नागौर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना के तहत शहरी इलाकों में नगर निकायों की ओर से वाहन के जरिये घर-घर जाकर कचरा लिया जाता है. इसमें विस्तार करते हुए स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र सरकार शहरों की तर्ज पर गांवों में भी कचरा प्रबंधन की तैयारी कर रही है.
इसी कड़ी में नागौर जिला प्रशासन ने भी योजना के विस्तार के तहत ग्रामीण क्षेत्रो में योजना की रूपरेखा बनानी शुरू कर दी है. जिले कि पंचायतों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जाएगा. इसके लिए शुरुआत में पंचायतों को 20 लाख रुपए दिए जाएंगे. वहीं गाड़ियों और कचरा पात्रों का पैसा स्ट्रक्चर खड़ा होने के बाद दिया जाएगा.
बताया जा रहा है कि अगले चरण में दूसरी स्कीम के तहत पंचायतों को 35 लाख रुपये मिलेंगे. योजना के अनुसार पंचायत घर-घर से कचरा लेकर खाद बनाकर बेचेगी. वहीं कचरा उठाने के बदले लोगों से पंचायत हर महीने शुल्क लेगी. साथ ही लोगों को जागरुक करने के लिए कचरा कलेक्शन को लेकर ग्राम सभा में ग्रामीणों को समझाया भी जाएगा.
यह भी पढ़ें- मांगरोल में एसडीपीआई की कोशर परवीन बनी पालिका उपाध्यक्ष
जानकारी के अनुसार ग्रामीणों को घरों से सूखे गीले कचरे के लिए हरा और नीला डिब्बा, घर के बाहर भी अनिवार्य करने की योजना है. सड़क और सार्वजनिक जगह पर पालतू मवेशियों को छोड़ने पर पाबंदी लगाई जाएगी. जो पशु मालिक ऐसा नहीं करते हैं, उन पर नियमों की अनदेखी करने करने का शुल्क वसूला जाएगा और पंचायत उस पर मुकदमा भी दर्ज करा सकती है.
वहीं नागौर जिला परिषद के स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी देवकिशन जोशी ने बताया कि नागौर जिले की 467 पंचायतों में तरल कचरा प्रबंधन योजना की शुरुआत के लिए डीपीआर तैयार हो चुकी है. साथ ही डीपीआर तैयार करके पंचायती राज विभाग को भेजी गई है.