नागौर. कोरोना ने प्रदेश के बड़े शहरों ही नहीं बल्कि छोटे कस्बों और गांवों तक में कहर बरपाना शुरू कर दिया है. संसाधनों के अभाव में कस्बों और गांवों के लोग शहर के अस्पताल का रुख करते हैं. लेकिन अब तो बड़े अस्पतालों में भी नए मरीजों के लिए कोई बेड खाली नहीं है और ऑक्सीजन की भी भारी किल्लत है. ऐसे में छोटे क्षेत्रों के लोग बेमौत मर रहे हैं. संसाधनों की कमी के लिए ज्यादातर लोग सरकारों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. लेकिन इस भयावह दौर में नागौर जिले का निंबीजोधा कस्बा मिसाल बनकर सामने आया है.
पिछले दिनों गांव में ऑक्सीजन की कमी से हुई एक मौत के बाद संसाधनों और ऑक्सीजन की कमी से किसी और कि मौत ना हो, इसके लिए संसाधन जुटाने के लिए गांव में एक मुहिम चलाई गई और नतीजा बिल्कुल सकारात्मक रहा है. जानकारी के मुताबिक 3 दिन पहले निम्बी जोधा के मूल निवासी और जोधपुर में कार्यरत ASP रामेश्वरलाल को कस्बे में ऑक्सीजन की कमी के चलते एक शख्स की मौत की खबर मिली तो इसकी पड़ताल कराई तो सामने आया कि निम्बिजोधा CHC पर दस सिलेंडरों की व्यवस्था है, पर अधिकतर सिलेंडर खाली हैं.
इससे रामेश्वर लाल परेशान हो गए. इसके बाद उन्होंने निम्बी जोधा CHC प्रभारी व गांव की सामाजिक संस्थाओं से बात की और जनसहयोग से गांव में चिकित्सा व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने का सुझाव दिया. ASP की प्रेरणा से क्षेत्र की दो सामजिक संस्थाओं ने सोशल मीडिया पर मुहीम चला महज 3 दिनों में ही 6 लाख 50 हजार रुपये की राशि जुटा ली है. जिसमें अभी भी इजाफा होना जारी है. अब अगले एक दो दिन में इस रकम से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व सिलेंडर खरीदकर निम्बी जोधा CHC में सौंपे जाएंगे. ताकि भविष्य में क्षेत्र में किसी मरीज की ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत न हो.
कस्बे की CHC पर ऑक्सीजन की समुचित व्यवस्था करवाने के लिए रामेश्वरलाल की प्रेरणा से व्हाट्सएप्प ग्रुप पर मुहीम चलाई गई. इसके नतीजे बेहतरीन आये और संत क्लब के तत्वावधान में चलाई गई इस सोशल मिडिया मुहीम से महज तीन दिन में हीं साढे चार लाख रुपये की जनसहयोग राशि जुटा ली गई है. इसके अलावा कस्बे के गणपति सेवा संस्थान के माध्यम से भी जनसहयोग से करीब दो लाख रुपये की राशि जुटाई गई है. कुल मिलाकर अभी तक 6.50 लाख रूपये जुटा लिए गए हैं, जिनमें अभी भी इजाफा होना जारी है.