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नागौर के कठौती गांव में हजारों पेड़ काटे और जलाकर बनाया कोयला, हकीकत देख प्रशासन भी रह गया दंग

नागौर के कठौती गांव में राजस्व विभाग की जमीन पर लगे अंग्रेजी बबूल के हजारों पेड़ काटने और लकड़ियां जलाकर कोयला बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि यह कोयला कौन और कहां भेजा जा रहा था. एसडीएम का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है.

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Published : Aug 1, 2019, 9:42 PM IST

नागौर. जायल तहसील के कठौती गांव के पास अंग्रेजी बबूल के हजारों पेड़ काट लिए गए. उनकी लकड़ियों को जलाकर कोयला बना दिया गया. खास बात यह है कि इसकी प्रशासन को भनक तक नहीं लगी. वन विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ एसडीएम सुरेश कुमार जब मौके पर पहुंचे तो वहां के हालात देखकर वे खुद हैरान रह गए.

नागौर के कठौती गांव में हजारों पेड़ काटे

मौके पर हजारों की संख्या में कटे पेड़ों की लकड़ियां मिली हैं. इसके साथ ही लकड़ियों को जलाकर बनाया गया कोयला भी बोरियों में भरा मिला है. वन विभाग के अधिकारी रामचंद्र गुसाईवाल ने बताया कि यह जमीन राजस्व विभाग के अधीन है. उन्होंने मौके पर मिली लकड़ियां जब्त कर ली है.

यह भी पढ़ेंः कॉलेज छात्रा से दुष्कर्म के मामले में एक ही आरोपी गिरफ्तार, पीड़िता ने SP से लगाई गुहार

फिलहाल, इस संबंध में थाने में मामला दर्ज नहीं करवाया गया है. प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने कुंभाराम बावरी के नाम ग्राम पंचायत कठौती के द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र पेश किया. हालांकि, एसडीएम सुरेश कुमार का कहना है कि यह जमीन राजस्व विभाग की है. इसलिए ग्राम पंचायत की एनओसी का कोई औचित्य ही नहीं है.

यह भी पढ़ेंः उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की मनाई जयंती, वक्ताओं ने कहा- युवा लेखकों के लिए हैं मिसाल

फिलहाल यह पूरा मामला वन विभाग और प्रशासन के लिए गुत्थी बना हुआ है. एसडीएम का कहना है कि यह कोयला किस काम में लिया जा रहा था और कौन सप्लाई कर रहा था. इसकी जांच की जा रही है.

नागौर. जायल तहसील के कठौती गांव के पास अंग्रेजी बबूल के हजारों पेड़ काट लिए गए. उनकी लकड़ियों को जलाकर कोयला बना दिया गया. खास बात यह है कि इसकी प्रशासन को भनक तक नहीं लगी. वन विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ एसडीएम सुरेश कुमार जब मौके पर पहुंचे तो वहां के हालात देखकर वे खुद हैरान रह गए.

नागौर के कठौती गांव में हजारों पेड़ काटे

मौके पर हजारों की संख्या में कटे पेड़ों की लकड़ियां मिली हैं. इसके साथ ही लकड़ियों को जलाकर बनाया गया कोयला भी बोरियों में भरा मिला है. वन विभाग के अधिकारी रामचंद्र गुसाईवाल ने बताया कि यह जमीन राजस्व विभाग के अधीन है. उन्होंने मौके पर मिली लकड़ियां जब्त कर ली है.

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फिलहाल, इस संबंध में थाने में मामला दर्ज नहीं करवाया गया है. प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने कुंभाराम बावरी के नाम ग्राम पंचायत कठौती के द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र पेश किया. हालांकि, एसडीएम सुरेश कुमार का कहना है कि यह जमीन राजस्व विभाग की है. इसलिए ग्राम पंचायत की एनओसी का कोई औचित्य ही नहीं है.

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फिलहाल यह पूरा मामला वन विभाग और प्रशासन के लिए गुत्थी बना हुआ है. एसडीएम का कहना है कि यह कोयला किस काम में लिया जा रहा था और कौन सप्लाई कर रहा था. इसकी जांच की जा रही है.

Intro:नागौर जिले के कठौती गांव में राजस्व विभाग की जमीन पर लगे अंग्रेजी बबूल के हजारों पेड़ काटने और लकड़ियां जलाकर कोयला बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि यह कोयला कौन और कहां भेजा जा रहा था। एसडीएम का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है।Body:नागौर. जिले की जायल तहसील के कठौती गांव के पास अंग्रेजी बबूल के हजारों पेड़ काट लिए गए। उनकी लकड़ियों को जलाकर कोयला बना दिया गया। खास बात यह है कि इसकी प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। वन विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ एसडीएम सुरेश कुमार जब मौके पर पहुंचे। तो वहां के हालात देखकर वे खुद हैरान रह गए। मौके पर हजारों की संख्या में कटे पेड़ो की लकड़ियां मिली हैं। इसके साथ ही लकड़ियों को जलाकर बनाया गया कोयला भी बोरियों में भरा मिला है। वन विभाग के अधिकारी रामचंद्र गुसाईवाल ने बताया कि यह जमीन राजस्व विभाग के अधीन है। उन्होंने मौके पर मिली लकड़ियां जब्त कर ली है। फिलहाल, इस संबंध में थाने में मामला दर्ज नहीं करवाया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने कुंभाराम बावरी के नाम ग्राम पंचायत कठौती के द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र पेश किया। हालांकि, एसडीएम सुरेश कुमार का कहना है कि यह जमीन राजस्व विभाग की है। इसलिए ग्राम पंचायत की एनओसी का कोई औचित्य ही नहीं है।Conclusion:फिलहाल यह पूरा मामला वन विभाग और प्रशासन के लिए गुत्थी बना हुआ है। एसडीएम का कहना है कि यह कोयला किस काम में लिया जा रहा था और कौन सप्लाई कर रहा था। इसकी जांच की जा रही है।
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