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नागौर के दाऊसर के लाल को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया सपुर्द-ए-खाक - A young martyr died after a tank barrel exploded

बीकानेर के महाजन फायरिंग रेंज में भारत और फ्रांस की सेना के बीच चल रहे संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय टैंक का बैरल फटने से शहीद हुए शब्बीर खान को शनिवार को लोगों ने नम आंखों से विदाई दी. दाऊसर के लाल को सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सपुर्द-ए-खाक किया गया.

शब्बीर खान के किया सुपुर्द ए खाक, Shabbir Khan
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Published : Nov 2, 2019, 11:38 PM IST

Updated : Nov 3, 2019, 12:08 AM IST

नागौर. बीकानेर के महाजन फायरिंग रेंज में भारत और फ्रांस की सेना के बीच चल रहे संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान टैंक टी 72 का बैरल फटने से सेना की आर्मर्ड कॉर्प की 90 रेजिमेंट में कार्यरत शब्बीर खान शहीद हो गए थे. मूल रूप से डीडवाना उपखंड के गांव दाऊसर के शब्बीर खान को शनिवार को लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी.

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शब्बीर खान को किया गया सपुर्द-ए-खाक

जानकारी के अनुसार शहीद शब्बीर खान टैंक के ड्राइवर थे और युद्धाभ्यास के दौरान टैंक का बैरल फटने से केबिन में धुंआ भर गया. जिससे दम घुटने की वजह से उनकी मौत हो गई. इस हादसे के बाद रेजिमेंट के जवानों ने जान की परवाह किए बगैर जलते टैंक से उनको बाहर निकाल कर बचाने की कोशिश की लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था.

भारतीय सेना की आर्मर्ड कॉर्प की 90 आर्मर्ड रेजिमेंट में हवलदार के पद पर तैनात शब्बीर खान 2002 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. दाऊदसर गांव में जन्मे शब्बीर खान के पिता मजीद खान गांव में ही अपनी एक छोटी सी दुकान चलाते हैं. शब्बीर खान तीन भाइयों में सबसे छोटे थे उनसे बड़े दो भाई विदेश में रहते हैं. शहीद शब्बीर खान के पीछे उनकी पत्नी दौलत बानो और तीन बच्चे हैं. सबसे बड़ा बेटा असफाक है जिसकी उम्र 14 साल है और उसके बाद साहिल 10 साल का है, सबसे छोटी बेटी शाहीन है जो 8 साल की है.

पढ़ेंः जांच आयोग की रिपोर्ट पर सरकार कार्रवाई करने को बाध्य नहींः महाधिवक्ता

शब्बीर की शहादत पर उनके गांव के लोगों का कहना है कि शब्बीर ने अपने खानदान का ही नहीं बल्कि गांव का नाम का भी रोशन किया है. बता दें कि शहीद शब्बीर खान का पार्थिव देह को शुक्रवार रात को बीकानेर से डीडवाना लाया गया था. जिसके बाद शनिवार को सेना के विशेष वाहन से उनके गांव लाया गया.

इस दौरान लोगों ने जगह-जगह शहीद पर पुष्प वर्षा की और जनाजे में हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए. वहीं, डीडवाना विधायक चेतन डूडी, लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, पूर्व मंत्री यूनुस खान सहित कई स्थानीय नेताओं ने पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि दी. साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों में नागौर एडीएम मनोज कुमार डीडवाना, सीओ गणेशाराम, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल राजवीर सिंह सहित कई अधिकारियों ने पुष्प चक्र भेंट कर शहीद को श्रद्धांजलि दी.

नागौर. बीकानेर के महाजन फायरिंग रेंज में भारत और फ्रांस की सेना के बीच चल रहे संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान टैंक टी 72 का बैरल फटने से सेना की आर्मर्ड कॉर्प की 90 रेजिमेंट में कार्यरत शब्बीर खान शहीद हो गए थे. मूल रूप से डीडवाना उपखंड के गांव दाऊसर के शब्बीर खान को शनिवार को लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी.

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शब्बीर खान को किया गया सपुर्द-ए-खाक

जानकारी के अनुसार शहीद शब्बीर खान टैंक के ड्राइवर थे और युद्धाभ्यास के दौरान टैंक का बैरल फटने से केबिन में धुंआ भर गया. जिससे दम घुटने की वजह से उनकी मौत हो गई. इस हादसे के बाद रेजिमेंट के जवानों ने जान की परवाह किए बगैर जलते टैंक से उनको बाहर निकाल कर बचाने की कोशिश की लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था.

भारतीय सेना की आर्मर्ड कॉर्प की 90 आर्मर्ड रेजिमेंट में हवलदार के पद पर तैनात शब्बीर खान 2002 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. दाऊदसर गांव में जन्मे शब्बीर खान के पिता मजीद खान गांव में ही अपनी एक छोटी सी दुकान चलाते हैं. शब्बीर खान तीन भाइयों में सबसे छोटे थे उनसे बड़े दो भाई विदेश में रहते हैं. शहीद शब्बीर खान के पीछे उनकी पत्नी दौलत बानो और तीन बच्चे हैं. सबसे बड़ा बेटा असफाक है जिसकी उम्र 14 साल है और उसके बाद साहिल 10 साल का है, सबसे छोटी बेटी शाहीन है जो 8 साल की है.

