नागौर. बासनी के अहमद हत्याकांड मामले में सोमवार को नागौर एडीजे कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए 8 आरोपियों को दोषी माना है. मामले में एडीजे इसरार खोखर ने 6 दोषियों को आजीवन कारावास व दो दोषियों को चार साल की सजा सुनाई है. एडीजे कोर्ट ने आरोपी अनवर, नवाब,आरीफ, इमरान, इब्राहिम, हबीब, जगदेव व दयालराम को दोषी माना है. 29 नवंबर 2016 को अहमद की हत्या हुई थी.
इनको सुनाई सजाः परिवादी पक्ष के वकील राजेंद्र सिंह ने बताया कि एडीजे कोर्ट ने डूकोसी निवासी अनवर खां (19) पुत्र मुनीर खां, नवाब खां (20) पुत्र अलीम खां कायमखानी, आरिफ खां उर्फ कालू (24) पुत्र श्रवण खां कायमखानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसी प्रकार इमरान खां (25) पुत्र बाबू खां कायमखानी, इब्राहिम खां (26) पुत्र हुसैन खां कायमखानी एवं हबीब खां (32) पुत्र सुलेमान खां कायमखानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही चातरा मांजरा निवासी जगदेव उर्फ जगदीश (50) पुत्र लाखाराम जाट व रायधनु निवासी दयालराम (26) पुत्र नेनाराम जाट को 4 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ में अर्थदंड भी लगाया है. न्यायालय ने जुर्माना जमा होने पर अहमद की विधवा को 2 लाख रुपए आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाने का आदेश दिया है.
यह था मामलाः बता दें कि 29 नवम्बर 2016 की रात में बासनी निवासी अहमद का अपहरण किया और पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. मृतक अहमद भाजपा कार्यकर्ता था और नागौर के तत्कालीन विधायक हबीबुर्रहमान का करीबी दोस्त था. उस समय अहमद हत्याकांड से क्षुब्द होकर विधायक हबीबुर्रहमान ने शव उठाने से मना करते हुए धरना दिया था. बाद में पुख्ता आश्वासन मिलने पर विधायक ने धरना समाप्त किया था.
अस्पताल के सामने पटक गये थे आरोपीः 29 नवम्बर 2016 की रात को अहमद का अपहरण कर मारपीट की तथा रात को ही बेहोशी की हालत में जेएलएन अस्पताल के दो नम्बर गेट के सामने पटककर चले गए. इसके बाद अहमद को जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था. प्रकरण में राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक गोपालराम गोदारा व परिवादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता शफीक खिलजी, राजेन्द्र सिंह राठौड़ व कान्ता बोथरा ने पैरवी की.