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स्पेशल रिपोर्ट : मेड़ता सिटी के दो दर्जन से ज्यादा मकानों में आई रहस्यमयी दरारें, दहशत के साए में लोग - छाजेड़ों का माहोल्ला मेड़ता

नागौर जिले के मेड़ता सिटी में छाजेड़ों के मोहल्ले के लोग इन दिनों दहशत के साए में जीवन जीने को मजबूर हैं. यहां करीब दो दर्जन से ज्यादा मकानों में गहरी दरारें आ गई हैं. कई मकान गिरने की हालत में पहुंच गए हैं. जबकि एक-दो पुराने मकान तो बीते दिनों हुई बारिश में गिर चुके हैं.

cracks in houses of Merta City, मेड़ता सिटी मकान में दरारें
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Published : Sep 11, 2019, 9:25 PM IST

नागौर. मेड़ता सिटी के छाजेड़ों के मोहल्ले में मकानों में दरारें आने, मकान जर्जर होने और जमीन धंसने का दौर जारी है. लोग इतने दहशत में हैं कि कुछ मकानों में रहने वाले लोगों ने किराए के मकान में पनाह ले रखी है. इधर, मोहल्ले में मकान जर्जर होने के बोर्ड और बैनर लगाकर चेतावनी भी जारी की गई है.

मेड़ता सिटी के दो दर्जन से ज्यादा मकानों में आई रहस्यमयी दरारें

जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों हुई तेज बरसात के बाद मकानों में दरारें आने का ये सिलसिला शुरू हुआ था. जो लगातार बढ़ता जा रहा है. शुरुवात में इस मोहल्ले के लगभग 20 मकानों में दरारें आई थी. जो अब बढ़ गई हैं. इनमें से 13 घरों में रहने वाले लोगों ने दूसरी जगह बसेरा बनाया हुआ है. अब इस मोहल्ले के पीछे स्थित दर्जियों के मोहल्ले के मन्दिर सहित कुछ मकान भी दरारों की चपेट में आने लगे हैं.

पढ़ेंः मोहन भागवत के काफिले से मासूम की मौत का मामलाः परिजनों ने मुंडावर थाने में कराया FIR दर्ज

छाजेड़ों के मोहल्ले के कैलाशचंद सोनी का कहना है कि उनके मकान का काम चल रहा था. अभी मुहूर्त भी नहीं हुआ था. अब अचानक यह समस्या आ गई. जीवनभर की कमाई खर्च कर जो मकान बना रहे थे. उसी में गहरी दरारें देख उनके चेहरे पर मायूसी छा जाती है. नरेंद्र कट्टा ने इस साल जनवरी में ही रेनोवेशन करवाया था. उनका मकान भी जर्जर हो गया.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी : 50 लाख की बीमा राशि हड़पने के लिए करवा दी खुद की हत्या...राजस्थान पुलिस का खुलासा

मेड़ता सिटी के छाजेड़ों के मोहल्ले के लोग एसडीएम से लेकर कलेक्टर तक और पार्षद से लेकर सांसद तक सबसे गुहार लगा चुके हैं. घटना की जानकारी मिलने पर अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने मुआयना भी किया. पिछले दिनों एक टीम ने भी मौका मुआयना कर इस पूरे मामले की जड़ का पता लगाने की कोशिश की. लेकिन फिलहाल, लोगों को इस समस्या का स्थायी समाधान मिलने का इंतजार है.

नागौर. मेड़ता सिटी के छाजेड़ों के मोहल्ले में मकानों में दरारें आने, मकान जर्जर होने और जमीन धंसने का दौर जारी है. लोग इतने दहशत में हैं कि कुछ मकानों में रहने वाले लोगों ने किराए के मकान में पनाह ले रखी है. इधर, मोहल्ले में मकान जर्जर होने के बोर्ड और बैनर लगाकर चेतावनी भी जारी की गई है.

मेड़ता सिटी के दो दर्जन से ज्यादा मकानों में आई रहस्यमयी दरारें

जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों हुई तेज बरसात के बाद मकानों में दरारें आने का ये सिलसिला शुरू हुआ था. जो लगातार बढ़ता जा रहा है. शुरुवात में इस मोहल्ले के लगभग 20 मकानों में दरारें आई थी. जो अब बढ़ गई हैं. इनमें से 13 घरों में रहने वाले लोगों ने दूसरी जगह बसेरा बनाया हुआ है. अब इस मोहल्ले के पीछे स्थित दर्जियों के मोहल्ले के मन्दिर सहित कुछ मकान भी दरारों की चपेट में आने लगे हैं.