पढ़ेंः जांच आयोग की रिपोर्ट पर सरकार कार्रवाई करने को बाध्य नहींः महाधिवक्ता

शब्बीर की शहादत पर उनके गांव के लोगों का कहना है कि शब्बीर ने अपने खानदान का ही नहीं बल्कि गांव का नाम का भी रोशन किया है. बता दें कि शहीद शब्बीर खान का पार्थिव देह को शुक्रवार रात को बीकानेर से डीडवाना लाया गया था. जिसके बाद शनिवार को सेना के विशेष वाहन से उनके गांव लाया गया.

इस दौरान लोगों ने जगह-जगह शहीद पर पुष्प वर्षा की और जनाजे में हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए. वहीं, डीडवाना विधायक चेतन डूडी, लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, पूर्व मंत्री यूनुस खान सहित कई स्थानीय नेताओं ने पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि दी. साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों में नागौर एडीएम मनोज कुमार डीडवाना, सीओ गणेशाराम, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल राजवीर सिंह सहित कई अधिकारियों ने पुष्प चक्र भेंट कर शहीद को श्रद्धांजलि दी.

Intro:शहीद शब्बीर खान को अंतिम विदाई,
पैतृक ग़ांव दाउद सर में सैन्य सम्मान के साथ किया गया सुपुर्द-ए-ख़ाक,
हजारों की संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने दी नम आंखों से विदाई,
भारत माता की जय और शब्बीर खान अमर रहे के लगते रहे नारे


एंकर - बीकानेर के महाजन फायरिंग रेंज में भारत और फ्रांस की सेना के बीच चल रहे संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय सेना के टैंक टी 72 वीए का बैरल फटने से हुए हादसे में शहीद हुए दाऊदसर के लाल को हजारों नम आंखों ने अंतिम विदाई दी। शहीद के पैतृक गांव में सेना की गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शहीद को सपुर्द-ए-ख़ाक किया गया।



Body:मादरे वतन से मुहब्बत करने वाले उस पर मार मिट जाते हैं,
चाहे मैदान-ए-जंग हो या देश की ताकत दिखाने का कोई मौका,
वो हर हालात में वक्त पड़ने पर वतन के लिए ख़ाक हो जाते हैं,

कुछ ऐसी ही कहानी है भारतीय सेना की आर्मर्ड कॉर्प की 90 रेजिमेंट के दफादार शब्बीर खान की जो महाजन फायरिंग रेंज में चल रहे भारत और फ्रांस की सेनाओं के संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान टैंक टी72 का बैरल फटने से शहीद हो गए। शहीद शब्बीर खान टैंक के ड्राइवर थे टैंक का बैरल फटने से केबिन में धुंआ भर गया जिससे दम घुटने की वजह से उनकी मौत हो गई। हादसे के बाद रेजिमेंट के जवानों ने जान की परवाह किए बगैर जलते टैंक से उनको बाहर निकालकर शब्बीर खान को बचाने की कोशिश की लेकिन सायद होनी को यही मंजूर था।

भारतीय सेना की आर्मर्ड कॉर्प की 90 आर्मर्ड रेजिमेंट में हवलदार के पद पर तैनात शब्बीर खान 2002 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। मूल रूप से डीडवाना उपखण्ड के ग़ांव दाऊदसर में जन्मे शब्बीर खान के पिता मजीद खान ग़ांव में ही अपनी एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। शब्बीर खान तीन भाइयों में सबसे छोटे थे उनसे बड़े दो भाई विदेश में रहते हैं। शहीद शब्बीर खान के पीछे उनकी पत्नी दौलत बानोऔर तीन बच्चे हैं सबसे बड़ा बेटा असफाक है जिसकी उम्र 14 साल है उसके बाद साहिल 10 साल और सबसे छोटी बेटी शाहीन है जो 8 साल की है। शहीद शब्बीर खान 23 अगस्त को छुट्टी काटकर गए थे और युद्धाभ्यास के बाद वापस ग़ांव आने का घरवालों से कहा था लेकिन युद्धाभ्यास के दौरान हुए हादसे में शहीद हो गए। अपने ग़ांव के सपूत की शहादत पर ग़ांव वालों को फ़क्र है। लोगों का कहना है कि शब्बीर ने ना केवल अपना और अपने खानदान का बल्कि इस ग़ांव का भी नाम रोशन कर दिया।







Conclusion:शहीद शब्बीर खान की पार्थिव देह को कल रात ही बीकानेर से डीडवाना लाया गया जहां से अल सुबह ही सेना के विशेष वाहन में डीडवाना से उनके पैतृक गांव लाया गया जहां लोगो ने जगह जगह पर शहीद पर पुष्प वर्षा की। शहीद के जनाजे में हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए । डीडवाना विधायक चेतन डूडी, लाडनूँ विधायक मुकेश भाकर, पूर्व मंत्री यूनुस खान सहित कई स्थानीय नेताओं ने पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि दी वहीं प्रशासनिक अधिकारियों में नागौर एडीएम मनोज कुमार डीडवाना सीओ गणेशाराम, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल राजवीर सिंह सहित कई अधिकारियों ने पुष्प चक्र भेंट कर शहीद को श्रद्धांजलि दी।
बाईट 1 ईशाक खान भाई
बाईट 2 हाकम अली रिटायड सेना अधिकारी
बाईट 3 -ओमप्रकाश रिसलदार सेना अधिकारी
Last Updated : Nov 3, 2019, 12:08 AM IST
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