ा और अब ये स्थिति है कि कोई न कोई हर दिन हमारी मदद के लिए आगे आ जाता है. इससे हमारी दोनों टैक्सियों के पेट्रोल का खर्च और टैक्सी चलाने वाले दोनों चालकों को आसानी से पैसे मिल जाया करते हैं.

सर्दी में गरीबों के लिए कपड़े की व्यवस्था: निशुल्क गौ सेवा रथ का संचालन बदस्तूर जारी है. ऐसे में समिति ने एक पंथ दो काज की नीति को अपनाया. शहर में यात्रा के दौरान पट्रोल का खर्च पहले से निश्चित था. ऐसे में शहर भर में हमारी दोनों टैक्सियां गरीबों के लिए गर्म कपड़ा इकट्ठा करने में जुट गई. गौ सेवा रथ और हमारे कुछ साथी मिलकर गरीब और असहाय लोगों को को गर्म वस्त्र वितरित कर रहे हैं. ताकि उन्हें ठंड से बचाया जा सके.

असहायों को बचाने की मुहिम...

नागौर. शहर में अपने काम और नाम से जाने जाने वाली निशुल्क गौ सेवा रथ समिति इस साल कड़कड़ाती ठंड के बीच गरीबों व असहायों को ठिठुरन से बचाने के लिए गर्म कपड़े बांट रही है. ताकि कोई ठंड की चपेट में न आए. यह संगठन पिछले कई सालों से सामाजिक कार्यों में (collecting warm clothes to save poor from cold) सक्रिय है. चाहे रक्तदान शिविरों का आयोजन हो या फिर गौ सेवा. इसके पदाधिकारी व सदस्य निरंतर पूरी कर्मठता से अपने नैतिक व सामाजिक दायित्व का पालन करते आ रहे हैं. इधर, कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश में संगठन ने गरीब व जरूरतमंदों को सर्दी से बचाने के लिए एक मुहिम की शुरुआत की है. इसी मुहिम के तहत गौ सेवा रथ शहर के हर गली-मोहल्ले में जाकर मोहल्लेवासियों से पुराने व ऊनी कपड़ों को देने की अपील कर रही है. ताकि उसे एकत्र कर गरीबों तक पहुंचाया जा सके.

कोरोनाकाल में शुरू हुआ अभियान: निशुल्क गौ सेवा रथ समिति के अध्यक्ष हेमंत टाक सैनी का कहना है कि निशुल्क गौ सेवा रथ का अभियान कोरोनाकाल में शुरू हुआ था. जब लोग अपने घरों में दुबके बैठे थे तो बेजुबान गोवंश खाने को तरस रहे थे. ऐसे में वो और उनकी टीम के अन्य सदस्य (Campaign started in Corona period) मिलकर इस अभियान की शुरुआत किए. जिसके तहत वो शहर भर में दो टैक्सी लगवाकर लोगों से उनके घरों में बची कुची रोटी को एकत्र कर उसे गोवंशों तक पहुंचाते थे, ताकि उनका भी पेट भर सके. समिति के अध्यक्ष ने आगे बताया कि पिछले दो सालों से उनका काम निरंतर जारी है. साथ ही आज इस मुहिम से काफी लोग जुड़ गए हैं.

से भी पढ़ें - अपना घर आश्रम के प्रभु प्रकल्प में होंगी हाईटेक सुविधाएं, नए साल से 2000 निराश्रितों को होगा लाभ

वाट्सएप ग्रुप से जुड़े भामाशाह: सैनी ने बताया कि शुरुआती दिनों में बहुत से भामाशाह सामने आए, लेकिन धीरे-धीरे बजट की समस्या होने लगी. ऐसे में हमने एक वाट्सएप ग्रुप बनाया. जिसमें शहर के सभी भामाशाहों को जोड़ा और अब ये स्थिति है कि कोई न कोई हर दिन हमारी मदद के लिए आगे आ जाता है. इससे हमारी दोनों टैक्सियों के पेट्रोल का खर्च और टैक्सी चलाने वाले दोनों चालकों को आसानी से पैसे मिल जाया करते हैं.

सर्दी में गरीबों के लिए कपड़े की व्यवस्था: निशुल्क गौ सेवा रथ का संचालन बदस्तूर जारी है. ऐसे में समिति ने एक पंथ दो काज की नीति को अपनाया. शहर में यात्रा के दौरान पट्रोल का खर्च पहले से निश्चित था. ऐसे में शहर भर में हमारी दोनों टैक्सियां गरीबों के लिए गर्म कपड़ा इकट्ठा करने में जुट गई. गौ सेवा रथ और हमारे कुछ साथी मिलकर गरीब और असहाय लोगों को को गर्म वस्त्र वितरित कर रहे हैं. ताकि उन्हें ठंड से बचाया जा सके.

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