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छाजेड़ों के मोहल्ले के कैलाशचंद सोनी का कहना है कि उनके मकान का काम चल रहा था. अभी मुहूर्त भी नहीं हुआ था. अब अचानक यह समस्या आ गई. जीवनभर की कमाई खर्च कर जो मकान बना रहे थे. उसी में गहरी दरारें देख उनके चेहरे पर मायूसी छा जाती है. नरेंद्र कट्टा ने इस साल जनवरी में ही रेनोवेशन करवाया था. उनका मकान भी जर्जर हो गया.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी : 50 लाख की बीमा राशि हड़पने के लिए करवा दी खुद की हत्या...राजस्थान पुलिस का खुलासा

मेड़ता सिटी के छाजेड़ों के मोहल्ले के लोग एसडीएम से लेकर कलेक्टर तक और पार्षद से लेकर सांसद तक सबसे गुहार लगा चुके हैं. घटना की जानकारी मिलने पर अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने मुआयना भी किया. पिछले दिनों एक टीम ने भी मौका मुआयना कर इस पूरे मामले की जड़ का पता लगाने की कोशिश की. लेकिन फिलहाल, लोगों को इस समस्या का स्थायी समाधान मिलने का इंतजार है.

Intro:नागौर जिले के मेड़ता सिटी में छाजेडों के मोहल्ले के लोग इन दिनों दहशत के साए में जीवन जीने को मजबूर हैं। यहां करीब दो दर्जन से ज्यादा मकानों में गहरी दरारें आ गई हैं। कई मकान गिरने की हालत में पहुंच गए हैं। एक-दो पुराने मकान तो बीते दिनों हुई बारिश में गिर चुके हैं।Body:नागौर. मेड़ता सिटी के छाजेडों के मोहल्ले में मकानों में दरारें आने, मकान जर्जर होने और जमीन धंसने का दौर जारी है। लोग इतने दहशत में हैं कि कुछ मकानों में रहने वाले लोगों ने किराए के मकान में पनाह ले रखी है। इधर, मोहल्ले में मकान जर्जर होने के बोर्ड और बैनर लगाकर चेतावनी भी जारी की गई है। जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों हुई तेज बरसात के बाद मकानों में दरारें आने का ये सिलसिला शुरू हुआ था। जो लगातार बढ़ता जा रहा है। शुरुवात में इस मोहल्ले के लगभग 20 मकानों में दरारें आई थी। जो अब बढ़ गई हैं। इनमें से 13 घरों में रहने वाले लोगों ने दूसरी जगह बसेरा बनाया हुआ है। अब इस मोहल्ले के पीछे स्थित दर्जियों के मोहल्ले के मन्दिर सहित कुछ मकान भी दरारों की चपेट में आने लगे हैं। छाजेडों के मोहल्ले के कैलाशचंद सोनी का कहना है कि उनके मकान का काम चल रहा था। अभी मुहूर्त भी नहीं हुआ था। अब अचानक यह समस्या आ गई। जीवनभर की कमाई खर्च कर जो मकान बना रहे थे। उसी में गहरी दरारें देख उनके चेहरे पर मायूसी छा जाती है। नरेंद्र कट्टा ने इस साल जनवरी में ही रेनोवेशन करवाया था। उनका मकान भी जर्जर हो गया।Conclusion:मेड़ता सिटी के छाजेडों के मोहल्ले के लोग एसडीएम से लेकर कलेक्टर तक और पार्षद से लेकर सांसद तक सबसे गुहार लगा चुके हैं। घटना की जानकारी मिलने पर अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने मुआयना भी किया। पिछले दिनों एक टीम ने भी मौका मुआयना कर इस पूरे मामले की जड़ का पता लगाने की कोशिश की। लेकिन फिलहाल, लोगों को इस समस्या का स्थायी समाधान मिलने का इंतजार है।
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बाइट 1- नरेंद्र कट्टा, स्थानीय निवासी।
बाइट 2- जानकीदास, स्थानीय निवासी।
बाइट 3- जितेंद्र भाटी, ईओ, नगर पालिका।
बाइट 4- कैलाशचंद सोनी, स्थानीय निवासी।
बाइट 5- दीया कुमारी, सांसद, राजसमंद।
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